कुछ महीनों में शुरू होगी सोयाबीन की खेती, उससे पहले इन 5 सवालों में जानें AtoZ जानकारी

कुछ महीनों में शुरू होगी सोयाबीन की खेती, उससे पहले इन 5 सवालों में जानें AtoZ जानकारी

सोयाबीन की बुवाई जून के अंत‍िम सप्ताह में सर्वोत्तम होती है. बुवाई के समय यह ध्यान रखना चाहिए कि जमीन मे पर्याप्त मात्रा में नमी हो. फसल के बेहतर उत्पादन के लिए उन्नत प्रजातियों के अच्छे बीज का उपयोग बहुत जरूरी है. हमेशा सर्ट‍िफाइड जगह से बीज खरीद‍िए, ताक‍ि उसमें जमाव अच्छा हो. 

सोयाबीन की खेतीसोयाबीन की खेती
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jan 25, 2024,
  • Updated Jan 25, 2024, 7:26 PM IST

सोयाबीन एक तिलहन फसल है. सोयाबीन देश में कुल तिलहन फसलों का 42 प्रतिशत और कुल खाद्य तेल उत्पादन में 22 प्रतिशत का योगदान दे रहा है. इसमें प्रोटीन 40 प्रतिषत एवं वसा 20 प्रतिशत होने के कारण यह पोषण का एक प्रभावी माध्यम है.  मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की जलवायु सोयाबीन के लिए काफी अनुकूल है. यह दोनों राज्यों की प्रमुख खरीफ फसलों में से एक है. कुछ ही समय में इसकी खेती शुरू होने वाली है. इसल‍िए क‍िसानों को कुछ बातों का ध्यान रखना चाह‍िए.

खास बात यह है क‍ि इसकी खेती हल्की व रेतीली भूमि को छोड़कर सभी प्रकार की जमीन में सफलतापूर्वक की जा सकती है. कई बार इसका बहुत अच्छा दाम म‍िलता है. इसल‍िए दोनों राज्यों में क‍िसान बड़े पैमाने पर इसकी खेती कर रहे हैं. इसकी खेती करने से पहले इन पांच सवालों का जवाब जरूर जान लीज‍िए.

प्रश्न1: सोयाबीन की बुवाई का सही समय क्या है?

उत्तरः सोयाबीन की बुवाई जून के अंत‍िम सप्ताह में सर्वोत्तम होती है. बुवाई के समय यह ध्यान रखना चाहिए कि जमीन मे पर्याप्त मात्रा में नमी हो. मॉनसून आने पर लगभग 4-5 इंच वर्षा होने के बाद अंकुरण व बाद के फसल विकास के लिए जमीन में पर्याप्त नमी हो जाती है. वायुमंडल एवं मृदा का तापमान 28-30 डिग्री सेन्टीग्रेड होने से फसल का विकास अच्छा होता है. 15 जुलाई के बाद सोयाबीन की बोवनी लाभप्रद नहीं होती है. 

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प्रश्न2: सोयाबीन फसल के लिए खेत की तैयारी कैसे करनी चाहिए?

उत्तरः सोयाबीन फसल के लिए खेत की तैयारी करते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि गहरी काली मिट्टी वाले खेत में जल निकास की उचित व्यवस्था हो. गर्मी की गहरी जुताई हर तीसरे वर्ष 9 से 12 इंच गहराई तक करना चाहिए. इससे गर्डल बीटल के प्यूपा तथा अन्य कीट और फफूंद गर्मी में खुले खेत में ही नष्ट हो जाएंगे. 

प्रश्न3: सोयाबीन फसल की बुवाई के लिए बीज का चयन कैसे करें?

फसल के बेहतर उत्पादन के लिए उन्नत प्रजातियों के अच्छे बीज का उपयोग बहुत जरूरी है. हमेशा सर्ट‍िफाइड जगह से बीज खरीद‍िए, ताक‍ि उसमें जमाव अच्छा हो. खरीद के बाद रसीद जरूर ले लें. ज‍िससे क‍ि बीज खराब होने के बाद उस पर क्लेम क‍िया जा सके. सोयाबीन फसल की बुवाई के लिए कतार से कतार की दूरी 30-45 सेंटीमीटर एवं पौधे से पौधे की दूरी 4-5 सेंटीमीटर रखें.  

प्रश्न4: सोयाबीन फसल की बुवाई के लिए बीज दर क्या रखनी चाहिए?

उत्तरः सोयाबीन की बुवाई के लिए दानों के आकार के अनुसार 30-40 किलोग्राम बीज प्रति एकड़ या 15-20 किलोग्राम बीज प्रति बीघा की दर से उपयोग करें. बीज के साथ किसी भी प्रकार के रासायनिक उर्वरकों का उपयोग न करें. एक हेक्टेयर में 2.5 एकड़ या 5 बीघा होगा. 

प्रश्न5: सोयाबीन फसल मे बीजोपचार कैसे किया जाता है?

उत्तरः सोयाबीन फसल मे बीजोपचार करने की एक विधि होती है. जिसका नाम एफआईसी है.  सर्वप्रथम फफूंनाषक मे विटावेक्स पावर/अल्ट्रा (कार्बोक्सिन थायरम ) 2 ग्राम या 2 ग्राम कार्बनडाजिम प्रति किलोग्राम बीज के मान से भी उपयोग किया जा सकता है.  इसके बाद राईजोबियम कल्चर, पी.एस.बी. कल्चर एवं ट्राईकोडर्मा 5 ग्राम प्रत्येक से 1 किलोग्राम बीज उपचारित किया जाता है. इन कवक नास‍ियों से उपचारित बीज को छाया में सुखाकर ही बोवनी करनी चाहिए.

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