हल्दी की खेती करने वाले किसानों के लिए एक राहत भरी खबर सामने आई है. इसकी कीमत में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है. महाराष्ट्र के सांगली बाजार समिति में इसकी बिक्री का मुहूर्त हुआ, जिसमें किसानों को रिकॉर्ड कीमत मिली. इस सौदे में राजापुरी किस्म की हल्दी की कीमत सबसे ज्यादा 31000 रुपए क्विंटल मिली. बाजार समिति मैनेजमेंट की उपस्थिति में इस सीजन में पहली नए हल्दी की आवक हुई. जहां इसकी बोली की शुरुआत की गई. पहले दिन ने किसानों को निराश नहीं किया. अच्छे दाम ने आगे के लिए उम्मीदें बढ़ा दी हैं.
सबसे पहले हल्दी कृषि उपज की बोरियों की पूजा की गई. फिर व्यापारियों को बुलाया गया. किसान राजेंद्र आनंदराव पाटिल की राजापुरी हल्दी को जय श्रीराम ट्रेडिंग कंपनी ने सबसे अधिक 31,000 रुपये क्विंटल का भाव दिया. शुरुआत में अच्छी कीमत मिल जाती है तो बाजार का रुख तय हो जाता है, जिससे किसानों को पूरे सीजन में अच्छे दाम की उम्मीद बंध जाती है.
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मसाला फसलों में हल्दी का विशेष स्थान है. हल्दी की खेती पूरे देश में की जाती है, इसका उपयोग हर घर में किया जाता है. हल्दी का प्रयोग मसाले के रूप में किया जाता है. इसके सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. हल्दी का जितना औषधीय महत्व है उतना ही इसका धार्मिक महत्व भी है. हिंदू धर्म में हर शुभ कार्य में हल्दी का प्रयोग किया जाता है. बाजार में हल्दी की काफी मांग है. तो उसे अच्छी कीमत मिलती है. इसके अलावा हल्दी का इस्तेमाल आजकल कई ब्यूटी प्रोडक्ट्स में भी किया जाता है.
हल्दी को मसाला वर्ग में एक प्रमुख नकदी फसल के रूप में जाना जाता है. महाराष्ट्र में सांगली, सतारा, हिंगोली, नांदेड़, परभणी प्रमुख हल्दी उत्पादक जिले हैं.यह सांगली जिले की प्रमुख फसलों में से एक है. एपिडा के अनुसार तेलंगाना और महाराष्ट्र भारत के 8,89,000 टन हल्दी उत्पादन का 50 प्रतिशत से अधिक योगदान देते हैं. तेलंगाना में 2,94,560 टन हल्दी का उत्पादन होता है जबकि महाराष्ट्र में 1,90,090 टन उत्पादन होता है. हल्दी की फसल गर्म और आर्द्र जलवायु के अनुकूल होती है. मध्यम वर्षा और अच्छी साफ रोशनी में फसल अच्छी तरह से विकसित होती है.
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