बारिश के मौसम में मच्छरों ने आतंक हमेशा बना रहता है. ऐसे में सावधान रहने की जरूरत है, क्योंकि ये सेहत के लिए खतरनाक हो सकते हैं. इनसे डेंगू और मलेरिया का खतरा बढ़ता है. कई दूसरी बीमारियां भी हो सकती हैं. अक्सर घरों में मच्छरों से बचने के लिए कॉइल, मच्छरदानी या कोई और उपायों को अपनाया जाता है. बाजार में भी तरह-तरह के मच्छर भगाने वाले उत्पाद उपलब्ध हैं. लेकिन ये चीजें जहरीली होतीं हैं जिसका असर हमारे सेहत पर पड़ता है. खासकर घर में अगर छोटे बच्चों हो तो मच्छर भगाने के लिए इन चीजों का इस्तेमाल कम से कम करना चाहिए. इसलिए आज हम आपको ऐसा उपाय बताने जा रहे हैं, जिसे जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे. अगर आप चाहते हैं कि मच्छर आपके घर के आस-पास भी न आएं, तो कई ऐसे पौधे हैं जो आपकी मदद कर सकते हैं. उनमें से एक हैं लेमनग्रास. इसका इस्तेमाल लेमन टी बनाने में भी किया जाता है.
लेमनग्रास एक औषधीय पौधा है. इसकी पत्तियों और तेल से दवाइयां बनाई जाती हैं. लेमनग्रास के बारे में यह बात मशहूर है कि जब इसकी पत्तियों को हाथ में मसला जाता है तो उनमें नींबू जैसी खुशबू आती है. इसकी सूखी पत्तियों से बने पाउडर से हर्बल चाय बनाई जा सकती है. इसके अलावा, इसका इस्तेमाल मच्छरों को भगाने के लिए भी किया जा सकता है.
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लेमनग्रास के पौधे का इस्तेमाल ज्यादातर परफ्यूम, साबुन, निरमा, डिटर्जेंट, तेल, हेयर ऑयल, मच्छर भगाने वाली लोशन, सिरदर्द की दवा और सौंदर्य प्रसाधन बनाने में किया जाता है. इन उत्पादों से जो खुशबू आती है, वह इसी पौधे से निकाले गए तेल की होती है. हालांकि, इस पौधे को ज्यादातर लोग लेमन टी की वजह से जानते हैं. इसकी खेती इन दिनों किसानों के लिए वरदान बन रही है. भारत में हर साल करीब 700 टन लेमनग्रास ऑयल का उत्पादन होता है. इसे विदेशों में भी भेजा जाता है. ऐसे में तेल की उच्च गुणवत्ता की वजह से कई विदेशी कंपनियों में इसकी काफी मांग है. जिसका सीधा असर किसानों की आय में बढ़ोतरी के तौर पर देखने को मिलेगा.
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लेमनग्रास को घर में गमले या ग्रो बैग की मिट्टी में किसी भी मौसम में उगाया जा सकता है. गोबर की खाद और लकड़ी की राख और 8-9 सिंचाई से यह पौधा तैयार होकर फलने-फूलने लगता है. इस फसल की सबसे खास बात यह है कि इसकी खेती में ज्यादा खर्च नहीं आता. दूसरी बात यह कि इसे लगाने के बाद आपको 7-8 साल तक इसकी दोबारा रोपाई से छुटकारा मिल जाएगा और हर साल 5 से 6 बार कटाई संभव है. अगर आप लेमनग्रास के पौधे लगा रहे हैं तो ऐसे गमले या ग्रो बैग चुनें जिनमें जलनिकासी की उचित व्यवस्था हो. गमलों या ग्रो बैग में लेमनग्रास के पौधे उगाने के लिए आप रेतीली दोमट मिट्टी का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसे घर पर 60% मिट्टी, 20% कम्पोस्ट खाद और 20% रेत का इस्तेमाल करके बनाया जा सकता है. पौधों की अच्छी देखभाल करके आप करीब 60-80 दिन बाद लेमनग्रास के पौधे काटने के लिए पा सकते हैं.