आम, सब्जी या दूसरे कृषि प्रोडक्ट की निर्यात लागत घटेगी, JNPT की बजाय जयगढ़ पोर्ट से एक्सपोर्ट की तैयारी

आम, सब्जी या दूसरे कृषि प्रोडक्ट की निर्यात लागत घटेगी, JNPT की बजाय जयगढ़ पोर्ट से एक्सपोर्ट की तैयारी

वर्तमान में कोंकण क्षेत्र से कृषि उत्पादों का निर्यात JNPT पोर्ट के माध्यम से होता है जो लगभग 350 किमी दूर है. जयगढ़ पोर्ट को सुविधाजनक बनाने से रसद लागत में 10 प्रतिशत की कमी आएगी और होल्डिंग समय कम से कम दो दिन कम हो जाएगा.

वर्तमान में जयगढ़ पोर्ट से चीनी, गुड़ और गेहूं जैसे गिने चुने उत्पाद ही निर्यात हो रहे हैं. वर्तमान में जयगढ़ पोर्ट से चीनी, गुड़ और गेहूं जैसे गिने चुने उत्पाद ही निर्यात हो रहे हैं.
क‍िसान तक
  • Noida,
  • May 29, 2024,
  • Updated May 29, 2024, 4:54 PM IST

महाराष्ट्र और कर्नाटक के कृषि उत्पाद सब्जी, फल या दूसरी वस्तुएं महाराष्ट्र के जवाहर लाल नेहरू पोर्ट टर्मिनल (JNPT) से एक्सपोर्ट होती हैं, जिससे कोंकण, उत्तर कर्नाटक और आसपास क्षेत्र के किसानों और ट्रेडर्स को ट्रांसपोर्ट लागत समेत दूसरे खर्चे अधिक करने पड़ते हैं. इन खर्चों को घटाने और उत्पाद की क्वालिटी बेहतर बनाए रखने के लिए नजदीक स्थित जयगढ़ पोर्ट से कृषि उत्पाद निर्यात करने की योजना है. वर्तमान में जयगढ़ पोर्ट से चीनी, गुड़ और गेहूं जैसे गिने चुने उत्पाद ही निर्यात हो रहे हैं. 

केंद्र सरकार के अधीन कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) और राज्य सरकार के अधीन संस्था महाराष्ट्र इंस्टीट्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मेशन (MIT) कोंकण और आसपास के क्षेत्रों से आम और अन्य कृषि उत्पादों के निर्यात के लिए जयगढ़ पोर्ट को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है. ताकि किसानों और ट्रेडर्स की लागत घटाई जा सके. इस पोर्ट से निर्यात होने का किसानों को अधिक लाभ मिलेगा. 

वर्तमान में कोंकण क्षेत्र से कृषि उत्पादों का निर्यात JNPT पोर्ट के माध्यम से होता है जो लगभग 350 किमी दूर है. जयगढ़ पोर्ट को सुविधाजनक बनाने से रसद लागत में 10 प्रतिशत की कमी आएगी और होल्डिंग समय कम से कम दो दिन कम हो जाएगा. रिपोर्ट के अनुसार APEDA के निदेशक और MIT के पदाधिकारियों के अनुसार महाराष्ट्र के जयगढ़ जिले में JSW जयगढ़ पोर्ट को कृषि उत्पादों के निर्यात को संभालने के कई फायदे मिलेंगे. 

लागत घटेगी, क्वालिटी बेहतर बनी रहेगी

अगर रत्नागिरी से आम के कंटेनर भेजने की लागत अभी 60,000 रुपये है तो इसे जयगढ़ पोर्ट से निर्यात करने बचाया जा सकेगा और उत्पाद की क्वालिटी भी बेहतर बनी रहेगी. क्योंकि जेएनपीटी में दो दिनों तक रोके रखने के बजाय जयगढ़ पोर्ट से तुरंत प्रोडक्ट का निर्यात किया जा सकेगा. निर्यात को संभालने के लिए न्यू मैंगलोर और जेएनपीटी के बीच कोई बंदरगाह नहीं है. 

जयगढ़ पोर्ट की कनेक्टिविटी बढ़िया 

एपीडा के अनुसार अगर जयगढ़ पोर्ट को कृषि उत्पाद निर्यात करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है तो गोवा और कारवार बंदरगाहों के उपयोग का रास्ता भी खुल जाएगा. जयगढ़ पोर्ट सालाना 550 लाख टन संभाल सकता है और यह एकमात्र ऐसा बंदरगाह है जो पश्चिमी तट पर न्यू मैंगलोर और जेएनपीटी के बीच कंटेनर संभाल सकता है. यह बंदरगाह राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है. 

जयगढ़ पोर्ट पर एक्सपोर्ट संबंधी कई सुविधाएं 

जयगढ़ पोर्ट के तहत  आने वाले इलाकों में कोंकण, कोल्हापुर, सतारा, सांगली, सोलापुर और उत्तरी कर्नाटक शामिल हैं. वर्तमान में जयगढ़ पोर्ट से चीनी, गुड़, गेहूं और मक्का जैसे उत्पादों को निर्यात और आयात किया जाता है. हाल ही में यहां पर कंटेनर सर्विसेज शुरू हुई हैं और कार्गो हैंडलिंग और कस्टम क्लीयरेंस जैसी सुविधाएं भी दी जा रही हैं. इससे आसपास के कृषि क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिला है.
 

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