देश में 2024 सीजन में गेहूं उत्पादन का सरकारी आंकड़ा 112 मिलियन मीट्रिक टन है, जबकि आटा मिल संगठन ने गेहूं उत्पादन अनुमान आंकड़े जारी किए हैं. जिसके अनुसार सरकारी अनुमानों से 6.25 फीसदी कम उपज होने का अनुमान लगाया गया है. ऐसे में सरकारी खरीद टारगेट को झटका लग सकता है. बता दें कि देशभर में 1 अप्रैल से गेहूं खरीद शुरू हो चुकी है और इस बार सरकारी भंडार भरने के लिए सहकारी समितियों को भी खरीद में लगाया गया है.
आटा मिलों के संगठन ने कहा है कि भारत में इस साल 105 मिलियन मीट्रिक टन गेहूं का उत्पादन होने की उम्मीद है, जो सरकारी अनुमान से 6.25 फीसदी कम है. इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार रोलर फ्लोर मिलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नवनीत चितलांगिया ने कहा कि देशभर में फसल का आकलन करने के बाद हमारा मानना है कि इस साल गेहूं का उत्पादन 105 मिलियन मीट्रिक टन होगा.
सरकारी अनुमान के मुताबिक भारत में 2024 में 112 मिलियन मीट्रिक टन गेहूं का उत्पादन होने की संभावना है. कृषि मंत्रालय के अनुसार 2023 में भारत ने रिकॉर्ड 112.74 मिलियन मीट्रिक टन गेहूं का उत्पादन किया, लेकिन व्यापार और उद्योग के अधिकारियों ने कहा कि पिछले साल गेहूं का उत्पादन सरकार के अनुमान से 10 फीसदी कम था.
गेहूं के कम उत्पादन ने सरकार को अपने भंडार से आटा मिलों और बिस्किट निर्माताओं जैसे थोक खरीदारों को रिकॉर्ड 10 मिलियन मीट्रिक टन गेहूं बेचने के लिए मजबूर किया, जिससे दुनिया के सबसे बड़े खाद्य कल्याण कार्यक्रम के लिए आवश्यक भंडार में कमी आई है. मार्च की शुरुआत में सरकारी गोदामों में गेहूं का भंडार घटकर 9.7 मिलियन मीट्रिक टन हो गया, जो 2017 के बाद से सबसे कम है.
एफसीआई के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अशोक केके मीना ने कहा कि एफसीआई को 2023 में 26.2 मिलियन मीट्रिक टन के मुकाबले इस साल घरेलू किसानों से 31-32 मिलियन मीट्रिक टन गेहूं खरीदने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि एफसीआई ने पहले ही नए सीजन का गेहूं खरीदना शुरू कर दिया है, अप्रैल की शुरुआत में मौजूदा फसल सीजन की शुरुआत के बाद से घरेलू किसानों से दस लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा है, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 700,000 मीट्रिक टन था.
केंद्र सरकार ने गेहूं के पर्याप्त स्टॉक करने के लिए वैश्विक और घरेलू व्यापार घरानों को स्थानीय किसानों से नए सीजन का गेहूं खरीदने से रोक दिया है. इससे सरकार किसानों का गेहूं खरीद कर अपने घटते भंडार को बढ़ाने की कोशिशों में जुटी है. इस बार एफसीआई के अलावा नेफेड और एनसीसीएफ को भी गेहूं खरीद के लिए सरकार ने लगाया है.