मसालों में पेस्टीसाइड लिमिट पर भारत में सबसे कड़े मानक, 10 गुना छूट देने के मामले में FSSAI का तीखा बयान आया

मसालों में पेस्टीसाइड लिमिट पर भारत में सबसे कड़े मानक, 10 गुना छूट देने के मामले में FSSAI का तीखा बयान आया

भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) कहा कि भारत में पेस्टीसाइड के लिए मैक्सिमम रेसिड्यू लिमिट (MRL) के सबसे कड़े मानक हैं. मैक्सिमम रेसिड्यू लिमिट नेचुरल और डायनमिक है और इसे वैज्ञानिक डेटा के आधार पर रिवाइज किया जाता है. कहा गया है कि लिमिट में बदलाव वैश्विक स्टैंडर्ड के अनुसार है.

भारत में पेस्टीसाइड रेसिड्यू लिमिट के लिए दुनियाभर से ज्यादा कड़े मानक हैं.
क‍िसान तक
  • Noida,
  • May 06, 2024,
  • Updated May 06, 2024, 1:01 PM IST

भोजन पकाने में इस्तेमाल किए जाने वाले मसालों में पेस्टीसाइड के लिए मैक्सिम रेसिड्यू लिमिट को लेकर भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) बयान जारी किया है, जिसमें स्पष्ट किया है कि भारत में पेस्टीसाइड रेसिड्यू लिमिट के लिए दुनियाभर से ज्यादा कड़े मानक हैं. कहा गया कि पेस्टीसाइड रेसिड्यू लिमिट वैज्ञानिक आंकड़ों के आधार पर बदली जाती है. बता दें कि MDH और एवरेस्ट मसाला विवाद के बाद ऐसी खबरें आई थीं कि केंद्र ने अप्रैल से मसालों और जड़ी बूटियों के लिए पेस्टीसाइड रेसिड्यू लिमिट में 10 गुना छूट दे दी है. इस पर खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण ने बयान जारी किया है. 

भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) कहा कि भारत में पेस्टीसाइड के लिए मैक्सिमम रेसिड्यू लिमिट (MRL) के सबसे कड़े मानक हैं. बयान में कहा गया कि मैक्सिमम रेसिड्यू लिमिट नेचुरल और डायनमिक है और इसे वैज्ञानिक डेटा के आधार पर रिवाइज किया जाता है. कहा गया है कि लिमिट में बदलाव वैश्विक स्टैंडर्ड के अनुसार है और यह पक्का किया गया है कि मैक्सिमम रेसिड्यू लिमिट में बदलाव ताजा वैज्ञानिक रिजल्ट्स, अंतरराष्ट्रीय स्टैंडर्ड के आधार पर ही हों.

खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण ने यह भी स्पष्ट किया कि मसालों में केवल उन पेस्टीसाइट रेसिड्यू के लिए 0.01 मिलीग्राम प्रति किलोग्राम की लिमिट को बढ़ाकर 0.1 मिलीग्राम प्रति किलोग्राम किया गया है जो केंद्रीय कीटनाशक बोर्ड और पंजीकरण समिति (CIBRC) में रजिस्टर नहीं हैं. कहा गया कि पेस्टीसाइड रेसिड्यू पर यह बदलाव वैज्ञानिक पैनल की सिफारिश पर किया गया. बता दें कि यह बयान कुछ मीडिया रिपोर्टों के बाद जारी किया है, जिसमें कहा गया था कि भारत ने अप्रैल में मसालों और जड़ी-बूटियों में पेस्टीसाइड के लिए मैक्सिमम रेसिड्यू लिमिट में 10 गुना की छूट दी है. 

मसालों में बढ़ाई गई लिमिट 

खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण के अनुसार मैक्सिमम रेसिड्यू लिमिट 0.01 मिलीग्राम प्रति किग्रा उन पेस्टीसाइड के लिए लागू था जिनके लिए रेसिड्यू लिमिट तय नहीं थी. यह लिमिट केवल मसालों के मामले में 0.1 मिलीग्राम प्रति किग्रा तक बढ़ाई गई थी. इसे केवल उन पेस्टीसाइड के लिए लागू किया गया है जो केंद्रीय कीटनाशक बोर्ड और पंजीकरण समिति (CIBRC) में रजिस्टर्ड नहीं हैं. कहा गया कि वैश्विक स्तर पर विभिन्न मसालों के लिए 2021-23 के दौरान पेस्टीसाइड रेसिड्यू पर अंतरराष्ट्रीय फूड स्टैंडर्ड रेगुलटरी कोडेक्स एलिमेंटेरियस आयोग (CAC) ने 0.1 मिलीग्राम प्रति किग्रा और उससे अधिक की लिमिट को अपनाने पर पेस्टीसाइड रेसिड्यू पर वैज्ञानिक पैनल ने सिफारिश की थी. 

कीटनाशक बोर्ड करता है रेसिड्यू लिमिट की सिफारिश 

पेस्टीसाइड रेसिड्यू पर वैज्ञानिक पैनल केंद्रीय कीटनाशक बोर्ड और पंजीकरण समिति (CIBRC) से मिलने वाले आंकड़ों की जांच करता है और फिर रिस्क एसेसमेंट के बाद मैक्सिमम रेसिड्यू लिमिट की सिफारिश करता है. रिस्क एसेसमेंट डेटा के आधार पर रेसिड्यू लिमिट अलग-अलग फूड प्रोडक्ट के लिए अलग-अलग तय की जाती है. उदाहरण के लिए पेस्टीसाइड मोनोक्रोटोफॉस के इस्तेमाल की लिमिट चावल में 0.03 मिलीग्राम प्रति किलो, खट्टे फलों में 0.2 मिलीग्राम प्रति किलो , कॉफी बीन्स में 0.1 मिलीग्राम प्रति किलो और इलायची में 0.5 मिलीग्राम प्रति किलो, मिर्च में 0.2 मिलीग्राम प्रति किलो की अनुमति है. खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण ने कहा कि कई मामलों में पेस्टीसाइड के रेसिड्यू लिमिट मामले में भारत के स्टैंडर्ड वैश्विक कोडेक्स स्टैंडर्ड से भी अधिक कड़े हैं. 

कोडेक्स मानक से कम पेस्टीसाइड रेसिड्यू लिमिट 

मिर्च के लिए इस्तेमाल होने वाले पेस्टीसाइड मायक्लोबुटानिल के लिए कोडेक्स की ओर से तय मैक्सिमम रेसिड्यू लिमिट 20 मिलीग्राम प्रति किलो है. जबकि, भारतीय खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण की ओर से तय लिमिट 2 मिलीग्राम प्रति किलो है. इसी तरह मिर्च में इस्तेमाल की जाने वाली स्पाइरोमेसिफेन के लिए कोडेक्स लिमिट 5 मिलीग्राम प्रति किलो है जबकि खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण की लिमिट 1 मिलीग्राम प्रति किग्रा है. इसी तरह काली मिर्च के लिए इस्तेमाल होने वाले पेस्टीसाइड मेटालैक्सिल और मेटालैक्सिल-एम के लिए कोडेक्स स्टैंडर्ड 2 मिलीग्राम प्रति किलो है, जबकि खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण की ओर से तय लिमिट 0.5 मिलीग्राम प्रति किग्रा है.

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