आम आदमी अभी तक टमाटर, सब्जी और मसालों की महंगाई की परेशान था. इसमें प्याज ने नया तड़का लगा दिया है क्योंकि उसके भाव में हौले-हौले तेजी देखी जा रही है. उत्तर भारत के कई इलाकों में प्याज के दाम में बढ़ोतरी है. इसे देखते हुए आशंका प्रबल हो रही है कि प्याज आने वाले दिनों में खाद्य महंगाई को बढ़ा सकता है. ताज्जुब की बात ये है कि यही प्याज कुछ महीने पहले किसानों को रुला रहा था क्योंकि रेट सही नहीं मिल रहे थे. सितंबर 2021 से मई 2023 तक प्याज के दाम गिरावट में थे. अब वही प्याज रुलाने के लिए तैयार है.
दो-तीन महीने पहले का हाल देखें तो प्याज उत्पादक राज्यों में बेमौसमी बारिश और ओलावृष्टि से फसल को भारी नुकसान हुआ था. इससे प्जाज के दाम में भारी गिरावट आई थी. तो आइए जानते हैं कि आगे प्याज की क्या स्थिति होने वाली है.
प्याज के भाव पिछले दो साल से स्थिर चल रहे थे. लेकिन पिछले कुछ दिनों में अचानक भाव बढ़ा है. भाव में तेजी इसलिए है क्योंकि मंडियों में सप्लाई कम हो रही है. सप्लाई इसलिए कम हो रही है क्योंकि रबी सीजन के प्याज की जिंदगी कम होती है. रबी प्याज की सेल्फ लाइफ छह महीने की मानी जाती है. अगर अप्रैल से जोड़ें तो अगस्त तक इसकी लाइफ चलती है. इससे प्याज के खराब होने की आशंका अधिक है.
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रबी सीजन के प्याज की सप्लाई में गिरावट देखी जा रही है. ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि प्याज उत्पादक राज्य जैसे महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान में बारिश से फसल खराब हुई थी. अप्रैल-मई में इन राज्यों में बारिश से प्याज को भारी नुकसान हुआ. किसानों ने इस रबी सीजन में प्याज की खेती कम ही की थी क्योंकि पिछले साल अच्छे दाम नहीं मिले थे. इससे प्याज की कमी हुई और सप्लाई प्रभावित हुई.
रबी प्याज अप्रैल से लेकर जून तक खेत से निकलता है. अगर पैदावार की बात करें तो भारत दुनिया में प्याज उत्पादन में दूसरा स्थान रखता है जहां पहले नंबर पर चीन है. भारत में दो सीजन में प्याज की बुआई होती है-रबी और खरीफ. रबी प्याज अप्रैल से जून तक तो खरीफ प्याज अक्टूबर-नवंबर में निकलता है. रबी प्याज में इस बार बारिश की वजह से नमी ज्यादा है. इसलिए प्याज खराब होने से सप्लाई पर असर देखा जा रहा है. अक्टूबर-नवंबर तक नई उपज नहीं आने तक इसकी परेशानी रहेगी.
इस साल जून में प्याज के भाव में बढ़ोतरी दिखने लगी थी. पिछले एक साल से तुलना करें तो जून में प्याज के भाव में 1.65 परसेंट की वृद्धि दर्ज की गई. खाद्य मंत्रालय का एक आंकड़ा बताता है कि इस साल के शुरू में प्याज के भाव जहां 20 रुपये किलो चल रहे थे, वही अब 30 रुपये तक पहुंच गया है. रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने कहा है कि अगले महीने प्याज का दाम 60 से 70 रुपये किलो तक हो सकता है.
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प्याज की महंगाई रोकने के लिए सरकार कई तरह के कदम उठा रही है. देश में प्याज की सप्लाई सुचारू बनाने के लिए सरकार इसके निर्यात पर रोक लगा सकती है. इसके अलावा सरकार अपने बफर स्टॉक से प्याज खुले बाजार में बेच सकती है. बफर स्ट़ॉक का प्याज वही है जिसे सरकार ने किसानों से खरीदा है. सरकारी अधिकारियों का कहना है कि अभी प्याज के भाव की निगरानी की जा रही है और निर्यात पर बाद में फैसला हो सकता है.