लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद महाराष्ट्र सरकार ने भी किसानों पर ध्यान देना शुरू कर दिया है. महाराष्ट्र में नाराज किसानों ने इस बार बीजेपी और उसके साथी दलों को काफी नुकसान पहुंचाया है. राज्य के कृषि मंत्री धनंजय मुंडे के सुझाव के बाद क्षेत्रीय स्तर पर किसानों, वितरकों और विक्रेताओं की समस्याओं के समाधान के लिए एक कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है. इससे संपर्क करने के लिए एक व्हाट्सएप नंबर (केवल संदेश भेजने के लिए) 9822446655 दिया गया है. खरीफ सीजन में, यह आवश्यक है कि बीज, उर्वरक और कीटनाशकों जैसे इनपुट की आपूर्ति समय पर हो, इसलिए यह व्यवस्था की गई है. राज्य में इस समय कपास के बीज को लेकर मारामारी की स्थिति है.
किसानों की खाद और बीज जैसी समस्याओं के समाधान के लिए कृषि विभाग के टोल फ्री (मौखिक शिकायत के लिए) नंबर 18002334000 पर भी संपर्क किया जा सकता है. संबंधित समस्या को व्हाट्सएप पर शिकायत दर्ज करते समय नाम, पता, संपर्क नंबर और समस्या का कारण संक्षिप्त विवरण सहित देना होगा. शिकायतों पर विभाग के अधिकारी संज्ञान लेंगे.
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यदि समस्या की जानकारी कोरे कागज पर लिखकर उसकी फोटो व्हाट्सएप या ई-मेल पर भेज दी जाए तो शिकायतों के समाधान में सुविधा होगी. जो किसान व्हाट्सएप का उपयोग करने में सक्षम नहीं हैं, वे इस टोल फ्री नंबर पर संपर्क नंबर के साथ मौखिक शिकायत दर्ज करा सकते हैं. कृषि निदेशक विकास पाटिल ने जानकारी दी है कि किसान 30 सितंबर 2024 तक सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं. क्योंकि यह सुविधा विशेषतौर पर खरीफ सीजन के लिए उपलब्ध करवाई गई है.
महाराष्ट्र में कपास के बीज के लिए मारामारी हो रही है. इसकी मांग के मुकाबले कमी देखी गई है. आरोप है कि इसकी वजह से किसानों को ज्यादा दाम पर बीज उपलब्ध हो रहा है. किसानों को लंबी-लंबी लाइनों में लगने के बाद मुश्किल से बीज मिल रहा है. राज्य में नकली बीज, कीटनाशक और खाद की भी समस्या बड़ी है. इसलिए यह टोलफ्री नंबर किसानों के लिए बहुत काम आ सकता है.
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