खेती को सफल बनाने के लिए किसान दिन रात मेहनत करते हैं. लेकिन, इसके बाद भी कई प्रमुख कारक हैं, जो किसानों की मेहनत को सफल बनाते हैं. इसमें सबसे महत्वपूर्ण कारक बीज हैं. गुणवत्तापूर्ण बीजों के बिना किसानों की मेहनत कभी भी सफल नहीं होती है. वहीं मौजूदा समय में दुनियाभर में जैविक खेती का ट्रेंड चल रहा है. जिसमें जैविक बीजों की उपलब्धता का संकट हमेशा बना रहता है. इसे देखते हुए केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण मंत्रालय मध्य प्रदेश के मुरैना में जैविक बीज फार्म (NSC)शुरू किया है. जिसकी आधारशिला बीते महीनों में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने रखी.
सरकार ने दावा किया है कि इस जैविक बीज फार्म से इसी साल से मध्यप्रदेश के किसानों को नए तिलहन बीज उपलब्ध होंगे इसके साथ ही किसानों को आधुनिक तकनीक से परिचित कराया जाएगा, उच्च उपज वाले बीज प्राप्त होंगे और खेत की उपज के बाद उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत किया जाएगा.
NSC किसानों को बीज उपलब्ध कराने के लिए पूरी तरह से तैयार है और अब तक 15 लाख क्विंटल प्रमाणित बीजों का उत्पाद कर किसानों को उपलब्ध करा चुकी है. वहीं जैविक बीज फार्म के बारे में जानकारी देते हुए कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि ये फार्म बुंदेलखंड की उबड़- खाबड़ जमीनों का सुधार कर जैविक बीज उपलब्ध कराएगी.
वहीं मध्य प्रदेश सरकार ने केंद्र कृषि मंत्रालय को चार गांवों (गडोरा, जखौना, रिठौरा खुर्द और गोरखा) में 885.34 हेक्टेयर जमीन दी है, लेकिन यह जमीन चंबल के उबड़- खाबड़ इलाको में है, यहां के गड्ढों की वजह से खेती करना संभव नहीं है. इसलिए मुरैना में यह फर्म स्थापित करने का सरकार ने फैसला किया है.
मुरैना के बीहड़ो में बीज उत्पादन से वहां की भूमि में सुधार होगा और जमीन उपजाऊ होगी, स्थानीय किसान अपने खेतों में नवीनतम वैज्ञानिक तरीकों का इस्तेमाल कर बीज पैदा करने में सक्षम होंगे और उच्च स्तरीय आर्थिक लाभ होगा.
इस बीज फार्म में किसानों को भी नवीनतम बीज उत्पादन तकनीकी के बारे में सिखाया जाएगा, स्थानीय और राज्य के किसानों को NSC विशेषज्ञों द्वारा बीज उत्पादन तकनीकी और भूमि में सुधार कर मुरैनावासियों को रोजगार के अवसर मिलेंगे, मुरैना के लोगों को जैविक व शुद्ध तिलहन मिलने से किसानों को लाभ होगा, जो राज्य के किसानों की आर्थिक आय को न सिर्फ मजबूत करेगा बल्कि किसानों को पोषण सुरक्षा भी प्रदान कराएगा.