धान, दाल और तिलहन के रकबे में बंपर बढ़ोतरी, जानें किस राज्य में हुई सबसे अधिक फसलों की बुवाई

धान, दाल और तिलहन के रकबे में बंपर बढ़ोतरी, जानें किस राज्य में हुई सबसे अधिक फसलों की बुवाई

ग्रीष्मकालीन दालों के रकबे में बढ़ोतरी का मुख्य कारण उड़द और मूंग है. इस साल किसानों ने काफी अधिक क्षेत्र में उड़द और मूंग की बुवाई की है. इससे दलहन का कुल रकबा 24 प्रतिशत बढ़ गया. पिछले साल 4.43 लाख हेक्टेयर में मूंग की बुआई की गई थी, लेकिन इस बार इसका रकबा बढ़कर 5.47 लाख हेक्टेयर हो गया.

धान के रकबे में 10 फीसदी की बढ़ोतरी. (सांकेतिक फोटो)
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Mar 30, 2024,
  • Updated Mar 30, 2024, 11:58 AM IST

इस साल ग्रीष्मकालीन फसलों के रकबे में बंपर बढ़ोतरी हुई है. मोटे अनाज को छोड़कर अभी तक ग्रीष्मकालीन फसलों का रकबा 43.81 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है. जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 39.49 लाख हेक्टेयर ही था. यानी इस साल ग्रीष्मकालीन फसलों के रकबे में 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. हालांकि, ग्रीष्मकालीन फसलों की बुवाई मई महीने में समाप्त होगी. ऐसे अनुमान लगाया जा रहा है कि किसानों के पास अभी फसलों की बुवाई करने के लिए एक महीने से ज्यादा का समय है. ऐसे में रकबे में और बढ़ोतरी हो सकती है.

बिजनेस लाइन की रिपोर्ट के मुताबिक धान, दलहन और तिलहन सभी के रकबे में वृद्धि दर्ज की गई. कृषि मंत्रालय द्वारा ऑनलाइन उपलब्ध साप्ताहिक अपडेट के अनुसार, धान की बुआई पिछले साल के 25.88 लाख हेक्टेयर से 10 प्रतिशत बढ़कर 28.42 लाख हेक्टेयर हो गई है, जबकि दलहन का रकबा 24 प्रतिशत बढ़कर 6.25 लाख हेक्टेयर से 7.72 लाख हेक्टेयर हो गया है. इसी तरह तिलहन के रकबे में भी 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. इसका रकबा पिछले साल के 7.36 लाख हेक्टेयर के मुकाबले बढ़कर इस साल 7.67 लाख हेक्टेयर हो गया. हालांकि, पोर्टल पर मोटे अनाज का रकबा डेटा नहीं था.

ये भी पढें- हर‍ियाणा में एक अप्रैल से शुरू होगी गेहूं की खरीद, क‍िसानों को 72 घंटे में म‍िलेगा एमएसपी का भुगतान 

दलहन के रकबे में 24 फीसदी की बढ़ोतरी

ग्रीष्मकालीन दालों के रकबे में बढ़ोतरी का मुख्य कारण उड़द और मूंग है. इस साल किसानों ने काफी अधिक क्षेत्र में उड़द और मूंग की बुवाई की है. इससे दलहन का कुल रकबा 24 प्रतिशत बढ़ गया. पिछले साल 4.43 लाख हेक्टेयर में मूंग की बुआई की गई थी, लेकिन इस बार इसका रकबा बढ़कर 5.47 लाख हेक्टेयर हो गया. इस तरह इस बार उड़द की बुआई पिछले साल के 1.65 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 2.08 लाख हेक्टेयर हो गई. ग्रीष्मकालीन दालों के प्रमुख उत्पादक मध्य प्रदेश, बिहार, ओडिशा, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और गुजरात हैं.

इन राज्यों में बढ़ा धान का रकबा

पिछले साल मूंगफली का रकबा 3.67 लाख हेक्टेयर और तिल का क्षेत्रफल 3.5 लाख हेक्टेयर था. लेकिन इस बार दोनों के रकबा बढ़कर क्रमश:3.58 लाख हेक्टेयर और 3.31 लाख हेक्टेयर से अधिक हो गाय. वहीं, सूरजमुखी का रकबा पिछले साल के 26,000 हेक्टेयर के मुकाबले इस बार 29,000 हेक्टेयर तक पहुंचने की सूचना है. पश्चिम बंगाल में ग्रीष्मकालीन धान का रकबा 7.87 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 10.22 लाख हेक्टेयर हो गया, जबकि तमिलनाडु में यह 0.77 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 1.29 लाख हेक्टेयर और तेलंगाना में 4.77 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 5.99 लाख हेक्टेयर हो गया है.

ये भी पढ़ें-  बाजारों में वलसाड के 'राजा' हापुस की आवक, एक किलो आम की कीमत 1500 रुपये से शुरू

 

MORE NEWS

Read more!