कृषि के विकास के लिए टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल को बढ़ाने के लिए एग्रीटेक कंपनी सलाम किसान और महाराष्ट्र की एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी DBSKKV ने एमओयू साइन किया है. दोनों संथान मिलकर मॉडर्न टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से किसानों की कीट प्रबंधन, छिड़काव समेत दूसरी समस्याओं को हल करेंगे. इसके अलावा टिकाऊ खेती को प्रभावी करने के साथ ही एग्री ड्रोन के लिए मानक संचाल प्रक्रिया विकसित करेंगे.
महाराष्ट्र की प्रमुख स्टेट एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी डॉ. बालासाहेब सावंत कोकण कृषि विद्यापीठ (DBSKKV) दापोली और PRYM ग्रुप की प्रमुख पहल सलाम किसान (SALAM Kisan) ने एक ऐतिहासिक सहयोग की घोषणा की है. यह साझेदारी पांच वर्षों के लिए प्रभावी रहेगी, जो लंबे समय तक सहयोगी पहलों के लिए एक स्थिर मंच उपलब्ध कराएगी. इससे कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी प्रगति लाने में मदद मिलेगी. DBSKKV की गहन अनुसंधान विशेषज्ञता और सलाम किसान की तकनीकी क्षमताओं को मिलाकर यह साझेदारी एक टिकाऊ और इनोवेटिव एग्रीकल्चर इकोसिस्टम तैयार करेगी.
सलाम किसान के मुख्य संचालन अधिकारी अक्षय खोब्रागडे ने बताया कि DBSKKV के अकादमिक उत्कृष्टता और सलाम किसान की तकनीकी नवाचारों के कॉम्बीनेशन का यह सहयोग है. हम मिलकर ऐसे प्रभावशाली और व्यापक समाधान देने का लक्ष्य रखते हैं, जो किसानों को सशक्त बनाएंगे और भारत के कृषि परिदृश्य को बदलेंगे. उन्होंने कहा कि यह समझौता कृषि क्षेत्र में शोध आधारित और तकनीकी प्रगति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. DBSKKV के अनुसंधान और विकास (R&D), फील्ड ट्रायल और डेटा एनालिटिक्स को सलाम किसान की उन्नत तकनीकी क्षमताओं के साथ जोड़कर किसानों को सशक्त बनाएगी.
सलाम किसान और स्टेट एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के सहयोग से कृषि की पढ़ाई करने वाले युवा, कृषि क्षेत्र के शोधकर्ता, किसान, पॉलिसी मेकर्स, छोटे उद्यमी और अन्य प्रमुख स्टेकहोल्डर्स को फायदा मिलेगा. यह उन्हें उन्नत ज्ञान, उपकरण और संसाधन उपलब्ध कराएगा, जिससे एक मजबूत और टिकाऊ कृषि के भविष्य का निर्माण होगा.