देशभर के ज्यादातर हिस्सों में कई दिनों से जारी बारिश ने फसलों पर बुरा असर डाला है. महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश में 12 लाख हेक्टेयर से अधिक फसलें पानी में डूब गई हैं. ऐसे में किसानों को कीट, रोग से फसलों को बचाने की सलाह दी गई है. जम्मू कश्मीर, हिमाचल, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ के किसानों को फसल के हिसाब से बचाव के खास उपाय बताए गए हैं. एडवाइजरी में मसूर, मटर दाल समेत अदरक, हल्दी, अरबी जैसी सब्जियों की फसलों को लेकर किसानों को सचेत किया गया है.
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से किसानों बारिश और बाढ़ जनित समस्याओं से बचाने के लिए एडवाइजरी जारी की गई है. किसानों को कहा गया है कि वह खेतों में भरे पानी की निकासी की तत्काल व्यवस्था करें. ताकि फसल में सड़न रोग के प्रकोप को रोका जा सके. कृषि एक्सपर्ट ने कहा है कि मसूर, अरहर समेत अन्य दलहन फसलों को मोजेक रोग समेत अन्य कीटों के प्रकोप से बचाने के लिए खास सतर्कता बरतनी होगी.
कृषि सलाह में जम्मू कश्मीर में घाटी के नमी वाले इलाकों में सरसों के खेतों में फसल को बचाने के लिए किसानों से जल निकासी की पर्याप्त व्यवस्था करने को कहा गया है. कृषि एक्सपर्ट ने कहा कि यहां के किसान जई, गेहूं, मसूर और मटर की फसलों की उपज बरकरार रखने के लिए खेतों में जलभराव ना होने दें. इतना ही नहीं, सब्जियों के खेतों में भी पर्याप्त जल निकासी की व्यवस्था करना जरूरी है. इसके अलावा सूखे ठंडे इलाके में किसान खीरे की फसल की तुड़ाई करने की सलाह दी है.
हिमाचल के किसानों के लिए सलाह दी गई है कि ऊपरी पहाड़ी क्षेत्र, नमी और हल्की ठंड वाले इलाकों में साफ मौसम के दौरान तैयार मटर की तुड़ाई जरूर कर लें. किसान सब्जियों और फलों को तुड़ाई के बाद सुरक्षित स्थान पर रखें. यहां के किसान इन दिनों फूल गोभी, पत्ता गोभी और ब्रोकली की नर्सरी बुवाई का काम कर सकते हैं. उत्तराखंड के भाबर और तराइन क्षेत्र में उड़द और मूंग के खेतों में पर्याप्त जल निकासी की व्यवस्था करनी होगी. यहां के जो किसान मटर की बुवाई की तैयारी में जुटे हैं वो जल्दी बुवाई कर लें.
छत्तीसगढ़ के किसानों को कहा गया है कि अदरक, हल्दी, अरबी और जिमीकंद जैसी सब्जियों में मल्चिंग का काम जल्द ही पूरा कर लें. मक्का किसान के खेत में पर्याप्त जल निकासी की व्यवस्था करें. क्योंकि, अगर खेत में पानी भरा रहा तो मक्का के पौधे में सड़न रोग लग जाएगा, जो भुट्टे के दाने का विकास रुक जाएगा. जिन इलाकों में भारी बारिश की संभावना है वहां के किसान पौध संरक्षण और उर्वरक डालने का काम भी फिलहाल के लिए टाल दें. किसानों को को सलाह दी गई है कि पके हुए फलों को जल्द से जल्द तोड़ लें. इन बारिश संभावित इलाकों में फसलों को जल भराव की समस्या से बचाएं.