पाकिस्तान में अभी तक शुरू नहीं हुई गेहूं की खरीद, 3900 रुपये प्रति 40 किलो है MSP

पाकिस्तान में अभी तक शुरू नहीं हुई गेहूं की खरीद, 3900 रुपये प्रति 40 किलो है MSP

पंजाब विधानसभा अध्यक्ष मलिक मुहम्मद अहमद खान ने कहा कि सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य पाकिस्तानी रुपये में 3,900 प्रति 40 किलोग्राम तय किया है. हालांकि, इसे खुले बाजार में 3,200 रुपये पर बेचा जा रहा था, क्योंकि उत्पादक अनिश्चित थे कि विभाग उनसे उनकी उपज खरीदेगा या नहीं.

पाकिस्तान में गेहूं खरीद में देरी. (सांकेतिक फोटो)
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Apr 28, 2024,
  • Updated Apr 28, 2024, 2:57 PM IST

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में विपक्षी विधायकों ने विधानसभा में जमकर हंगामा किया. कहा जा रहा है कि विपक्षी सदस्यों ने गेहूं उत्पादक किसानों के समर्थन में एकजुटता दिखाने के लिए शुक्रवार को सदन की कार्यवाही का बहिष्कार किया. उन्होंने मौजूदा सरकार की खराब गेहूं खरीद नीति के खिलाफ सोमवार को विरोध प्रदर्शन शुरू करने की योजना की भी घोषणा की. पाकिस्तानी मीडिया डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, गेहूं खरीद का मुद्दा सदन में लगातार तीसरे दिन उठाया गया, जिसमें कोषागार और विपक्षी दोनों सदस्यों ने स्थानीय किसानों से अनाज खरीदने के बारे में सरकार के आश्वासन पर असंतोष व्यक्त किया.

उन्होंने चिंता व्यक्त की कि अस्पष्ट आधिकारिक खरीद लक्ष्य और खरीद अभियान शुरू करने में असामान्य देरी से स्थानीय अनाज बाजार प्रभावित हो रहा है, जिससे उत्पादकों को नुकसान हो रहा है. पंजाब के खाद्य मंत्री बिलाल यासीन ने कहा कि वर्तमान में अनाज में नमी का स्तर 18 प्रतिशत से अधिक है, जिसने उनके विभाग को उपज खरीदने से रोक दिया गया है. क्योंकि इसे सुखाने और वजन कम करने के बाद सरकार को नुकसान हो सकता है.

पाकिस्तान में गेहूं का MSP

पंजाब विधानसभा अध्यक्ष मलिक मुहम्मद अहमद खान ने कहा कि सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य पाकिस्तानी रुपये में 3,900 प्रति 40 किलोग्राम तय किया है. हालांकि, इसे खुले बाजार में 3,200 रुपये पर बेचा जा रहा है, क्योंकि उत्पादक अनिश्चित थे कि विभाग उनसे उनकी उपज खरीदेगा या नहीं. डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, मलिक मुहम्मद अहमद खान ने कहा कि कृषक समुदाय के अरबों रुपये बिचौलियों के पास पड़े हैं. साथ ही वे गन्ना उत्पादक मिलों से अपने बकाया की वसूली को लेकर चिंतित हैं.

सदन की कार्यवाही का बहिष्कार

सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल के मुख्य सचेतक राणा शहबाज ने कहा कि उनकी पार्टी ने सदन की कार्यवाही का बहिष्कार किया है और सरकार की नीति से प्रभावित होने वाले उत्पादकों के समर्थन में सोमवार को विरोध अभियान शुरू करेगी. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी सभी किसान समूहों को विरोध प्रदर्शन में शामिल करने के लिए उनके संपर्क में है. पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री की महासंघ पर कब्ज़ा करने की इच्छा देश को अराजकता की ओर ले जाने का एक प्रयास है. डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने खेद व्यक्त किया कि पाकिस्तान को अस्थिर रखने के एक व्यक्ति के प्रयासों के कारण 2014 के बाद से सरकारें अपदस्थ हो गई हैं.

 

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