गुजरात में आज सोमवार से मूंगफली समेत चार फसलों की समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू हो चुकी है. मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने साबरकांठा जिले के हिम्मतनगर क्षेत्र से मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत समर्थन मूल्य पर मूंगफली की खरीदी शुरू की. इस अवसर पर गुजरात के कृषि मंत्री राघवजी पटेल और मंत्री बच्चूभाई खाबड़ भी मौजूद थे. सीएम ने किसानों को उनकी फसलों की खरीद के बाद भुगतान के चेक भी दिए. इसके साथ ही राज्य भर में 160 से अधिक खरीद केंद्रों पर समर्थन मूल्य पर मूंगफली, सोयाबीन, उड़द दाल और मूंग की खरीद शुरू हो गई.
साबरकांठा जिले में विभिन्न फसलों के रजिस्ट्रेशन और खेती के क्षेत्र के आधार पर मूंगफली के लिए सात, सोयाबीन के लिए छह, चावल के लिए आठ और मूंग दाल के लिए दो खरीद केंद्र बनाए गए है. गुजरात के कृषि मंत्री राघवजी पटेल ने एएनआई से कहा कि आज से गुजरात में 160 से अधिक केंद्रों के माध्यम से मूंगफली, उड़द और सोयाबीन की समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू हो रही है. इससे राज्य के किसानों को समर्थन मूल्य की कीमत मिलेगी और उन्हें आर्थिक फायदा भी होगा.
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भारत सरकार की ओर से राज्य में मूल्य समर्थन योजना (PSS) लागू की जा रही है. इस योजना में राज्य की मुख्य फसलें- धान, कपास, बाजरा, ज्वार, मक्का, मूंग, उड़द, अरहर, मूंगफली, तिल, गेहूं, चना, गन्ना, सरसों आदि शामिल हैं. कृषि और सहकारिता विभाग, सरकार की ओर से घोषित एमएसपी पर तिलहन, दलहन और कपास की खरीद के लिए (केंद्रीय नोडल एजेंसी) NAFED के माध्यम से PSS लागू करता है.
NAFED कीमतें एमएसपी से नीचे जाने पर उपज की खरीद करता है. पीएसएस के तहत खरीदी तब तक जारी रहती है, जब तक कीमतें एमएसपी के समान या उससे ऊपर पहुंचकर स्थिर नहीं हो जातीं. इसके अलावा, प्राइस पॉलिसी का उद्देश्य अर्थव्यवस्था की सभी जरूरतों के अनुरूप एक संतुलित और एकीकृत मूल्य संरचना में बदलाव लाना है.
इस बार मंडियों के रुझान से अुनमान लगाया जा रहा है कि मूंगफली के उत्पादन में बढ़ोतरी देखी जा सकती है. देशभर की मंडियों में पिछले एक महीने की आवक के आधार पर यह बात कही जा रही है. वहीं, तूर, उड़द, मूंग, सूरजमुखी और तिल के उत्पादन में गिरावट की आशंका है. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि इन दलहन और तिलहन फसलों की कटाई में कमी देखने को मिल रही है.