मूली की बंपर पैदावार के लिए ये किस्‍में हैं परफेक्‍ट, सितंबर में करें इनकी बुआई

मूली की बंपर पैदावार के लिए ये किस्‍में हैं परफेक्‍ट, सितंबर में करें इनकी बुआई

भारत में मूली की खेती साल भर होती है, जबिक इसकी बाजार मांग भी ठीक बनी रहती है. वहीं, यह जल्दी पककर तैयार भी हो जाती है. ऐसे में जानि‍ए इसकी तीन ऐसी किस्‍मों के बारे में जिन्‍हें आप स‍ितंबर महीने में लगा सकते हैं, जिससे अच्‍छी पैदावार के साथ बढ़‍िया मुनाफा होगा.

मूली की खेती                       सांकेतिक तस्वीरमूली की खेती सांकेतिक तस्वीर
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Aug 31, 2024,
  • Updated Aug 31, 2024, 10:20 AM IST

मूली पोषण और स्‍वाद के लिहाज से एक बढ़‍िया सब्जी है, जो बाजार में आमतौर पर सर्दियों के ज्‍यादा बिकती है. हालांकि, इसकी खेती सालभर होती है और बाजार में मांग भी बनी रहती है. मूली का वैज्ञानिक नाम राफानस सैटाइवस है. मूली की जड़ में पानी की मात्रा ज्‍यादा होती है, जिसके कारण यह ताजा और स्वादिष्ट होती है. मूली में विटामिन सी, पोटैशियम और फाइबर पाया जाता है. इसलिए यह स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है. 

इन किस्‍मों से होगी अच्‍छी पैदावार

मूली का उपयोग ज्‍यादातर सलाद, सब्जी, और अचार के रूप में उपयोग किया जाता है. कई क्षेत्रों में इसके पत्तों का उपयोग सब्जी बनाने में किया जाता है. मूली की खेती आसान है और कम समय में इसकी फसल तैयार हो जाती है. कम समय और कम लागत में होने वाली खेती मूली किसानों के लिए एक अच्‍छा विकल्‍प है. मूली की खेती में बढ़‍िया मुनाफा के कमाने के लिए इसकी सही वैरायटी का चयन बेहद जरूरी है. सितंबर में इन तीन किस्‍मों की बुआई कर किसान अच्‍छा मुनाफा कमा सकते हैं. जानिए इसकी वैरायटियों के बारे में.

1. पूसा रेशमी

पूसा रेशमी मूली की एक प्रमुख किस्म है, जो अपनी उच्च गुणवत्ता और उत्पादकता के लिए जानी जाती है. इसकी जड़ें 30 से 35 सेंटीमीटर लंबी और मध्‍यम रूप से मोटी होती है. यह शीर्ष में हरापन लिए सफेद होती है. वहीं, इसका स्‍वाद तीखा होता है. इसकी फसल 55 से 60 दिन में पककर तैयार हो जाती है. यह प्रति हेक्‍टेयर 315 से 350 क्विंटल प्रति हेक्‍टेयर तक पैदावार देने में सक्षम है.

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2. रैपि‍ड रेड व्‍हाईट टिप्‍ड

स्‍वाद में चरपरी रैपिड रेड व्हाईट टिप्‍ड किस्‍म की मूली अधिक पैदावार देने वाली किस्मों में से एक है. यह बुआई के बाद 25 से 30 दिन में  पककर तैयार हो जाती है. एक हैक्टेयर में मूली की 250 क्विंटल तक की पैदावार हासि‍ल की जा सकती है. इसकी जड़ छोटी होती है और चमकदार लाल रंग की परत के साथ इसका गूदा सफेद होता है.

3. पंजाब पसंद 

पंजाब पसंद मूली जल्दी पककर (45 दिन में) तैयार होने वाली वैरायटी है. इस किस्‍म की मूली की खास बात यह है कि इसकी खेती कभी की जा सकती है. इसकी जड़ें लंबी और सफेद होती हैं और इसमें बाल नहीं होते. यह मुख्‍य सीजन में 215-235 क्विंटल प्रति हेक्टेयर औसतन पैदावार देती है. वहीं, ऑफ सीजन में 150 क्विंटल प्रति हेक्टेयर औसतन पैदावार देती है. यह किस्म अपनी जल्दी पककर तैयार हाेने की क्षमता और बेमौसम बुआई की सुविधा के कारण किसानों में काफी लोकप्रिय है.

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