उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य का समर्थन करने और प्रदेश के बुनियादी ढांचे एवं कृषि तकनीक (एग टेक) में सहयोग करने के लिए उत्सुक इंटरनेशनल फाइनेंस कॉर्पोरेशन (IFC) के ग्लोबल एमडी मखतार डियोप ने शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके सरकारी आवास पर भेंट की. इस मुलाकात के दौरान उत्तर प्रदेश में सहयोग को लेकर विभिन्न संभावनाओं पर चर्चा हुई. खासतौर पर आईएफसी की ओर से पब्लिक प्राइवेट पार्टनरिशप (PPP Model) के माध्यम से प्रदेश के बुनियादी ढांचे और कृषि तकनीक के क्षेत्र में सहयोग को लेकर उत्सुकता जाहिर की गई. बैठक में आईएफसी की ओर से प्रदेश में नमामि गंगे की तर्ज पर एक राज्यव्यापी जल कार्यक्रम विकसित किए जाने पर भी चर्चा की गई, जो वेस्ट वॉटर ट्रीटमेंट पर केंद्रित होगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से आईएफसी को सहयोग के लिए हर संभव मदद का आश्वासन दिया गया.
मुलाकात के दौरान आईएफसी के ग्लोबल एमडी मखतार डियोप ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य का समर्थन करते हुए इसमें अपनी भागीदारी के प्रति उत्सुकता जाहिर की. इसके लिए विशेष रूप से बुनियादी ढांचे में निवेश और सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) और कृषि तकनीक (एगटेक) के माध्यम से फोकस किए जाने की आवश्यकता जताई गई.
आईएफसी विगत कई वर्षों से कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं में सहयोग कर रहा है. भारत के पहले और सबसे बड़े बिजली क्षेत्र इंफ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट ट्रस्ट इंडीग्रिड में आईएफसी ने 200 मिलियन डॉलर का निवेश किया है, जिसकी मदद से भारत के ट्रांसमिशन सेक्टर का आधुनिकीकरण हो रहा है. वहीं, आईएफसी पीपीपी परियोजनाओं के सलाहकार के रूप में भी सक्रिय है.
उत्तर प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे में निवेश बढ़ाने के लिए आईएफसी और वर्ल्ड बैंक ग्रुप, राज्य सरकार के साथ मिलकर कार्य कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश में कम से कम 7 शहर (कानपुर, लखनऊ, गाजियाबाद, आगरा, वाराणसी, मेरठ और प्रयागराज) हैं जिनकी जनसंख्या 1 मिलियन से अधिक है, जो इस पहल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन सकते हैं. आईएफसी और वर्ल्ड बैंक ग्रुप संयुक्त रूप से राज्य के लिए पूल्ड फाइनेंसिंग संरचना स्थापित करने में मदद कर सकते हैं, जिससे शहरी बुनियादी ढांचे में निजी पूंजी को आकर्षित किया जा सके. एक पूल्ड कमर्शियल फाइनेंसिंग संरचना उत्तर प्रदेश राज्य की वित्तीय ताकत का उपयोग कर शहरी बुनियादी ढांचे की सामूहिक वित्तपोषण आवश्यकताओं को पूरा कर सकती है.
आईएफसी ने 2007 से अब तक रसायन और उर्वरक, आवास, नवीकरणीय ऊर्जा, दूरसंचार, स्वास्थ्य और खाद्य प्रसंस्करण जैसे क्षेत्रों में 29 परियोजनाओं में लगभग 750 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश किया है. प्रदेश सरकार के पीपीपी मॉडल को बढ़ावा देने के प्रयासों में, आईएफसी ने जुलाई 2023 में उत्तर प्रदेश के अवसंरचना और औद्योगिक विकास विभाग के साथ एक एमओयू पर हस्ताक्षर किया है, जिसके तहत आईएफसी पीपीपी के रूप में ई-बसों की खरीदारी, संचालन और रखरखाव की सलाहकारी सेवाएं प्रदान कर रहा है.
इसी तरह, आईएफसी ने उत्तर प्रदेश में कृषि तकनीक (एगटेक) के क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए कई परियोजनाओं में योगदान दिया है. इसके अंतर्गत आईएफसी की भारत कृषि तकनीक सलाहकार परियोजना (आईएएपी) 30,000 से अधिक किसानों को लाभ पहुंचा रही है. यह परियोजना कृषि निगरानी, बाजारों तक पहुंच, फसल विविधीकरण और महिला उद्यमी-नेतृत्व वाले सूक्ष्म प्रसंस्करण क्लस्टर्स जैसी पहल के माध्यम से किसानों को सशक्त बना रही है.