कई साल तक खराब नहीं होगा ड्रिप सिंचाई सिस्टम, बस इन 12 बातों का जरूर रखें ध्यान

कई साल तक खराब नहीं होगा ड्रिप सिंचाई सिस्टम, बस इन 12 बातों का जरूर रखें ध्यान

कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखते हुए किसान अपने ड्रिप सिंचाई सिस्टम को कई साल तक चला सकते हैं. उसमें कोई खराबी नहीं आएगी और मरम्मत की जरूरत भी कम रहेगी. अगर देखभाल ठीक से न करें तो सिस्टम खराब होने पर मरम्मत का खर्च अधिक होगा.

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क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jan 22, 2025,
  • Updated Jan 22, 2025, 2:40 PM IST

ड्रिप सिंचाई सिस्टम महंगा आता है. खेत में इसे लगाने में लाख-दो लाख का खर्च हो सकता है. जब इसे लगाना और इस्तेमाल करना इतना महंगा है तो इसकी देखभाल ठीक से क्यों न करें? अच्छी बात ये है कि इस सिस्टम का सही ढंग से इस्तेमाल करें, इसकी प्रोपर देखभाल करते रहें तो कई साल तक यह खराब नहीं होता. अगर आप बिना किसी बाधा के इस सिस्टम का सबसे अच्छा प्रयोग जारी रखना चाहते हैं तो ड्रिप सिस्टम की नियमित देखभाल सबसे जरूरी है. इसका रखरखाव कैसे करें कि ड्रिप सिस्टम सालों साल चलता रहे, तो इसके लिए कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना होगा. क्या हैं ये बातें, आइए जानते हैं.

इन 12 बातों का रखें ध्यान

  1. फिल्टरों की रबड़, वाल्व और अलग-अलग फिटिंग्स की जांच नियमित रूप से करते रहना चाहिए. यदि उनमें किसी भी प्रकार का रिसाव हो तो उसको तुरंत ठीक करें.
  2. उपमुख्य पाइप में दबाव 1 किग्रा प्रति वर्ग सेमी होना चाहिए. इस दबाव का ध्यान रखें ताकि पाइप फटे नहीं. कम दबाव होने पर सिंचाई ठीक से नहीं हो पाएगी.
  3. ड्रिपरों से नम किए जाने वाले क्षेत्रफल का लगातार निरीक्षण करते रहना चाहिए और उसमें किसी तरह की असमानता पाई जाती है तो तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए. इसका मतलब हुआ कि सिस्टम में कहीं गड़बड़ है.
  4. लैटरल पाइपों के अवांछित छेदों को गूफ प्लग के द्वारा बंद किया जा सकता है. यदि लैटरल पाइप कटा हुआ है तो सीधे जोड़क द्वारा जोड़ा जा सकता है.
  5. उपमुख्य पाइप के सिरों पर फव्वारा वाल्व और लैटरल पाइपों के खुले सिरों को एंडकैप से बंद रखना चाहिए. यदि इन्हें खुला रखा जाए तो इन बिंदुओं पर दबाव में कमी आने के साथ-साथ पानी की हानि हो सकती है.
  6. लैटरल पाइपों को खेत से हटाते समय बड़े गोले के आकार में मोड़ना चाहिए. इससे पाइप के फटने की आशंका नहीं रहती. पाइप ज्यादा दिनों तक चलती है.
  7. कटाई के समय ट्रैक्टर या बैलगाड़ी खेत में नहीं लाना चाहिए. ये पाइपों को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
  8. यदि कुछ ड्रिपरों से पानी की फुहार निकल रही है तो इसका कारण चकती या दाब अतिपूरक ड्रिपर्स से रबर का डायफ्राम गिर जाना हो सकता है जिसे तुरंत लगाना चाहिए.
  9. यदि ड्रिपर कुछ दिनों के लिए बंद रहे तो संभव है कि मकड़ी या अन्य कीट अपना जाल बना लें जिससे पानी की निकासी कम हो सकती है. इसलिए नियमित रूप से ड्रिपर्स को खोल कर साफ करना चाहिए.
  10. बरसात के मौसम में खेत में बिछे सभी लैटरल पाइप को हटा देना चाहिए. हटाते समय उन्हें सही तरीके से मोड़कर रखना चाहिए जिससे पाइप मुड़ें नहीं.
  11. प्रति सप्ताह एक बार बलुई फिल्टर का ढक्कन खोल कर फिल्टर के भीतर की रेत को हाथ से मसल कर कूड़ा-कचरा बाहर निकाल देना चाहिए.
  12. जालीदार फिल्टर का ढक्कन खोलकर अंदर का फिल्टर और बेलन साफ करना चाहिए. इससे पानी अधिक आता है और फव्वारा भी अच्छा बनता है.

इन जरूरी बातों का ध्यान रखते हुए किसान अपने ड्रिप सिंचाई सिस्टम को कई साल तक चला सकते हैं. उसमें कोई खराबी नहीं आएगी और मरम्मत की जरूरत भी कम रहेगी. अगर देखभाल ठीक से न करें तो सिस्टम खराब होने पर मरम्मत का खर्च अधिक होगा.

 

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