उत्तर प्रदेश सरकार का फोकस है कि जो भी एग्रीकल्चर प्रोजेक्ट शुरू किये हैं वो समय सीमा से पहले या समय सीमा में पूरे हो सकें. इस काम के लिए योगी सरकार राज्य में खेती के विकास के लिए 40 एग्रीटेक कंपनी के साथ मिलकर काम करेगी. एग्रीकल्चर, डेयरी, पोल्ट्री और फिशरीज सेक्टर को मजबूती देने के लिए तकनीक के इस्तेमाल को बढ़ावा देने की कोशिश हो रही है जिससे इस क्षेत्र को मार्केट से अच्छी तरह जोड़ा जा सकते , ज्यादा कोल्ड स्टोर बनाये जाएं जिससे फसल की कम से कम बर्बादी हो.
आंकड़ों के मुताबिक इस वक्त उत्तर प्रदेश की इकॉनमी 240 बिलियन डॉलर की है. जिससे में खेती का योगदान 60 बिलियन डॉलर का है. एग्रीकल्चर सेक्टर में पशुपालन , मछली और पोल्ट्री भी शामिल है. सरकार का प्रयास है कि उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 1 ट्रिलियन डॉलर का बनाया जाये और इसके लिए एग्रीकल्चर सेक्टर को 250 बिलियन डॉलर तक ले जाने का टार्गेट है. इस क्षेत्र के विकास के लिए सरकार कई दूसरी प्राइवेट कंपनी, इंटरनेशनल एजेंसी से सहयोग कर रही है. कषि क्षेत्र को और विकसित बनाने के लिए सरकार डेलॉइट इंडिया के अलावा 40 एग्रीटेक फर्म के साथ काम कर रही है.
राज्य में गन्ने की खेती को लेकर काफी जागरुकता है इसलिए इसकी खेती काफी व्यवस्थित ढंग से होती है और पता होता है कि कितना उत्पादन हुआ लेकिन बाकी और फसलों में ऐसा नहीं है और कई बार प्रोडक्शन का सही डेटा नहीं मिल पाता.
इस डेटा को कलेक्ट करने के लिए एग्रीटेक कंपनी फसल का सर्वे करेंगी और सही आंकड़े उपलब्ध करायेंगी. डेलॉइट इंडिया के मुताबिक सही आंकड़ा मिलने से 10-15% उत्पादन बढ़ेगा और किसानों की आय भी 5-10% तक बढ जायेगी.