देसी जुगाड़ की चर्चा चारो ओर है. खास कर अगर किसानों की बात करें तो वो खेतों के काम को आसान बनाने से लेकर अपने अपने तक को पूरा करने के लिए देसी जुगाड़ करते रहते हैं. कभी फसलों को कीटों को बचाने के लिए तो कभी अपने शौख को पूरा करने के लिए देसी जुगाड़ करते रहते हैं. ऐसे में पुणे के इस किसान ने देसी जुगाड़ से ई-विंटेज कार बना दी.
किसान रोहिदास नवघने के मन में बचपन से ही कुछ अलग करने का जज्बा था. किसान परिवार में जन्मे नवघने जुगाड़ से कृषि उपकरण बनाते थे. बाद में चलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया पहल की वजह से नवघने प्रोत्साहित हुए. कुछ दिन पहले रोहिदास नवघने दिल्ली गए थे जहां उन्होंने ई- रिक्शा और इलेक्ट्रिक कारें देखीं और इससे उन्हें लगा कि हम भी इसी तरह इलेक्ट्रिक कारें बना सकते हैं. फिर शुरू हुआ ई-विंटेज कार बनाने का सफर.
रोहिदास नवघने ने स्क्रैप और कुछ नई सामग्री मिलाकर कार बनाना शुरू किया. 10वीं पास नवघने को खेती में ज्यादा रुचि है. वह पुणे से सटे मावल इलाके में रहते हैं. उन्होंने डेढ़ एकड़ खेत में धान की फसल उगाई है. इसके अलावा उन्हें फार्म मशीनरी बनाने का भी शौक है. ऐसे में विंटेज कार बनाना उनके लिए एक बड़ी चुनौती थी. उन्होंने अपना दृढ़ निश्चय और सपना नहीं छोड़ा और महज तीन महीने में ई- विंटेज कार बना डाली.
उन्होंने एक आकर्षक, स्टाइलिश दिखने वाली स्वदेशी ई-विंटेज कार बनाई है. जिसमें दो लोग बैठ सकते हैं और इसकी चर्चा सिर्फ पुणे जिले में ही नहीं बल्कि पूरे महाराष्ट्र में हो रही है. यह विंटेज कार पांच से छह घंटे की चार्जिंग के बाद 100 किलोमीटर चलती है. जब कोई विंटेज कार सड़क से गुजरती है तो कई लोग इस विंटेज कार की ओर खिंचे चले आते हैं और कई लोग इसके बारे में पूछते हैं.
आजतक से बात करते हुए रोहिदास नवघने ने कहा कि बचपन से मेरा एक सपना था, मैं कुछ अलग करना चाहता था. इसलिए मैंने यह ई-विंटेज कार बनाई. इसमें किसी भी कार के पार्ट्स का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. विंटेज कार को स्क्रैप सामग्री और नई सामग्री मिलाकर बनाया गया है. यह विंटेज कार तीन महीने में तैयार हुई और पांच से छह घंटे की चार्जिंग के बाद यह कार 100 किलोमीटर चलती है. एक तरफ मेरा चार पहिया वाहन खरीदने का सपना था. कारों और पेट्रोल डीज़ल की आसमान छूती कीमतों के कारण मैं कार नहीं खरीद सकता था. तो ये विंटेज कार अब हमारे काम आएगी.
देसी जुगाड़ की मदद से किसान न सिर्फ अपने सपने पूरे कर रहे हैं बल्कि अपनी जिंदगी भी आसान बना रहे हैं. कभी खेतों की समस्याओं को सुलझाने के लिए तो कभी निजी जिंदगी को आसान बनाने के लिए किसान ऐसी व्यवस्था करते रहते हैं. ऐसे में नवघाणे द्वारा बनाई गई ई-विंटेज कार की चर्चा आसपास के गांवों में भी होने लगी है.