Lok Sabha Elections 2024: कन्नौज से सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने दाखिल किया नामांकन, कही ये बड़ी बात

Lok Sabha Elections 2024: कन्नौज से सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने दाखिल किया नामांकन, कही ये बड़ी बात

 कन्नौज लोकसभा सीट समाजवादी पार्टी का गढ़ रही है. लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के सुब्रत पाठक ने डिंपल यादव को हराकर कमल खिलाया. इस बार भी बीजेपी ने सुब्रत पाठक को मैदान में उतारा है.

कन्नौज लोकसभा सीट समाजवादी पार्टी का गढ़ रही है.
नवीन लाल सूरी
  • Lucknow,
  • Apr 25, 2024,
  • Updated Apr 25, 2024, 4:15 PM IST

Kannauj Lok Sabha Seat: उत्तर प्रदेश की कन्नौज लोकसभा सीट सुर्खियों में आज गई है. प्रदेश की कन्नौज लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी अध्यक्ष और यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने गुरुवार को पर्चा दाखिल किया. इससे पहले समाजवादी पार्टी की तरफ से अखिलेश यादव ने अपने भतीजे तेज प्रताप यादव को इस सीट से उम्मीदवार घोषित किया था. कन्नौज लोकसभा सीट समाजवादी पार्टी का गढ़ रही है. लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के सुब्रत पाठक ने डिंपल यादव को हराकर कमल खिलाया. इस बार भी बीजेपी ने सुब्रत पाठक को मैदान में उतारा है. अब उनका मुकाबला अखिलेश यादव से होगा. वहीं बीजेपी के सुब्रत पाठक ने भी आज लोकसभा चुनाव को लेकर नामांकन दाखिल किया. इस प्रकार अखिलेश यादव ने कन्नौज लोकसभा सीट से चौथी बार चुनावी मैदान में कदम रखा है.

कन्नौज की जनता इस बार बनाने जा रही हैं रिकार्ड 

नामांकन दाखिल करने के बाद मीडिया से बातचीत में अखिलेश ने कहा कि  "मैं आपको भरोसा दिलाता हूं, यहां के किसानों के लिए, क्षेत्र के कारोबारियों के लिए, नौजवानों के लिए जो आधे अधूरे काम छूटे थे उन्हें और आगे बढ़ाने का काम करूंगा." उन्होंने कहा कि "जो देश की बड़ी जीतें होंगी, उसमें कन्नौज का भी नाम आएगा कि कन्नौज की जनता ने ऐतिहासिक वोट देकर के जिताने का काम किया है।" सपा प्रमुख ने आगे कहा कि ये जोश और उत्साह बता रहा है कि कन्नौज की जनता इस बार रिकार्ड बनाने जा रही है.

कन्नौज लोकसभा सीट का सियासी समीकरण

कन्नौज लोकसभा सीट साल 1967 में अस्तित्व में आई थी. इस सीट से कांग्रेस नेता और दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित भी एक बार सांसद रह चुकी हैं. पिछली बार 2019 को छोड़ दें तो साल 1998 से 2019 तक लगातार इस सीट पर सपा का ही कब्जा रहा है. साल 1998 में पहली बार सपा से प्रदीप यादव सांसद चुने गए थे, जिसके बाद 1999 मुलायम सिंह यादव ने कन्नौज से चुनाव जीता लेकिन बाद उन्होंने ये सीट छोड़ दी और फिर अखिलेश यादव ने उपचुनाव में भारी मतों से जीत हासिल की. 

अखिलेश यादव ने 2004 में बसपा के ठाकुर राजेश सिंह और 2009 लोकसभा चुनाव में बसपा में महेश चंद्र वर्मा को मात देकर जीत हासिल की. साल 2014 में इस सीट से अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव ने चुनाव लड़ा और मोदी लहर में भी बीजेपी के सुब्रत पाठक को हरा दिया लेकिन 2019 में बाज़ी पलट गई और बीजेपी के सुब्रत पाठक ने कन्नौज से जीत दर्ज कर डिंपल यादव से हार का बदला ले लिया. 

2.5 लाख मुस्लिम और यादव वोटर्स

कन्नौज लोकसभा सीट पर कुल 18 लाख मतदाता है. इस सीट पर मुस्लिम और यादव समीकरण काफी मज़बूत है जो जीत में अहम भूमिका निभाता है. कन्नौज में 2.5 लाख मुस्लिम और लगभग इतनी ही संख्या यादव वोटर्स की है. इनके अलावा 2.5 दलित, दस फीसद राजपूत और 15 फीसद ब्राह्मण मतदाता है.

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