केंद्र सरकार का 2025-26 के लिए बजट 1 फरवरी को पेश होगा. इस बजट में कृषि और इससे जुड़े क्षेत्रों के लिए बजट आवंटन बढ़ने की उम्मीद की जा रही है. क्योंकि, इस बार नेचुरल और ऑर्गनिक फार्मिंग के साथ ही खेती में टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल को बढ़ावा देने पर सरकार का फोकस हो सकता है. इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र के विकास भी बजट में प्रमुखता हासिल कर सकता है. क्योंकि, दोनों ही क्षेत्र किसान, मजदूर और महिला वर्ग से जुड़े हुए हैं.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतरमण 1 फरवरी को आम बजट 2025-26 पेश करने वाली हैं. यह उनका लगातार 8वां बजट होगा. इस बार के बजट में अनुमान है कि सरकार ग्रामीण विकास के लिए कृषि सेक्टर को दिया जाने वाला बजट बढ़ा सकती है. इसके अलावा सरकार मध्य वर्ग, किसान, महंगाई और रोजगार पर सबसे ज्यादा फोकस करेगी. किसानों को फसल का वाजिब दाम दिलाने से जुड़े कदम उठाए जा सकते हैं.
केंद्र सरकार कृषि विकास के लिए बजट बढ़ा सकती है. एग्रीकल्चर एक्सपर्ट का मानना है कि सरकार इस बार कृषि और उससे जुड़े कार्यों के लिए 1.60 लाख करोड़ रुपये का बजट आवंटित कर सकती है. पिछला बजट 23 जुलाई 2024 को पेश किया गया था, जिसमें कृषि क्षेत्र के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये कर दिया है. उससे पहले कृषि और संबद्ध क्षेत्र के लिए 1.47 लाख करोड़ रुपये का बजट रखा गया था.
केंद्र सरकार का ग्रामीण विकास पर खास ध्यान है. ऐसे में इस क्षेत्र के लिए भी सरकार बजट में इजाफा कर 2.70 लाख करोड़ रुपये से भी अधिक राशि का प्रावधान कर सकती है. पिछली बार यानी 23 जुलाई 2024 को पेश किए गए बजट में ग्रामीण विकास के लिए 2.66 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था.
इस बार के बजट में अफॉर्डेबल आवास स्कीम का दायरा बढ़ाने की मांग की जा रही है. इस पर सरकार फैसला ले सकती है. इनके अलावा भी एजुकेशन, हॉस्पिटैलिटी, ऑटो सेक्टर, मैन्युफैक्चरिंग और ग्लोबल सप्लाई चेन तक के लिए बजट में कई बड़े एलान किए जाने की संभावना है.