सागौन के बारे में कहा जाता है कि एक बार पेड़ लगा दिया तो उसे कई पीढ़ियां कमाई करती हैं. यह कहावत इसलिए कही जाती है क्योंकि सागौन का महत्व इमारती लकड़ियों में सबसे ज्यादा है. तभी उसे लकड़ी का राजा कहते हैं. फर्नीचर, दरवाजे और घर के साजो सामान में इसका सबसे अधिक इस्तेमाल होता है. इसकी मांग को देखते हुए इसके दाम हमेशा बढ़े रहते हैं. एक सागौन का पका पेड़ कई-कई हजार में बिक जाता है. सागौन की लकड़ी की क्वालिटी को देखते हुए सरकार ने इसे जीआई टैग भी दिया है. हालांकि यह टैग केरल के नीलांबुर में उगाए जाने वाले सागौन को दिया गया है. जब लकड़ी इतनी महंगी है तो जाहिर है कि इसकी पौध यानी नर्सरी भी महंगी बिकती है. जब इसका पेड़ इतना महंगा होता है तो इसकी रोपाई पर भी हमें खास ध्यान रखना चाहिए. तो आइए इन सभी बातों की बारीकी के बारे में जान लेते हैं.
सागौन की रोपाई दो तरह से होती है. बीज से और शूट रूट या स्टांप से. इन दोनों तरीकों से बुवाई करने के बाद नर्सरी तैयार होती है जिसे फिर खेत में या किसी खाली स्थान पर लगा सकते हैं. लेकिन इसे रोपने की खास विधि होती है. इस विधि का पालन करेंगे तभी पेड़ मजबूत होगा और उससे आपकी कमाई बढ़ेगी.
ICAR के मुताबिक, गर्मी के मौसम में जमीन की सही ढंग से जुताई करके 60×60×60 सेंमी आकार के गड्डों को तैयार करना चाहिए. रोपाई के दौरान, पौधों के बीच का अंतर 2×3 मीटर या 4×3 मीटर होना चाहिए. कृषिवानिकी पद्धति में, पंक्ति से पंक्ति और पौधे से पौधे की दूरी 4×6 मीटर और 8×4 मीटर होनी चाहिए.
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वृक्षारोपण के लिए, पहले 10 किलोग्राम गोबर और 250 ग्राम नीम की खली को गड्डों में डालनी चाहिए. इसके बाद, प्रति पौधा 50 ग्राम एनपीके का मिश्रण देना चाहिए. दूसरे साल में 100 ग्राम एनपीके और तीसरे साल में 150 ग्राम एनपीके उर्वरक का उपयोग करके बढ़ाया जा सकता है. मॉनसून में सागौन के ठूंठ (स्टांप) को जमीन में गाड़ने के बाद किनारे की मिट्टी को अच्छी तरह से दबाना जरूरी है ताकि मिट्टी में कोई हवा न रहे. इस विधि से पौधे की रोपाई करें तो पेड़ स्वस्थ और मजबूत होंगे.
आप सागौन की नर्सरी से भी कमाई कर सकते हैं. सागौन की पौध की बहुत मांग है. इसलिए आपको नर्सरी से कमाई करनी है तो पहले नर्सरी तैयार करनी होगी. नर्सरी लगाने के लिए सागौन का बीज लगा सकते हैं. यह बीज सागौन के फल से तैयार होते हैं. इसके फल कठोर होते हैं बीच अंकुरण क्षमता कम होती है. ऐसे में बीज लगाने से पहले उसके फल को 24 घंटे तक पानी में भिगोया जाता है. फिर सख्त सीमेंट वाली सतह पर फैलाकर सुखाया जाता है. 7-10 दिन लगातार सुखाने पर उसके फल से अच्छा अंकुरण मिलता है.
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सागौन के अधिक बड़े बीजों का उपयोग बेहतर अंकुरण देता है. बीजों को 10 मीटर लंबे, 1 मीटर चौड़े और 0.5 मीटर ऊंचाई पर उठी हुई क्यारियों में बोया जाता है, लगभग 40 दिनों के बाद अंकुरण शुरू होता है. फिर इससे नर्सरी तैयार होती है जिसे बेचकर आप अच्छी कमाई कर सकते हैं.