एग्रीटेक सेक्टर में तेजी से बढ़ रही ड्रोन सर्विसेज देने वाली कंपनी सलाम किसान (Salam Kisan) ने महाराष्ट्र सरकार के साथ एमओयू साइन किया है. इसके तहत राज्य सरकार सलाम किसान के ड्रोन और दूसरी सेवाओं का इस्तेमाल राज्यभर में करेगी. जबकि, सलाम किसान ड्रोन उड़ाने के लिए युवाओं को ट्रेनिंग देने के लिए सेंटर्स भी बनाएगा. सलाम किसान के सीओओ ने बताया कि जालना जिले में ट्रेनिंग सेंटर बनाने की शुरूआत हो रही है और धीरे-धीरे सभी जिलों में ट्रेनिंग सुविधाओं की व्यवस्था की जाएगी. युवाओं को नौकरी देने के लिए हायरिंग भी शुरू कर दी गई है. टेक्नोलॉजी पार्टनर के रूप में सलाम किसान ने माइक्रोसॉफ्ट के साथ भी साझेदारी की है.
सलाम किसान (PRYM सॉल्यूशन समूह) ने महाराष्ट्र सरकार के साथ साझेदारी की है. दावोस में प्रतिष्ठित विश्व आर्थिक मंच (WEF) में घोषित समझौता ज्ञापन (MoU) कृषि ड्रोन टेक्नोलॉजी को बेहतर करने के साथ ही बढ़ावा देने में बड़ी भूमिका निभाएगा. इससे भारत की 70 फीसदी छोटे किसानों के लिए सस्ती और सुलभ छिड़काव, निगरानी सेवाएं मिलेंगी. भारत के कृषि क्षेत्र को 2030 तक 10 लाख ड्रोन की जरूरत होने का अनुमान है. हालांकि, इन ड्रोन की अधिक लागत छोटे और सीमांत किसानों तक पहुंच बनाने में बाधा बनी हुई है. इस सहयोग का उद्देश्य एक टिकाऊ इकोसिस्टम बनाकर इस अंतर को पाटना है. सलाम किसान ड्रोन-एज़-ए-सर्विस (DaaS) मॉडल का नेतृत्व करेगा.
सलाम किसान के मुख्य संचालन अधिकारी अक्षय खोब्रागडे ने बताया कि महाराष्ट्र सरकार के साथ मिलकर कंपनी अगले 7 वर्षों में ड्रोन बनाने, ट्रेनिंग केंद्र स्थापित करने और प्रशिक्षित ड्रोन सेवा प्रदाताओं (डीएसपी) का नेटवर्क बनाने के लिए 300 करोड़ रुपये का निवेश करेगी. उन्होंने कहा कि जालना जिले में ट्रेनिंग सेंटर बनाने की शुरुआत सबसे पहले हो रही है और उसके बाद धीरे-धीरे सभी जिलों में इसकी स्थापना की जाएगी. इससे न केवल किसानों के लिए ड्रोन सेवाओं को किफायती बनाएंगे बल्कि 200,000 से अधिक ग्रामीण नौकरियों का सृजन करेंगे. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में युवाओं को नौकरियां देने के लिए हायरिंग भी शुरू कर दी गई है. टेक्नोलॉजी पार्टनर के रूप में Microsoft अपनी मॉडर्न AI, मशीन लर्निंग और क्लाउड क्षमताओं का लाभ उठाकर सटीक कृषि के लिए पूर्वानुमानात्मक विश्लेषण, वास्तविक समय डेटा आदि से मदद करेगा.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि दावोस में WEF25 में महाराष्ट्र कृषि परिवर्तन का नेतृत्व कर रहा है. सलाम किसान (PRYM Solutions) के साथ इस सहयोग के जरिए हम ड्रोन निर्माण में 300 से ज्यादा नौकरियां पैदा कर रहे हैं और ग्रामीण समुदायों को सशक्त बना रहे हैं. यह साझेदारी उत्पादकता बढ़ाएगी, टिकाऊ प्रथाओं को बढ़ावा देगी और जलवायु-अनुकूल खेती और ग्रामीण विकास के लिए एक वैश्विक मानक स्थापित करेगी. उन्होंने कहा कि किसानों की इनपुट लागत को 30 फीसदी तक कम करने में मदद मिलेगी. जबकि, फसल उत्पादकता को 40 फीसदी तक बढ़ जाएगी. ग्रामीण उद्यमियों के लिए 200,000 DSP का प्रशिक्षण उन्हें सालाना 5,00,000 रुपये तक की स्थायी आय अर्जित करने में सक्षम बनाएगा. यह पहल 2030 तक अनुमानित 238 बिलियन लीटर पानी बचाएगी, जलवायु अनुकूल कृषि प्रथाओं को बढ़ावा देगी.