ट्रैक्टर से चलने वाली गेहूं की कटाई और मड़ाई करने वाली रीपर बाइंडर मशीन किसानों के लिए बहुत फायदेमंद है. इस मशीन से पौधों को कटर बार से काटने के बाद उन्हें एक बंडल में बांध दिया जाता है और ट्रांसमिशन सिस्टम के माध्यम से उन्हें एक तरफ गिरा दिया जाता है. इस मशीन से काटने और बांधने का काम बहुत आसानी से हो जाता है. इसीलिए किसानों के बीच इस मशीन की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है. बाजार में इस मशीन की कीमत लगभग 295000 रुपये है. इस मशीन से लगभग 0.40 हेक्टेयर/घंटा की दर से गेहूं की कटाई की जा सकती है और इस मशीन से कटाई की लागत लगभग 1050 रुपये प्रति घंटा आती है.
स्वचालित वर्टिकल कन्वेयर रीपर मशीन छोटे और मध्यम स्तर के किसानों के लिए गेहूं की कटाई के लिए एक उपयोगी मशीन है. इसमें आगे की तरफ एक कटर बार लगा हुआ है और पीछे की तरफ एक ट्रांसमिशन सिस्टम लगा हुआ है. इस रीपर मशीन में 5 हॉर्स पावर का डीजल इंजन लगा है जो इसके पहियों और कटर बार को पावर देने का काम करता है.
गेहूं की कटाई करने के लिए किसान को इस मशीन के कटर बार को सामने रखकर उसके हैंडल से पकड़कर मशीन को पीछे से चलाना पड़ता है. कटर बार गेहूं के पौधों को काटता है और ट्रांसमिशन सिस्टम की मदद से पौधों को एक लाइन में बिछा दिया जाता है. इसके बाद कार्यकर्ताओं द्वारा इन्हें एकत्रित किया जाता है. इस स्वचालित वर्टिकल कन्वेयर रीपर मशीन की कार्य क्षमता लगभग 0.21 एकड़ प्रति घंटा है. इसकी अनुमानित लागत 1 लाख रुपये है और कटाई की लागत लगभग 1100 रुपये प्रति एकड़ आती है.
ट्रैक्टर से चलने वाली रीपर मशीन में कटर बार और ट्रांसमिशन सिस्टम स्वचालित वर्टिकल कन्वेयर रीपर मशीन की तरह होता है, लेकिन यह मशीन ट्रैक्टर की मदद से चलती है. कटर बार तक बिजली पहुंचाने का काम ट्रैक्टर का पीटीओ करता है. की सहायता से चलाया जाता है. इसका कटर बार स्वचालित वर्टिकल कन्वेयर रीपर के कटर बार से अधिक लंबा होता है. इस मशीन से भी गेहूं के पौधों को कटर बार से काटकर ट्रांसमिशन सिस्टम के माध्यम से एक तरफ लाइन में बिछा दिया जाता है.
स्वचालित रीपर बाइंडर मशीन न केवल गेहूं की कटाई करती है बल्कि उसे ढेरों में बांधती भी है. स्वचालित रीपर बाइंडर मशीन को एक तरह से स्वचालित वर्टिकल कन्वेयर रीपर का अधिक विकसित रूप कहा जा सकता है. इस मशीन में न सिर्फ पौधों को बंडलों में बांधने की यूनिट है. साथ ही इस मशीन में किसानों के लिए बैठने की भी व्यवस्था है. जिससे कटिंग का काम स्वचालित वर्टिकल कन्वेयर की तुलना में अधिक आराम से हो जाता है और पुलों को अलग से बांधने की आवश्यकता नहीं होती है. इस मशीन की मदद से सबसे पहले पौधों को कटर बार से काटकर टाईंग यूनिट द्वारा पुलों में बांध दिया जाता है और कटर बार तथा सीटिंग सीट के बीच के खेत में गिरा दिया जाता है. इन बंडलों को बाद में एकत्र किया जाता है. इस मशीन में तीन पहिए होते हैं लेकिन वर्तमान में चार पहिया मशीनें भी बाजार में उपलब्ध हो गई हैं.
बड़े किसानों के लिए कंबाइन हार्वेस्टर मशीन का उपयोग अत्यधिक उपयोगी है. इस मशीन की मदद से गेहूं की कटाई के साथ-साथ मड़ाई का काम भी हो जाता है और हमें साफ अनाज मिलता है. बाजार में दो प्रकार की कंबाइन हार्वेस्टर मशीनें उपलब्ध हैं. पहला स्वचालित और दूसरा ट्रैक्टर चालित. ये दोनों कंबाइन हार्वेस्टर मशीनें किसानों के लिए बहुत उपयोगी हैं. ये कंबाइन हार्वेस्टर मशीनें सामने की ओर 2 से 6 मीटर लंबे कटर बार से सुसज्जित हैं.
कटर फसल को पट्टी के सामने रखे चाकू से काटता है. इसके बाद फसल को कन्वेयर बेल्ट के जरिए रेसिंग यूनिट तक पहुंचाया जाता है. यहां फसल के दानों को ड्रेसिंग ड्रम और कंक्रीट क्लीयरेंस से रगड़कर अलग किया जाता है. साथ ही इसमें लगी छलनी की मदद से अनाज को साफ किया जाता है और ब्लोअर से पाउडर को अलग कर लिया जाता है. कंबाइन हार्वेस्टर मशीन में स्टोन ट्रैप यूनिट लगाई जाती है, जो फसल के साथ आने वाले कंकड़, मिट्टी आदि को फसल से अलग कर देती है.