लीची के लिए मशहूर मुजफ्फरपुर में छत पर अंजीर की खेती कर रहे म्‍य‍ूजिक टीचर संजय संजू

लीची के लिए मशहूर मुजफ्फरपुर में छत पर अंजीर की खेती कर रहे म्‍य‍ूजिक टीचर संजय संजू

बिहार का मुजफ्फरपुर जो अपनी ली‍चियों के लिए दुनिया भर में मशहूर है, अब अंजीर की खेती के लिए चर्चा में है. यहां के मशहूर संगीत टीचर डॉक्‍टर संजय संजू ने कई साल पहले नाना की तरफ से गिफ्ट किए गए अंजीर के एक पौधे से सैकड़ों पेड़ तैयार किए. नाना का तोहफा आज भी उन्‍हें उनकी याद दिलाता है. उन्‍होंने अपने घर की छत पर अंजीर के 30 पौधे लगाए हुए हैं.

छत पर अंजीर उगा रहे संजय छत पर अंजीर उगा रहे संजय
क‍िसान तक
  • Muzaffarpur,
  • Mar 29, 2024,
  • Updated Mar 29, 2024, 5:45 PM IST

बिहार का मुजफ्फरपुर जो अपनी ली‍चियों के लिए दुनिया भर में मशहूर है, अब अंजीर की खेती के लिए चर्चा में है. यहां के मशहूर संगीत टीचर डॉक्‍टर संजय संजू ने कई साल पहले नाना की तरफ से गिफ्ट किए गए अंजीर के एक पौधे से सैकड़ों पेड़ तैयार किए. नाना का तोहफा आज भी उन्‍हें उनकी याद दिलाता है. उन्‍होंने अपने घर की छत पर अंजीर के 30 पौधे लगाए हुए हैं और सभी पौधों में फल लगा हुआ है. संजू के पास दो वैराईटी के अंजीर हैं, एक पुणा रेड और तुर्की ब्राउन. संजय विभिन्न तरह की खेती करने के लिए जाने जाते हैं. इससे पहले वह ड्रैगन फ्रूट की सफल खेती भी कर चुके हैं. अब उन्‍होंने अपने खेतों में अंजीर लगाए हैं.

नाना ने दी थी अंजीर की कलम 

अंजीर कई स्वास्थ्यवर्धक गुणों से भरपूर माना जाता है. संजय ने बताया कि जब वह अपने ननिहाल मानियारी गए थे तो उन्‍होंने वहां से इसकी एक कलम ला कर गमले में लगाई थी. उनके नाना महाराष्‍ट्र से अंजीर का पेड़ ला कर मनियारी में लगा चुके थे.  जब उन्होंने इसकी खेती कि और ट्रायल के तौर पर दो अलग-अलग वैरायटी के पौधों को लेकर अपने घर में लगाया. उन पौधों में फल आने शुरू हो गए .  इसके बाद 40 पौधे कलम विधि से तैयार कर अपने खेतों में लगवा दिए. इसमें 30 पौधे पूरी तरह सुरक्षित हैं और उसमें फल भी लग चुके हैं. कलम से पौधा  तैयार करने पर एक पौधे की कीमत 10 रुपये पड़ी थी. 

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अगले साल होगी पौधों में वृद्धि 

अंजीर का फल ड्राई फ्रूट के तौर पर खाया जाता है. बाजार में इसकी अच्छी कीमत मिल जाती है. अंजीर का फल 600 से 1200 रुपए प्रति किलो की कीमत पर बाजार में मिलता है. संजय ने दो वैरायटी के अंजीर लगाए हैं, इसमें पुणा रेड और तुर्की ब्राउन है. अंजीर के अच्छे फल को देखकर संजय कहते हैं कि अगले साल पौधे की संख्या में वृद्धि की जाएगी, ताकि कमर्शियल फार्मिंग करेंगे. फिलहाल इच्छुक क‍िसानों को इसकी खेती के बारे में जानकारी दे कर इसकी खेती के लिए जागरूक कर रहे है. 

अंजीर की खेती के फायदे 

आमतौर पर अंजीर की खेती के लिए  जलवायु ठंडी और शुष्क होती है. भारत में  इसकी खेती तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात के अलावा उत्तर प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में होती है. अंजीर के पौधे लगभग दो साल बाद पैदावार देना शुरू कर देते हैं. इसके चार-पांच साल पुराने एक पौधे से 15 किलो के आसपास फल प्राप्त होते हैं. इसमें देखभाल की जरूरत नहीं पड़ती और एक बार पौधा लगा देने के बाद 20 से 25 साल तक पैदावार मिलती है. इसलिए अंजीर की खेती में मुनाफा अधिक प्राप्त होता है. बहरहाल मुजफ्फरपुर के म्यूज़िक टीचर संजय संजू द्वारा टेरेस गार्डेन पर लगाए गए अंजीर के पौधे की चर्चा काफी हो रही है. आस पड़ोस के लोग संजय से अंजीर के पौधे की काफी डिमांड भी कर रहे है. 

(मणिभूषण शर्मा की रिपोर्ट )

 

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