क्रिसिल की रिपोर्ट के मुताबिक एग्रोकेमिकल्स क्षेत्र में पिछले वित्त वर्ष में 23 प्रतिशत की शानदार बढ़ोतरी के बाद चालू वित्त वर्ष में 15-17 प्रतिशत की बढ़ोतरी होने की संभावना है, जो मुख्य रूप से लगातार मजबूत निर्यात और स्थिर घरेलू मांग की वजह से संभव है.
इसके अलावा, 2023-24 वित्तीय वर्ष में, राजस्व में 10-12 प्रतिशत की और बढ़ोतरी होने की संभावना है क्योंकि भारत को चीन के साथ-साथ वैश्विक खिलाड़ियों की एक रणनीति और पेटेंट से प्रमुख अणुओं का लाभ मिलना जारी है.
एजेंसी क्रिसिल के अनुसार, "इनपुट कीमतों के ऊंचे रहने के बावजूद उच्च ऑपरेटिंग लीवरेज (Higher Operating Leverage) चालू और अगले वित्त वर्ष (16.6% पिछले वित्त वर्ष) में ऑपरेटिंग मार्जिन को 15-16% पर बनाए रखने में मदद करेगा. वही पूंजीगत खर्च पहले की तरह समान स्तर पर जारी रहेगा, लेकिन लेकिन कार्यशील पूंजी चक्र (working capital cycle) में वृद्धि के परिणामस्वरूप अधिक उधारी होगी. हालांकि, मजबूत नकदी उत्पादन से एग्रोकेमिकल प्लेयर्स की क्रेडिट प्रोफाइल 'स्थिर' रहने की संभावना है.
ऑपरेटिंग लीवरेज (operating leverage) एक लागत-लेखांकन फॉर्मूला है जो उस डिग्री को मापता है जिससे कोई फर्म या परियोजना राजस्व बढ़ाकर परिचालन आय बढ़ा सकती है. ऑपरेटिंग लीवरेज (operating leverage) की डिग्री जितनी अधिक होती है, जोखिम के पूर्वानुमान से संभावित खतरा उतना अधिक होता है.
क्रिसिल रेटिंग्स की निदेशक पूनम उपाध्याय ने कहा, "अगले वित्त वर्ष में निर्यात में 12-14 फीसदी की वृद्धि होने की संभावना है, क्योंकि कंपनियां अगले दो वर्षों में 4 अरब डॉलर मूल्य के मॉलिक्यूल्स के पेटेंट से बाहर होने पर नजर रखते हुए कैपेक्स बनाए रखेंगी." उपाध्याय ने कहा, " जिसके परिणामस्वरूप, कुल राजस्व में ~ 53 प्रतिशत एग्रोकेमिकल क्षेत्र में निर्यात का प्रमुख योगदान रहेगा."