महाराष्ट्र में इस साल किसानों को उनकी उपज का उचित दाम नहीं मिलने से भारी नुकसान उठा पड़ा है. राज्य में खरीफ सीजन की बुवाई शुरू हो चुकी है. ज़्यादातर किसानों का कहना है कि खरीफ में अब उस फसल की खेती नहीं करेंगे जिसका बाजार में भाव नहीं मिला है. वहीं नांदेड़ जिले में भी किसानों का कहना है कि हल्दी की कीमतों में भारी गिरावट देखी गई जिसके चलते अब हल्दी की खेती नहीं करेंगे. नांदेड़ ,सोलापुर,सांगली,जालना इन जिलों मे सबसे ज्यादा हल्दी की खेती होती है.
वहीं दूसरी तरफ राज्य में बारिश में हो रही देरी की वजह से खरीफ सीजन बुवाई में कमी देखी जा रही है.नांदेड़ जिले में जिन किसानों के पास सिंचाई की सुविधा है वे जून के प्रथम सप्ताह में ही हल्दी की फसल को छोड़ अन्य फसलें लगा रहे हैं. किसानों का कहना है कि हर साल अब तक अच्छी बारिश हो जाती थी लेकिन इस साल बारिश में देरी के कारण बुवाई पर असर पड़ा है. राज्य के कई जिलों में मॉनसून की देरी कारण किसानों की चिंता बढ़ गई हैं.
फिलहाल राज्य के किसानों की नजरें मॉनसून पर टिकी हुई हैं, क्योंकि वर्तमान में कृषि फसलों के लिए पानी की अत्यधिक आवश्यकता है. इस साल रबी सीजन में बेमौसम बारिश के कारण किसानों की फसल भी चौपट हुई है. इस साल लंबे मॉनसून और पिछले साल हल्दी की कीमतों में गिरावट के कारण नांदेड़ जिले में हल्दी की खेती में बड़ी गिरावट आई है. किसान सोमनाथ पाटिल का कहना है कि हल्दी की खेती में खर्च अधिक आता है लेकिन भाव सिर्फ 5 से लेकर 7 हजार प्रति क्विंटल मिला है. इसके चलते ज्यादतर किसानों ने हल्दी की खेती कम करने का फैसला किया है. कृषि विशेषज्ञों का कहना हैं कि इससे हल्दी की खेती के रकबे में भारी कमी की तस्वीर देखने को मिल सकती है.
हर साल मृग नक्षत्र में बुवाई शुरू होती है, लेकिन इस साल पर्याप्त बारिश नहीं होने से किसानों की बुवाई बाधित हो गई है. ऐसे में किसान एक बार फिर परेशान हैं. भले ही राज्य में कई जगहों पर मॉनसून आ चुका हो, लेकिन अभी तक राज्य में खेती के लिए पर्याप्त बारिश नहीं हुई है. किसानों से 50 से 60 फीसदी बारिश होने तक बुवाई नहीं करने का आग्रह किया गया है. फिलहाल राज्य में बारिश के इंतज़ार में किसान नजर आ रहे हैं.
मराठवाड़ा और विदर्भ में हर साल मृग नक्षत्रों में बुवाई की जाती है. लेकिन इस साल बिपरजॉय तूफान के कारण मॉनसून में देरी हुई है. लेकिन इससे किसानों की चिंता बढ़ गई है. प्रदेश में किसानों ने बारिश के भरोसे जुताई का काम पूरा किया था. साथ ही कुछ जिलों में किसानों ने सोयाबीन की फसल की खेती की तैयारी पूरी कर ली थी. लेकिन अभी तक मॉनसून ठीक से नहीं आया है, मौसम विभाग ने इस साल मॉनसून के जल्दी और समय पर आने की भविष्यवाणी की थी. इसके चलते किसानों ने भी हजारों रुपये खर्च कर बुवाई के लिए जरूरी बीज खरीदे. लेकिन अभी बुवाई के लिए पर्याप्त बारिश नहीं हुई है, ऐसे में किसानों के सामने सवाल यह है कि बुवाई समय पर होगी या नहीं.