खेतों में गहरी जुताई के साथ खरपतवारों को भी कम करती है ये मशीन, कीमत है 90,000 रुपये

खेतों में गहरी जुताई के साथ खरपतवारों को भी कम करती है ये मशीन, कीमत है 90,000 रुपये

हरियाणा में पराली बहुत ही बड़ी समस्या बन गई है. धान की कटाई करने के बाद किसान गेहूं की बुवाई करने के लिए पराली में आग लगा देते हैं. इससे हवा प्रदूषित हो जाती है. खास कर पराली से निकलने वाले प्रदूषण से दिल्ली की हवा जहरीली हो जाती है. लेकिन अब किसान पराली जलाने के बजाय उसे पराली प्रबंधन मशीन की मदद से छोटे-छोटे टुकड़ों में काट कर खाद में बदल सकते हैं.

अब पराली का प्रबंधन करना होगा आसान. (सांकेतिक फोटो)अब पराली का प्रबंधन करना होगा आसान. (सांकेतिक फोटो)
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jul 30, 2024,
  • Updated Jul 30, 2024, 8:25 PM IST

हरियाणा में धान की कटाई करने के बाद पराली को लेकर किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है. मार्केट में इस तरह की नई-नई मशीनें आ गई हैं, जिसकी मदद से किसान कुछ ही घंटों में एक एकड़ से अधिक रकबे में पराली का प्रबंधन कर सकते हैं. खास बात यह है कि इन मशीनों की कीमत भी ज्यादा नहीं है. बहुत की किफायती रेट में आ रही हैं. अगर किसान चाहें, तो इसे आसानी से खरीद सकते हैं.

दरअसल, हरियाणा में पराली बहुत ही बड़ी समस्या बन गई है. धान की कटाई करने के बाद किसान गेहूं की बुवाई करने के लिए पराली में आग लगा देते हैं. इससे हवा प्रदूषित हो जाती है. खास कर पराली से निकलने वाले प्रदूषण से दिल्ली की हवा जहरीली हो जाती है. लेकिन अब किसान पराली जलाने के बजाय उसे पराली प्रबंधन मशीन की मदद से छोटे-छोटे टुकड़ों में काट कर खाद में बदल सकते हैं. इससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति भी बढ़ जाएगी. खास बात यह है कि अभी मार्केट में पराली प्रबंधन मशीनों में मल्चर और रिवर्सिबल प्लो का बोलबला ज्यादा है. इनकी कीमत भी ज्याद नहीं है. तो आइए जानते हैं मल्चर और रिवर्सिबल प्लो के बारे में.

पराली प्रबंधन मशीनें

मल्चर: मल्चर की कीमत 150000 रुपये से 175000 रुपये के बीच है. यह मशीन एक घंटे में एक एकड़ की पारली का प्रबंधन कर सकती है. यह फसल अवशेष को काट कर टुकड़े- टुकड़े कर देती है. ऐसे में किसानों को पराली जलाने की जरूरत नहीं पड़ती है. गेहूं की बुवाई करने के दौरान खेत की जुताई करने पर पराली के टुकड़े मिट्टी में मिल जाते हैं और कुछ ही दिनों में खाद बन जाते हैं. इससे मिट्टी का उर्वरा शक्ति भी बढ़ जाती है. अभी हरियाणा में किसान बड़े स्तर पर मल्चर का पराली प्रबंधन के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं.

मल्चर की सबसे बड़ी खासियत है कि यह धान की कटाई के तुरंत बाद गेहूं की बुवाई को सरल बनाता है. साथ ही मिट्टी में उपलब्ध पोषक तत्वों और जीवाणुओं को भी संरक्षित करता है. साथ ही मल्चर के उपयोग से मिट्टी में मौजूद नमी संरक्षित रहती है. इसके अलावा पराली, पत्तियां और डंठल मिट्टी में मिलकर खाद बन जाते हैं.

रिवर्सिबल प्लो: इसकी कीमत 90000 से 175000 रुपये के बीच है. ये मशीन भी एक घंटे में एक एकड़ में लगी पराली को टुकड़ों में काट देती है. साथ ही खेत की गहरी जुताई करने के बाद पराली के अवशेषों को मिट्टी में अच्छी तरह से दबा देती है. इसके अलावा मिट्टी में मौजूद हानिकारक कीटाणुओं को नष्ट कर देती है. बड़ी बात यह है कि रिवर्सिबल प्लो खरपतवार के बीजों को भी नष्ट कर देता है. इससे फसलों को नुकसान नहीं पहुंचता है.

 

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