फसलों के लिए नकली पेस्टीसाइड बनाकर किसानों और कंपनियों दोनों को नुकसान पहुंचाने वाला एक मामला सामने आया है. रोहतक पुलिस ने एक फैक्ट्री के गोदाम पर ड्रग क्वालिटी कंट्रोल अधिकारी के साथ मिलकर छापेमारी की. इस दौरान बड़ी कंपनियों के नाम पर बनाई जा रहे नकली और दोयम दर्जे के कीटनाशकों का जखीरा बरामद हुआ. पुलिस ने मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है. एक गुप्त सूचना पर रेड कर गोदाम में रखा हुआ भारी मात्रा में कीटनाशक जब्त किया गया. इसके अलावा वहां काम कर रहे एक मजदूर को भी हिरासत में लिया गया है. गोदाम सील कर दिया गया है. यह मामला रोहतक शहर में सुनारिया चौक पर कुंज विहार कॉलोनी का है. पुलिस ने बड़े एग्री इनपुट ब्रांड्स के रैपर भी बरामद किए गए हैं.
छापेमारी करते ही इलाके में हड़कंप मच गया. कुंज बिहार कॉलोनी में बंद पड़े मकान में अवैध रूप से यह गोदाम चलाया जा रहा था. जिसमें बड़ी मात्रा में नकली पेस्टीसाइड बरामद किया गया है. विभाग ने इसका सैंपल भरा और गोदाम को सील कर दिया. नकली कीटनाशकों को कब्जे में ले लिया है. पुलिस के अनुसार आरोपी ब्रांडेड कंपनियों के रैपर में नकली दवा भरकर बेचते थे. जिससे किसानों को नुकसान होता था. पुलिस ने बताया कि गोदाम पर काम कर रहे एक मजदूर को गिरफ्तार किया गया है जबकि गोदाम का मालिक फरार हो गया है.
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ड्रग क्वालिटी कंट्रोल अधिकारी राकेश कुमार ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि यहां पर नकली कीटनाशक तैयार किया जा रहा है. जिसके बाद सुनारिया चौक पर कुंज विहार कॉलोनी में छापेमारी करके नकली या दोयम दर्जे के कीटनाशकों के सैंपल भरे गए. उन्होंने बताया कि आरोपी ब्रांडेड कंपनियों के रैपर भी लिए हुए थे, जिनमें नकली कीटनाशक को भरकर बेचा जा रहा था. जिससे किसानों को नुकसान हो रहा था. उन्होंने बताया कि आसपास के इलाकों में स्थित फसलों की दवाई बेचने वाली दुकानों की भी जांच की जाएगी. पता किया जाएगा कि कि कहीं वो ब्रांडेड कंपनियों के नाम पर नकली कीटनाशक तो नहीं बेच रहे हैं. उन्हें शक है कि इस व्यक्ति का दिल्ली में गोदाम संचालित हो रहा है.
वहीं पुलिस अधिकारी प्रकाश सिंह ने बताया कि ड्रग्स क्वालिटी कंट्रोल के अधिकारियों की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया है. बहरहाल एक मजदूर को हिरासत में लिया गया है मलिक अभी भी फरार चल रहा है. इस बारे में हमने कीटनाशक उद्योग से जुड़े कई लोगों से बातचीत की तो ऐसा लगा कि जैसे नकली कीटनाशकों के पकड़े जाने से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता. अधिकांश लोगों ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया है कि नकली कीटनाशक पकड़ा गया है तो वो क्या करें? ऐसे में लगता है कि नकली कीटनाशकों से सिर्फ किसानों की आर्थिक सेहत पर असर पड़ रहा है. किसान ब्रांडेड के नाम पर नकली कीटनाशक पा रहा है. यह किसानों की बड़ी समस्या है.
-रोहतक से सुरेंदर सिंह की रिपोर्ट.
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