उत्तर भारत की नदियों में पर्याप्त है पानी का स्टॉक, जानिए बाकी हिस्सों में कैसे हैं मौजूदा हालात

उत्तर भारत की नदियों में पर्याप्त है पानी का स्टॉक, जानिए बाकी हिस्सों में कैसे हैं मौजूदा हालात

वाटर कमीशन ने पूर्वी क्षेत्रों की नदियों के बारे में बताया है कि वहां पानी का स्टॉक पिछले साल से कम है. पूर्वी क्षेत्रों में असम, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, नागालैंड और बिहार की नदियां आती हैं. इन राज्यों में सेंट्रल वाटर कमीशन की निगरानी में 23 जलाशय आते हैं.

देश के कई जलाशयों में पिछले साल से कम है पानी का स्टॉकदेश के कई जलाशयों में पिछले साल से कम है पानी का स्टॉक
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Sep 23, 2023,
  • Updated Sep 23, 2023, 8:01 AM IST

सेंट्रल वाटर कमीशन ने देश के अलग-अलग क्षेत्रों में नदियों-जलाशयों में पानी के स्टॉक की जानकारी दी है. वाटर कमीशन हर गुरुवार को पानी की स्थिति के बारे में रिपोर्ट जारी करता है. इस तरह गुरुवार 21 सितंबर को जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि उत्तरी क्षेत्रों की नदियों में पानी की स्थिति अच्छी है. उत्तरी क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश, पंजाब और राजस्थान के जलाशय आते हैं. यहां वाटर कमीशन की निगरानी में 10 जलाशय आते हैं. इन जलाशयों में 19 बीसीएम से अधिक पानी की क्षमता है, लेकिन अभी इन जलाशयों में 17 बीसीएम से अधिक पानी भरा है जो कि कुल क्षमता का 87 फीसद है.

उत्तरी क्षेत्र के इन जलाशयों में पिछले साल 86 परसेंट पानी का स्टॉक था जबकि 10 साल पहले 80 परसेंट स्टॉक था. इस तरह पिछले साल की तुलना में या पिछले 10 साल की तुलना में पानी के स्टॉक की स्थिति अच्छी है. चूंकि उत्तरी क्षेत्र के राज्यों में इस बार बारिश अच्छी रही है, इसलिए पानी का स्टॉक भी सही स्थिति में है.

क्या कहती है CWC की रिपोर्ट

वाटर कमीशन ने पूर्वी क्षेत्रों की नदियों के बारे में बताया है कि वहां पानी का स्टॉक पिछले साल से कम है. पूर्वी क्षेत्रों में असम, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, नागालैंड और बिहार की नदियां आती हैं. इन राज्यों में सेंट्रल वाटर कमीशन की निगरानी में 23 जलाशय आते हैं. इन जलाशयों में 20 बीसीएम से अधिक पानी की क्षमता है, लेकिन अभी 13 बीसीएम के लगभग पानी का स्टॉक है जो कि कुल स्टोरेज क्षमता का 65 परसेंट है.

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पूर्वी क्षेत्र के इन जलाशयों में पिछले साल 72 परसेंट और पिछले 10 साल में एवरेज 73 परसेंट स्टॉक रहा है. उस लिहाज से पिछले साल या पिछले 10 साल की तुलना में पूर्वी भारत के जलाशयों में पानी की स्थिति ठीक नहीं है. 

पश्चिमी भारत में गुजरात, महाराष्ट्र जैसे राज्य आते हैं. इस क्षेत्र में 49 जलाशय हैं. अभी इन जलाशयों में 84 परसेंट पानी का स्टॉक है जबकि पिछले साल यह 95 परसेंट था. पिछले 10 साल पहले यह एवरेज 76 परसेंट था. उस लिहाज से पिछले साल से पानी की मात्रा इस साल कम है, लेकिन 10 साल के मुकाबले स्थिति अच्छी देखी जा रही है. 

दक्षिणी भारत की स्थिति सबसे खराब

मध्य भारत में यूपी, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्य आते हैं. इसके अंतर्गत 26 जलाशय आते हैं. पिछले साल इन जलाशयों में कुल स्टोरेज क्षमता का 85 परसेंट पानी था जबकि इस साल यह स्टॉक लगभग 82 परसेंट है. इस तरह मध्य भारत के जलाशयों में पानी की मात्रा कम है. दूसरी ओर, दक्षिणी क्षेत्र में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु आते हैं. इस क्षेत्र में कुल 42 जलाशय हैं.

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दक्षिण भारत के जलाशयों में पानी की स्थिति बेहद खराब है क्योंकि स्टोरेज क्षमता का केवल 48 परसेंट ही स्टॉक है. पिछले साल इन जलाशयों में 92 परसेंट स्टॉक था और पिछले 10 साल का एवरेज देखें तो यह स्टॉक 72 परसेंट था. इस तरह दक्षिण भारत के जलाशयों में अभी सबसे कम पानी की मात्रा है.

 

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