फर्जी ई-ट्रैफिक चालान के जरिए लोगों से धोखाधड़ी का नया तरीका स्कैमर्स ने खोज निकाला है. ई-ट्रैफिक चालान के लिंक पर क्लिक करते ही ठग आपके बैंक खाते से एक मिनट में रकम साफ कर देते हैं. इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने हाल ही में फर्जी ट्रैफिक ई-चालान स्कैम के बारे में लोगों गाइडलाइन जारी की है. लोगों से ऐसे ई-ट्रैफिक चालान पर भरोसा नहीं करने और सतर्क रहने को कहा गया है.
इस प्रकार के घोटाले में व्यक्तियों को ट्रैफिक ई-चालान के भुगतान के लिए एक फर्जी लिंक पर क्लिक करने को कहा जाता है. ई-ट्रैफिक चालान और उसका संदेश हूबहू असली जैसै दिखता है, जिसके चलते इसके फर्जी होने पर शक नहीं होता है. धोखाधड़ी वाला संदेश कुछ इस तरह होगा - आपका चालान नंबर..., वाहन नंबर के लिए है... चालान राशि 500 रुपये है. ई-चालान के ऑनलाइन भुगतान के लिए https://echallanparivahan.in/ पर जाएं. आप आरटीओ कार्यालय से भी संपर्क कर सकते हैं.
एक बार जब आप ई-चालान का भुगतान करने के लिए इस पेमेंट लिंक पर क्लिक करते हैं तो आपको ट्रैफिक ई-चालान का भुगतान करने के लिए पुलिस के बजाय साइबर अपराधी वह रकम हासिल कर लेंगे. जबकि, इसके अलावा आपके लॉगइन, बैंक डिटेल्स ठगों के पास पहुंच जाएगी, जिससे वह आपके बैंक खाते में मौजूद रकम को साफ कर सकते हैं.
जालसाजों ने ट्रैफिक अधिकारियों द्वारा उपयोग किए जाने वाले प्रारूप की सावधानीपूर्वक नकल की है. इसलिए मैसेज पहली नजर में वास्तविक लग सकता है. हालांकि, यदि आप इसकी बारीकी से जांच करें तो आप ठगी के जाल का पता लगा सकते हैं.
ये भी पढ़ें - Train Ticket Refund: ट्रेन छूट गई तो ऐसे कैंसिल कराना होगा टिकट, IRCTC से तुरंत मिलेगा रिफंड, जान लीजिए नियम
ध्यान दें कि साइबर अपराधियों ने धोखाधड़ी वाला मैसेज कैसे तैयार किया है. मैसेज में लिखा है आप चालान के निपटान के लिए आरटीओ कार्यालय से भी संपर्क कर सकते हैं. साइबर अपराधी आरटीओ कार्यालय जान की असमर्थता का फायदा उठाते हैं. बहुत कम लोग आरटीओ कार्यालय जाकर चालान डिटेल्स के बारे में पूछताछ करते हैं. यदि चालान की आर्थिक राशि अधिक होती है तो शायद यह लोगों को आरटीओ ऑफिस जाने के लिए प्रेरित करती. इसलिए जब भी आपको ऐसे संदेश प्राप्त हों तो भुगतान करने में जल्दबाजी न करें.
आपको सावधान रहना चाहिए और संदिग्ध लगने वाले किसी भी लिंक पर क्लिक नहीं करना चाहिए. ई-चालान वेबसाइट पर आपके वाहन नंबर और ड्राइविंग लाइसेंस नंबर का उपयोग करके भी ई-चालान को वेरीफाई किया जा सकता है. इसके अलावा यदि चालान की राशि बहुत अधिक है तो चालान के वेरीफिकेशन के लिए स्वयं आरटीओ कार्यालय जाने की सलाह दी जाती है.