केंद्र सरकार इथेनॉल की कीमतों में बढ़ोत्तरी पर विचार कर रही है. लेकिन, मक्का, अनाज और सी हेवी गुड़ से बनने वाले इथेनॉल की कीमतों में इजाफे की संभावना नहीं दिख रही है. देशभर की चीनी मिलों को 2024-25 में सप्लाई के लिए 837 करोड़ लीटर इथेनॉल करने का ऑर्डर मिला है. ऐसे में इथेनॉल की खरीद कीमत में बढ़ोत्तरी की मांग को केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने की संभावनाएं जताई जा रही थीं. अब सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि पेट्रोलियम मंत्रालय ने उन दरों को अंतिम रूप दे दिया है, जिस पर ऑयल मार्केटिंग कंपनियां इथेनॉल खरीदेंगी और जल्द ही इसकी घोषणा हो सकती है.
इथेनॉल की कीमतों में बढ़ोत्तरी की संभावनाओं के बीच सूत्रों के हवाले से आई रिपोर्ट के अनुसार केंद्र सरकार नवंबर 2024 से शुरू होने वाले मौजूदा इथेनॉल आपूर्ति वर्ष (ESY) के लिए इथेनॉल की कीमत में 1.5 रुपये से 1.7 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर सकती है. सूत्रों ने बताया कि कीमत में बढ़ोतरी केवल गन्ने के रस यानी सिरप और बी-हैवी गुड़ से बने इथेनॉल तक ही सीमित रहने की संभावना है. कहा गया कि मक्का, खाद्यान्न (चावल) और सी-हैवी गुड़ से बने इथेनॉल की दरों में बदलाव की संभावना नहीं है.
सूत्रों के हवाले से बिजनेसलाइन की रिपोर्ट में कहा गया है कि मक्का, टूटे अनाज (चावल) और सी-हैवी गुड़ से बनने वाले इथेनॉल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया जा सकता है. इथेनॉल आपूर्ति वर्ष 2023-24 तक मक्का से बनने पर एथनॉल की कीमत 71.86 रुपये प्रति लीटर, गन्ने के रस या सिरप से बने इथेनॉल का दाम 65.61 रुपये प्रति लीटर, टूटे चावल से 64 रुपये प्रति लीटर, बी-हैवी गुड़ से बनने पर पुराना खाद्यान्न 60.73 रुपये लीटर और सी हैवी गुड़ से बने इथेनॉल के लिए कीमत 56.28 रुपये प्रति लीटर थी. एफसीआई की ओर से सब्सिडी वाले चावल से बने एथनॉल के लिए भी 20 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से अलग कीमत थी, जिसे अब बंद कर दिया गया है.
सूत्रों ने बताया कि पेट्रोलियम मंत्रालय ने उन दरों को अंतिम रूप दे दिया है, जिस पर ऑयल मार्केटिंग कंपनियां इथेनॉल खरीदेंगी और कैबिनेट जल्द ही इसको मंजूरी दे सकता है.
पिछले इथेनॉल सप्लाई वर्ष में या नवंबर 2023 से कुछ सप्ताह पहले सी हेवी गुड़ और अनाज के लिए इथेनॉल की कीमतों में बदलाव हुआ था. इसलिए सरकार को लगता है कि इसे और बढ़ाने की कोई जरूरत नहीं है. दूसरी ओर गन्ने के रस और बी हेवी गुड़ से इथेनॉल पर प्रतिबंध के चलते 2023-24 आपूर्ति वर्ष के दौरान उनकी कीमतों में कोई बदलाव नहीं हो सका.
भारतीय चीनी और जैव-ऊर्जा निर्माता संघ (ISMA) ने कहा कि बढ़ती पूंजी और इनपुट लागत के साथ विभिन्न फीडस्टॉक से इथेनॉल की कीमत में बदलाव की जरूरत है. इस्मा ने कहा कि कीमतों में बढ़ोत्तरी से नई परियोजनाओं के लिए निवेश पर रिटर्न को कवर करने और पिछले साल चीनी के रस या सिरप पर प्रतिबंध के चलते हुए घाटे की भरपाई करने में मदद मिलेगी. यह बदलाव चीनी मिलों को टारगेट पूरा करने और देश के विकास में योगदान जारी रखने के लिए प्रेरित करेगा. इस्मा ने सरकार से मौजूदा इथेनॉल ब्लेंडिंग प्रोग्राम (ईबीपी) को 2025 से आगे ले जाने के लिए उन्नत जैव ईंधन नीतियां लाने का भी आग्रह किया है.
इस्मा के सुझावों में 770 करोड़ लीटर अतिरिक्त इथेनॉल उत्पादन क्षमता बनाने के लिए 35,000 करोड़ की सब्सिडी योजना की घोषणा शामिल है. सूत्रों ने बताया कि 31 अक्टूबर तक देश में इथेनॉल उत्पादन क्षमता 1,683 करोड़ लीटर था और यह आपूर्ति वर्ष 2025-26 तक 20 फीसदी ब्लेंडिंग टारगेट मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त है.