Maize Farming: खरीफ सीजन में मक्का बुवाई करने वाले किसान ध्यान दें, खेती का ये तरीका दिलाएगा बंपर उपज 

Maize Farming: खरीफ सीजन में मक्का बुवाई करने वाले किसान ध्यान दें, खेती का ये तरीका दिलाएगा बंपर उपज 

मॉनसून की अच्छी बारिश से खरीफ फसलों का रकबा 5 जुलाई तक 380 लाख हेक्टेयर हो चुका है. वहीं, इस बार किसान मक्का की बुवाई भी जमकर कर रहे हैं. मक्का का रकबा भी बीते साल की तुलना में 10 लाख हेक्टेयर बढ़ गया है. खरीफ सीजन में मक्का की सही विधि से बुवाई की जाए तो बंपर उपज हासिल की जा सकती है.

मक्का का रकबा पिछले साल की तुलना में 10 लाख हेक्टेयर बढ़ गया है. मक्का का रकबा पिछले साल की तुलना में 10 लाख हेक्टेयर बढ़ गया है.
रिजवान नूर खान
  • New Delhi,
  • Jul 09, 2024,
  • Updated Jul 09, 2024, 7:21 PM IST

खरीफ सीजन में फसलों की बुवाई तेज गति से हो रही है. मॉनसून की अच्छी बारिश की वजह से इस बार खरीफ फसलों का रकबा 5 जुलाई तक 380 लाख हेक्टेयर हो चुका है, जो बीते साल की समान अवधि की तुलना में 14 फीसदी अधिक है. इस बार किसान मक्का की बुवाई भी जमकर कर रहे हैं. क्योंकि, मक्का का रकबा पिछले साल की तुलना में 10 लाख हेक्टेयर बढ़ गया है. खरीफ सीजन में मक्का की सही विधि से बुवाई की जाए तो बंपर उपज हासिल की जा सकती है. इसके लिए समय से खेत का तैयार होना बहुत जरूरी है. इसके साथ ही खेत की मिट्टी के अनुसार मक्का की किस्म की बुवाई करनी चाहिए.

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के मक्का अनुसंधान निदेशालय के एक्सपर्ट के अनुसार खरीफ सीजन के लिए मक्का की बुवाई का सही समय जून के आखिरी सप्ताह से जुलाई के पहले पखवारे तक होता है. बारिश में देरी होने की स्थिति में लेट बुवाई नुकसान नहीं पहुंचाती है. जबकि, समय पर बारिश होने पर बुवाई में देरी करना उत्पादन पर असर डाल सकता है. ताजा सरकारी आंकड़ों के अनुसार 5 जुलाई 2024 तक लगभग 380 लाख हेक्टेयर में क्षेत्र में खरीफ फसलों की बुवाई का काम पूरा हो चुका है. यह बुवाई रकबा पिछले साल इसी अवधि की तुलना में 14 फीसदी अधिक है क्योंकि पिछले साल 331 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ फसलों की बुवाई की गई थी. 

मक्का का रकबा 10 लाख हेक्टेयर बढ़ा 

मक्का अनुसंधान केंद्र दिल्ली के एक्सपर्ट बताते हैं कि देश में लगभग 75 फीसदी मक्का की खेती खरीफ सीजन में की जाती है. इस खरीफ सीजन में 8 जुलाई तक देशभर में मक्का की बंपर बुवाई की गई है, जो बीते साल की समान अवधि से 10 लाख हेक्टेयर अधिक है. केंद्रीय कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार खरीफ सीजन 2024 में 41.09 लाख हेक्टेयर में मक्का की बुवाई की गई, जबकि बीते साल इसी अवधि तक 30.22 लाख हेक्टेयर रकबा दर्ज किया गया था. 

मक्का की बुवाई के लिए खेत की तैयारी 

राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, बिहार, हिमाचल प्रदेश, जम्मु एवं कश्मीर समेत नॉर्थ ईस्ट राज्यों में भी मक्का की खूब खेती की जाती है. किसानों को मक्का की बुवाई करने से पहले खेत को तैयार करना जरूरी है. 

  1. मक्का की बुवाई से पहले खेत में गोबर की खाद कम्पोस्ट 6 से 8 टन प्रति हेक्टेयर के हिसाब से डालनी चाहिए. 
  2. मक्का की खेती के लिए बलुई मिट्टी सबसे सही रहती है. मिट्टी का पीएच मान 6.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए. 
  3. खेत की तैयारी के लिए 15-20 सेंटीमीटर गहरी जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करनी चाहिए.
  4. अगर गर्मियों में खेत खाली रहे हैं तो जुताई उसी समय करके रखनी चाहिए. 
  5. पहले से खेत की जुताई करने से खरपतवार, कीट पतंगें व बीमारियों की रोकथाम करने में मदद मिलती है.
  6. खेत की नमी को बनाये रखने के लिए जल्दी जुताई करके तुरंत पाटा लगाना चाहिए. 

जल निकासी की व्यवस्था जरूरी 

मक्का के लिए जलभराव नहीं होना चाहिए. इसलिए खेत में जलनिकासी के लिए नालियां सही से बनाई जानी चाहिए. 
मक्का के खेत में अगर पानी भरा रहा तो पौधे पनप नहीं सकेगा और जड़ों के साथ ही तनों में सड़न पैदा हो जाएगी. 
जिन इलाकों में मिट्टी में नमक ज्यादा है वहां मक्का का बीज मेड़ या कूड़ी के ऊपरी हिस्से में बुवाई करें ताकि अम्लीय पानी से पौधे को बचाया जा सके. 

बीज बुवाई का सही तरीका 

  1. मक्का की अच्छी उपज पाने के लिए प्रति एकड़ बीज की मात्रा कतार में बुवाई करनी चाहिए. 
  2. मक्का के बीज को 3.5 से 5.0 सेंटीमीटर गहरा बोना चाहिए, जिससे बीज मिट्टी से अच्छी तरह से ढंक जाये ताकि अच्छे से अंकुरित हो सके. 
  3. बीज की बुवाई के लिए एन्कलाइंड प्लेट, कपिंग या रोलर टाइप के सीट मीटरिंग सिस्टम को अपनाया जा सकता है. 
  4. बीज के सही छिड़काव के लिए प्लांटर का इस्तेमाल करना चाहिए. 
  5. प्लांटर से एक ही बार में बीज व उर्वरकों को उचित स्थान पर डालने में मदद मिलती है.

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