मई महीने की शुरुआत होने वाली है. ऐसे में देश के लगभग सभी राज्यों में किसान धान की खेती कि तैयारी में लग गए हैं. धान खरीफ सीजन की मुख्य फसल है. वहीं, मई की शुरुआत में कई राज्यों के किसान धान का बिचड़ा डालने की तैयारी में जुट जाते हैं. ऐसे में किसान कई ऐसी किस्मों की खेती करते हैं, जो अपनी सुगंधों और स्वाद के लिए फेमस होती हैं. वहीं, बात अगर स्वाद और सुगंध की हो तो उसमें बासमती धान काफी लोकप्रिय है. ऐसे में अगर किसान खरीफ सीजन में बासमती धान की उन्नत किस्म के बीज खरीदना चाहते हैं, तो वे इस बीज को घर बैठे मंगवा सकते हैं. आइए जानते हैं कैसे.
भारतीय किसान देश में बड़े स्तर पर बासमती धान की खेती करते आ रहे हैं, जिसमे बड़ा योगदान भारतीय कृषि अनुसंधान द्वारा विकसित बासमती धान की प्रजातियों का रहा है, जो कि अधिक उपज के साथ ही प्रमुख रोग और कीट के प्रति सहनशील हैं. ऐसे में किसान धान की उन्नत किस्म पूसा बासमती 1718 के बीज राष्ट्रीय बीज निगम (एनएससी) से घर बैठे ही ऑनलाइन ऑर्डर करके मंगवा सकते हैं.
पूसा बासमती 1718: इस किस्म को 2017 में तैयार किया गया था. ये किस्म सिंचित अवस्था के लिए उपयुक्त किस्म मानी जाती है. यह 136-138 दिनों में पक कर तैयार होने वाली किस्म है. वहीं, इसकी औसत उपज 46 से 48 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है. इस किस्म के दाने दिखने में अधिक आकर्षक लंबे और पतले होते हैं. वहीं, बात करें इस किस्म की खासियत की तो ये न गिरने वाली, और पकने के समय दाने न झड़ने वाले गुण के साथ एक नई बासमती चावल की किस्म है. इस किस्म की सुगंध भी बेहद आकर्षक है.
अगर आप बासमती धान की खेती करना चाहते हैं तो पूसा बासमती 1718 किस्म के 10 किलो वाले बीज का पैकेट फिलहाल 19 फीसदी छूट के साथ 890 रुपये में राष्ट्रीय बीज निगम की वेबसाइट से खरीद सकते हैं. इसे खरीद कर आप आसानी से धान की खेती कर बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं. बता दें कि किसानों को धान के बीज के पैकेट खरीदने पर जैकेट मुफ्त में मिल रहा है.
धान की खेती करने के लिए सबसे पहले खेत को तैयार करना होता है. इसके लिए किसान खेत को अच्छी तरह से जोतकर समतल करें. अगर धान की सीधी बुवाई कर रहे हैं तो खेत में हल्की नमी बनाए रखें. साथ ही अगर परंपरागत तरीके से रोपाई कर रहे हैं तो खेत में पानी जमा कर दें. वहीं, सीधी बुवाई के लिए बीज को खेत में सीधे बुवाई करें, जैसे कि गेहूं की बुवाई करते हैं. इसके साथ ही रोपाई के लिए नर्सरी में उगाए गए धान के पौधों की खेत में रोपाई करें.