Basant Panchami 2023: बसंत पंचमी पर क्यों पहना जाता है पीला रंग, यहां जानें वजह

Basant Panchami 2023: बसंत पंचमी पर क्यों पहना जाता है पीला रंग, यहां जानें वजह

इस साल यानी 2023 की बात करें तो बसंत पंचमी 26 जनवरी के दिन मनाई जाएगी. ऐसे में आज हम जानेंगे कि बसंत पंचमी पर पीले रंग का क्या महत्व है. आखिर इस दिन क्यों पहना जाता है पीला रंग?

बसंत पंचमी पर क्यों पहना जाता है पीला रंग (Basant Panchami 2023)बसंत पंचमी पर क्यों पहना जाता है पीला रंग (Basant Panchami 2023)
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jan 23, 2023,
  • Updated Jan 23, 2023, 11:53 AM IST

हिंदू पंचांग के मुताबिक हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी को बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन देश भर में देवी सरस्वती की पूजा-आराधना की जाती है. इस बार बसंत पंचमी 26 जनवरी को मनाई जाएगी. देश के अलग-अलग राज्यों में बसंत पंचमी का यह त्योहार अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है, मगर एक बात सब जगह एक जैसी होती है और वो है इस दिन पहने जाने वाले कपड़ों का रंग. बसंत पंचमी के दिन सभी जगह पीले रंग के कपड़े पहनने की परंपरा है. अब जानिए कि आखिर ऐसा है क्यों?

बसंत पंचमी पर क्यों पहना जाता है पीला रंग

बसंत पंचमी के दिन पीले रंग की खास अहमियत है. ऐसी मान्यता है कि देवी सरस्वती को पीला रंग बेहद पसंद है, इसलिए मां सरस्वाती की पूजा के दिन लोग पीले कपड़े पहनते हैं. साथ ही पूजा में भी देवी सरस्वती को पीला फूल, पीले फल, पीला चावल चढ़ाया जाता है. इसके अलावा इस मौसम में हर तरफ रंग-बिरंगे फूल खिले होते हैं. सरसों की फसल भी इस समय फूलों के साथ लहलहा रही होती है और ऐसा लगता है जैसे कुदरत ने खुद को पीले रंग से सजा लिया हो. यही वजह है बसंत पंचमी के दिन से पीले रंग की अहमियत और ज्यादा जुड़ जाती है.

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पीला रंग क्यों है खास

पीला रंग सादगी, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है. पीले रंग को प्रकाश और रोशनी से भी जोड़कर देखा जाता है, कहा जाता है कि जहां पीला रंग होता है वहां अंधेरा यानी नकारात्मकता नहीं हो सकती.

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क्यों मनाई जाती है बसंत पंचमी ?

हिंदू धर्म के अनुसार माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को ज्ञान की देवी मां सरस्वती का जन्म हुआ था. इसी वजह से देश भर में इस दिन को देवी सरस्वती के जन्मोत्सव के तौर पर मनाया जाता है. इस दिन स्कूल, कॉलेज से लेकर मंदिर और घरों तक देवी सरस्वती की पूजा की जाती है. बच्चों की पढ़ाई की शुरुआत करवाने के लिए भी यह दिन शुभ माना जाता है. 

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