गार्डनिंग करना आजकल ज्यादातर लोगों की पसंदीदा हॉबी बनती जा रही है. ज्यादातर लोग अपने घर में छोटा-सा गार्डन या खूबसूरत बालकनी में अपना किचन गार्डन बना रहे है और आर्गेनिक तरीके से घर पर ही साग-सब्जी उगाना पसंद कर रहे है. आइए जानते हैं क्या है ऑर्गेनिक गार्डनिंग और क्या है उसके फायदे.
आमतौर पर प्राकृतिक चीजों की सहायता से गार्डनिंग करना जैविक बागवानी कहलाती है, लेकिन यदि विस्तार से बात करें, तो केमिकल युक्त उर्वरकों, कीटनाशकों या अन्य सिंथेटिक रसायनों के उपयोग किये बगैर गार्डन में सब्जियों और फलों को उगाना जैविक या ऑर्गेनिक गार्डनिंग कहलाती है.
ऑर्गेनिक गार्डनिंग पर्यावरण के अनुकूल होती है, इससे आसपास रहने वाले जीव-जंतुओं को किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं होता है. वहीं इससे मिट्टी की उपजाऊ क्षमता में सुधार आता है और सब्जियों या फलों का पैदावार बढ़ता है.
यह आपके लिए कम महंगी होती है, क्योंकि इसमें महंगे रसायनों की जगह आप प्राकृतिक चीजों का उपयोग करते हैं, जो सस्ते होते हैं या फिर आप इन्हें अपने घर पर भी बना सकते हैं. प्राकृतिक तरीके से उगाई गई सब्जियां ताज़ी और स्वादिष्ट होती हैं और इन्हें खाने से स्वास्थ्य पर कोई बुरा असर भी नहीं पड़ता है.
प्राकृतिक तरीके से सब्जियां उगाने के लिए मिट्टी तैयार करते समय जैविक खाद जैसे, गोबर खाद, वर्मीकम्पोस्ट, कम्पोस्ट खाद, मस्टर्ड केक, नीम केक, का उपयोग करें, वहीं इसमें किसी भी तरह के रासायनिक पदार्थों का इस्तेमाल न करें.
सब्जियों के पौधों को कीटों से बचाने के लिए आप स्टिकी ट्रैप या प्लांट कवर आदि का सहारा ले सकते हैं. इस तरह से आप अपने किचन गार्डन में आर्गेनिक गार्डनिंग अपनाकर सब्जियों को केमिकल रहित बना सकते और इस्तेमाल कर सकते, जिससे आपकी सेहत अच्छी बनी रहेगी.