Henna Farming Benefits: क‍िसानों के ल‍िए फायदे का सौदा है मेहंदी की खेती, जानें क्या है तरीका

Henna Farming Benefits: क‍िसानों के ल‍िए फायदे का सौदा है मेहंदी की खेती, जानें क्या है तरीका

मेहंदी प्राकृतिक रंग का एक प्रमुख स्रोत है. शुभ अवसरों पर खास कर शादियों में मेहंदी की पत्तियों को पीस कर खूबसूरती के लिए महिलाएं और लड़कियां अपने हाथों और पैरों पर लगाती हैं.

Henna farmingHenna farming
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Nov 14, 2022,
  • Updated Nov 14, 2022, 12:25 PM IST

मेहंदी (Mehndi) एक बहुवर्षीय (हर साल होने वाला) झाड़ीदार पौधा है. जिसे व्यावसायिक रूप से पत्ती उत्पादन के लिए उगाया जाता है. मेहंदी प्राकृतिक रंग का एक प्रमुख स्रोत है. शुभ अवसरों पर खास कर शादी में मेहंदी की पत्तियों को पीस कर खूबसूरती के लिए महिलाएं और लड़कियां अपने हाथों और पैरों पर लगाती हैं. सफेद बालों को रंगने के लिए भी मेहंदी की पत्तियों का प्रयोग किया जाता है. इसका उपयोग किसी भी तरीके से शरीर के लिए हानिकारक नहीं है. मेहंदी की खेती (mehndi cultivation) पर्यावरण संरक्षण में भी सहायक है.

मेहंदी की खेती के लाभ (Benefits of mehndi cultivation)
 

मेहंदी की खेती (mehndi cultivation) सीमित खाद और उर्वरक (manures and fertilizers) का कम इस्तेमाल कर सफलतापूर्वक की जा सकती है. मिट्टी के कटाव को रोकने और मिट्टी में जल संरक्षण बढ़ाने में मेहंदी काफी प्रभावी है. यह बहुवर्षीय पौधा होने के कारण इसका हर साल उपज और आय सुनिश्चित होता है और हर बार एक नई फसल लगाने की जरूरत नहीं होती है, यानी एक बार लगाएं और कई सालों तक उपज लें. 

 

मेहंदी का उत्पादक क्षेत्र (Mehndi producing area)

मेहंदी पूरे भारत में पाई जाती है. राजस्थान का पाली जिला वर्षों से मेहंदी के व्यावसायिक उत्पादन का मुख्य केंद्र रहा है. यहां करीब 40 हजार हेक्टेयर में मेहंदी की फसल उगाई जा रही है. यहां की मेहंदी रचाने की क्षमता के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है. 
 
 

मेहंदी खेत की तैयारी (Mehndi field preparation) 

मेहंदी की खेती के लिए वर्षा ऋतु से पहले खेत की मेड बना कर दूसरे घास-फूस को उखाड़कर लेजर की सहायता से खेत को समतल करें. इसके बाद डिस्क और कल्टीवेटर से जुताई कर जमीन को भुरभुरा कर दें


 
मेहंदी की खेती के लिए खाद और उर्वरक (Manures and fertilizers for henna cultivation)

 

खेत की अंतिम जुताई के समय 10-15 टन सड़ी देशी खाद और 250 किलो जिप्सम प्रति हेक्टेयर की दर से मिट्टी में मिलाएं. 60 किलो नाइट्रोजन और 40 किलो फॉसफोरस प्रति हेक्टेयर की दर से खड़ी फसल में प्रति वर्ष प्रयोग करें. फॉसफोरस की पूरी मात्रा और नाइट्रोजन की आधी मात्रा पहली बरसात के बाद भूमी में मिलाएं और बाकी नाइट्रोजन की मात्रा उसके 25 से 30 दिन बाद बारिश होने पर.  


 
कब करें मेहंदी की कटाई (When to cut henna)

मेहंदी पत्ती उत्पादन और गुणवत्ता की दृष्टि से कटाई के लिए सितम्बर-अक्टूबर का महीना सही समय होता है. फसल काटने के 18-20 घंटे तक मेहंदी को खुला छोड़. उसके बाद इकट्ठा कर ढेरी बना लें. ऐसा करने से मेहंदी की गुणवत्ता में सुधार आता है.

 

मेहंदी की उपज (Yield of henna)

पहले वर्ष मेहंदी की उपज क्षमता का केवल 5-10 प्रतिशत उत्पादन ही प्राप्त हो पाता है. मेहंदी की फसल रोपाई के 3-4 साल बाद अपनी क्षमता का पूरा उत्पादन देना शुरू करती है. सामान्य वर्षा की स्थिति में फसल से प्रतिवर्ष करीब 15-20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर सूखी पत्तियों का उत्पादन होता है. जिसे किसान बेच कर प्रति वर्ष लाखों रुपए की कमाई कर सकते हैं.
 

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