खेती करना आसान बनाएंगी Salam Kisan और DBSKKV कृषि यूनिवर्सिटी, तकनीक इस्तेमाल से बढ़ेगी उपज

खेती करना आसान बनाएंगी Salam Kisan और DBSKKV कृषि यूनिवर्सिटी, तकनीक इस्तेमाल से बढ़ेगी उपज

एग्रीटेक फर्म सलाम किसान ने डॉ. बालासाहेब सावंत कोंकण कृषि विद्यापीठ दापोली महाराष्ट्र के साथ करार किया है. दोनों संस्थान एग्रीकल्चर इकोसिस्टम के भीतर रिसर्च सपोर्ट, टेक्नोलॉजी बदलावों के इस्तेमाल को सुविधाजनक बनाना है.

एग्रीटेक कंपनी सलाम किसान ने खेती में तकनीक इस्तेमाल बढ़ाने के लिए DBSKKV कृषि यूनिवर्सिटी से हाथ मिलाया है.एग्रीटेक कंपनी सलाम किसान ने खेती में तकनीक इस्तेमाल बढ़ाने के लिए DBSKKV कृषि यूनिवर्सिटी से हाथ मिलाया है.
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Nov 20, 2024,
  • Updated Nov 20, 2024, 11:57 AM IST

खेती में तकनीक के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के प्रयासों को देखते हुए निजी क्षेत्र की एग्रीकल्चर सेक्टर में काम कर रहीं कंपनियां भी तेजी से उतर रही हैं. अब एग्री ड्रोन बनाने वाली एग्रीटेक कंपनी सलाम किसान (Salam Kisan) ने खेती में तकनीक और उपकरणों के इस्तेमाल को बढ़ाने के लिए DBSKKV कृषि यूनिवर्सिटी से हाथ मिलाया है. कृषि वैज्ञानिकों के साथ मिलकर उपकरणों के इस्तेमाल के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) बनाई जाएगी. इससे किसानों को फसल बुवाई से लेकर कटाई तक उपकरणों आदि का सही इस्तेमाल कर उपज और आय को बढ़ाया जा सके, जबकि समय और लागत को घटाया जा सके.

PRYM ग्रुप की एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी फर्म सलाम किसान (Salam Kisan) ने डॉ. बालासाहेब सावंत कोंकण कृषि विद्यापीठ (DBSKKV) दापोली महाराष्ट्र के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं. यह साझेदारी एग्रीकल्चर इकोसिस्टम के भीतर रिसर्च सपोर्ट, टेक्नोलॉजी ऑपरेटेड बदलावों को सुविधाजनक बनाना है. एक मीडिया बयान में कहा गया है कि सलाम किसान अपनी मौजूदा विशेषताओं को मजबूत करता है और इस साझेदारी के साथ पूरे कृषि क्षेत्र के लिए अधिक वैल्यू बनाता है. 5 साल की अवधि के लिए की गई यह साझेदारी लंबे समय तक के लिए इनोवेशन को स्थिर आधार प्रदान करती है. 

एग्री ड्रोन के लिए SOP लाएंगे 

दोनों संस्थानों के साथ आने से डेटा ऑपरेटेड AI और मशीन लर्निंग सॉल्यूशन का इस्तेमाल करके फसल कैलेंडर को मजबूत करना है. अधिक सटीक बुवाई और कटाई को आसान बनाना है. दोनों संस्थान कृषि में ड्रोन के सुरक्षित और प्रभावी इस्तेमाल के लिए ड्रोन मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) विकसित भी करेंगे. कहा गया कि कुछ ही ऐसे सरकारी SOP मौजूद हैं.

कीट-रोग प्रबंधन पर अधिक फोकस 

इसमें कहा गया है कि इस साझेदारी के जरिए वास्तविक समय कीट और रोग प्रबंधन सॉल्यूशन उपलब्धा कराया जाएगा. जिससे किसानों को अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए जमीनी स्तर पर सहायता मिलेगी. यह साझेदारी पर्यावरणीय स्वास्थ्य और लंबे समय के लिए कृषि लचीलेपन को सपोर्ट करने के साथ ही टिकाऊ, पर्यावरण के अनुकूल तरीकों को प्रोत्साहित करने के लिए प्राकृतिक कृषि विधियों को तैयार करने और बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करेगी.

कृषि उत्पादन बढ़ाने पर जोर 

सलाम किसान की संस्थापक और सीईओ धनश्री मंधानी के हवाले से बयान में कहा गया है कि यह साझेदारी भारत में टिकाऊ कृषि के भविष्य के लिए अहम है. कृषि अनुसंधान में अलग पहचान रखने वाला राज्य कृषि विश्वविद्यालय इसमें जानकारी देगा. DBSKKV कृषि विश्वविद्यालय रिसर्च विशेषज्ञता को सलाम किसान की उन्नत तकनीकी क्षमताओं के साथ जोड़कर हम प्रभावशाली और बड़े स्तर पर सॉल्यूशन दे सकते हैं, जिससे कृषि क्षेत्र को ऊपर उठाने में मदद मिलेगी. हमारा टारगेट पूरे देश में कृषि उत्पादकता और लचीलेपन में पर्याप्त सुधार लाना, आजीविका को बढ़ाना और ग्रामीण उद्यमिता को सपोर्ट करना है. 

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