UP: लखनऊ में कल जुटेंगे 1 लाख से अधिक किसान, कृषि सेक्टर की 200 कंपनियां होंगी शामिल

UP: लखनऊ में कल जुटेंगे 1 लाख से अधिक किसान, कृषि सेक्टर की 200 कंपनियां होंगी शामिल

Krishi Bharat 2024: प्रमुख सचिव कृषि, रविंद्र ने बताया कि इसका मुख्य उद्देश्य कृषि में उन्नत तकनीकों को अपनाना और किसानों की आय को दोगुना करना है. इस चार दिवसीय कार्यक्रम में बायो टेक्नोलॉजी, पशुपालन, मत्स्य पालन और सिंचाई की नई तकनीकों को भी शामिल किया गया है.

 कृषि में उन्नत तकनीकों को अपनाना और किसानों की आय को दोगुना करना है. कृषि में उन्नत तकनीकों को अपनाना और किसानों की आय को दोगुना करना है.
नवीन लाल सूरी
  • Lucknow,
  • Nov 14, 2024,
  • Updated Nov 14, 2024, 3:40 PM IST

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर 15 से 18 नवंबर तक उत्तर प्रदेश में पहली बार 'कृषि भारत 2024' मेला का आयोजन होगा. प्रदेश में कृषि और पशुपालन क्षेत्र में नई तकनीकों को बढ़ावा देने और उत्पादन को बढ़ाने के लिए आयोजित होने जा रहे इस चार दिवसीय मेले का शुक्रवार को राजधानी लखनऊ के वृंदावन योजना मैदान में सीएम योगी के हाथों शुभारंभ होगा. इसमें प्रदेशभर के करीब 1 लाख किसानों के जुटने का अनुमान लगाया जा रहा है. मेले में कृषि उद्योग से जुड़े देश और दुनिया के 200 एग्जीबिटर्स अपने उत्पादों और तकनीक की प्रदर्शनियां लगाएंगे. 

उत्पादकता में वृद्धि खेती की लागत में आएगी कमी

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कृषि उत्पादन आयुक्त, मोनिका एस गर्ग ने कहा कि उत्तर प्रदेश एक कृषि प्रधान राज्य है, जहां 75% भूमि कृषि उपयोग में लायी जाती है. उन्होंने बताया कि योगी सरकार किसानों के हितों को सर्वोपरि मानती है और उनके कल्याण के लिए अनेक योजनाएं चला रही है. चूंकि, प्रदेश में कृषि क्षेत्र में मैकेनाइजेशन की कमी महसूस की जाती रही है. किसान अभी भी पारंपरिक तरीके से खेती कर रहे हैं, जबकि उन्हें लाइन बुवाई और जीरो सीड ड्रिल जैसी तकनीकों का उपयोग करना चाहिए. इससे न केवल उत्पादकता में वृद्धि होगी बल्कि खेती की लागत भी कम होगी.

उन्नत उपकरणों के उपयोग के लिए किया जाएगा प्रोत्साहित

कृषि उत्पादन आयुक्त मोनिका एस गर्ग ने बताया कि मेले में पराली प्रबंधन पर भी विशेष जोर दिया जाएगा. सरकार द्वारा किसानों को यंत्रों पर सब्सिडी दी जा रही है, लेकिन उनका पर्याप्त लाभ किसान नहीं उठा रहे. कार्यक्रम के दौरान किसानों को फार्म मशीनरी बैंक के माध्यम से उन्नत उपकरणों के उपयोग के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.

उत्तर प्रदेश में पहली बार हो रहा आयोजन

प्रमुख सचिव कृषि, रविंद्र ने बताया कि इसका मुख्य उद्देश्य कृषि में उन्नत तकनीकों को अपनाना और किसानों की आय को दोगुना करना है. इस चार दिवसीय कार्यक्रम में बायो टेक्नोलॉजी, पशुपालन, मत्स्य पालन और सिंचाई की नई तकनीकों को भी शामिल किया गया है. इसके माध्यम से किसानों को आधुनिक खेती के तरीकों के साथ-साथ सरकारी योजनाओं और सब्सिडी की जानकारी भी दी जाएगी.

महिन्द्रा, आयशर समेत 200 से अधिक कंपनियां होंगी शामिल

सीआईआई की प्रतिनिधि स्मिता अग्रवाल ने बताया कि इस आयोजन में दुनियाभर की 200 से अधिक कंपनियां भाग लेंगी. इसमें महिन्द्रा, आयशर, सोनालिका और एस्कॉर्ट जैसी बड़ी कंपनियां भी अपनी तकनीकों और उपकरणों का प्रदर्शन करेंगी. 11 तकनीकी सत्र और 8 किसान गोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें विशेषज्ञ अपने अनुभव साझा करेंगे.

किसानों को मिलेगा सरकारी योजनाओं का लाभ

कार्यक्रम में किसानों को सरकारी योजनाओं और सब्सिडी के बारे में जानकारी दी जाएगी. किसानों के लिए बसों की व्यवस्था की गई है, जिससे एक लाख से अधिक किसानों को इस आयोजन में लाया जाएगा. यहां वे नई तकनीकों के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए आवेदन कर सकेंगे.

नीदरलैंड्स होगा पार्टनर कंट्री

इस आयोजन में नीदरलैंड्स को पार्टनर कंट्री के रूप में शामिल किया गया है. नीदरलैंड्स से आए विशेषज्ञ और सप्लायर्स अपने आधुनिक कृषि उपकरणों और तकनीकों का प्रदर्शन करेंगे. इससे उत्तर प्रदेश के किसानों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की तकनीकों से रूबरू होने का अवसर मिलेगा.

फार्मिंग में उद्यमिता को बढ़ावा

कार्यक्रम के दौरान फार्मिंग में उद्यमिता को प्रोत्साहित करने पर जोर दिया जाएगा. किसानों को अपने कृषि व्यवसाय को उन्नत बनाने के लिए तकनीकी और व्यावसायिक जानकारी दी जाएगी, जिससे वे खेती को एक लाभकारी व्यवसाय के रूप में देख सकें.

 

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