मालदा में धड़ल्ले से जारी है खाद की कालाबाजारी, एक बोरी पर 500 रुपये तक वसूल रहे दुकानदार

मालदा में धड़ल्ले से जारी है खाद की कालाबाजारी, एक बोरी पर 500 रुपये तक वसूल रहे दुकानदार

मालदा ब्लॉक किसानों के एक समूह ने शिकायत की कि वे उचित मूल्य से 400 से 500 रुपये अधिक दाम पर खाद खरीद रहे हैं. किसानों ने इसे लेकर विरोध जताया. मामला सामने आते ही जिला कृषि विभाग में हड़कंप मच गया है.

Black marketing of fertilizerBlack marketing of fertilizer
मिल्टन पॉल
  • Malda,
  • Nov 22, 2023,
  • Updated Nov 22, 2023, 7:50 PM IST

खाद की कालाबाजारी रोकने के लिए कृषि विभाग द्वारा अभियान चलाया जा रहा है. बहरहाल, मालदा जिले के 15 ब्लॉकों में खासकर पुराने मालदा ब्लॉक में खाद की कालाबाजारी के खिलाफ कृषि विभाग की टास्क फोर्स ने अभियान तेज करना शुरू कर दिया है. पुराने मालदा ब्लॉक के नारायणपुर क्षेत्र में एक औद्योगिक क्षेत्र है. इसके अलावा, उस क्षेत्र में कई गोदाम खुल गए हैं. परिणामस्वरूप, काला बाजारी की स्थिति में, बेईमान लोग उन क्षेत्रों में कई गोदामों में उर्वरकों का भंडारण करने की योजना भी बना सकते हैं. जिसके चलते कृषि विभाग ने इस अभियान को जोर-शोर से शुरू कर दिया है.

कृषि विभाग के अधिकारियों ने पुराने मालदा ब्लॉक के कई इलाकों में खाद दुकानों की निगरानी के अलावा नारायणपुर इलाके के कई गोदामों की भी जांच की है.

500 रुपये महंगी बिक रही खाद!

गौरतलब है कि पुराने में कई ग्राम पंचायत इलाकों के आलू किसान खाद की कालाबाजारी में शामिल थे. मालदा ब्लॉक किसानों के एक समूह ने शिकायत की कि वे उचित मूल्य से 400 से 500 रुपये अधिक दाम पर खाद खरीद रहे हैं. किसानों ने इसे लेकर विरोध जताया. मामला सामने आते ही जिला कृषि विभाग में हड़कंप मच गया है.

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कालाबाजारी के खिलाफ शुरू हुआ अभियान

इसके बाद एक टास्क जिला एवं ब्लॉक कृषि विभाग की फोर्स ने खाद की कालाबाजारी के खिलाफ अभियान शुरू किया गया . प्रशासन कृषि विभाग के अधिकारियों ने पुराने मालदा ब्लॉक के भावुक और महिषबथानी ग्राम पंचायत क्षेत्रों में विभिन्न उर्वरक दुकानों पर छापेमारी की गई. इसके अलावा छापेमारी करने वाले अधिकारी इस बात की भी निगरानी करते हैं कि इलाके के किसान उचित मूल्य पर उर्वरक खरीद पा रहे हैं या नहीं.

क्या है खाद की कीमत?

हालांकि ग्राम पंचायत क्षेत्र के कुछ किसानों का कहना था कि खाद काफी ऊंची कीमत पर खरीदी जा रही है. इसके बाद प्रशासन के प्रतिनियुक्ति के साथ ही विरोध भी जताया गया. लंबे आंदोलन के बाद आखिरकार प्रशासन ने इसके खिलाफ अभियान शुरू कर दिया है. किसानों के पक्ष में कालाबाजारी एनपीके उर्वरक की उचित कीमत 1470 रुपये है. लेकिन इस मामले में, कुछ व्यापारी 400-500 रुपये अधिक वसूल रहे थे. हालांकि, कृषि विभाग की गतिविधियों के कारण, उर्वरक की कीमत वर्तमान में 1470 रुपये तय की गई है.

खाद की कमी से बढ़ी कीमत!

इधर, रासायनिक खाद व्यवसायियों का कहना है कि बाजार में जिस खाद की मांग थी, वह उपलब्ध नहीं है. इसके बजाय, इसे अधिक कीमत पर बेचना पड़ा. हालांकि अब एनपीके खाद उपलब्ध है. हम इसे उचित मूल्य पर किसानों को बेच रहे हैं.

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