प्याज एक्सपोर्ट पर 40 फीसदी ड्यूटी लगाने के खिलाफ बंद की गईं महाराष्ट्र की मंडियों को गुरुवार 24 अगस्त से खोल दिया गया. व्यापारियों ने गुरुवार से नीलामी भी शुरू कर दी है. हालांकि, सभी किसान संगठनों ने अभी आंदोलन खत्म नहीं किया है. किसानों का विरोध जारी है. नासिक देश का सबसे बड़ा प्याज उत्पादक है. यहां न सिर्फ प्याज का बंपर उत्पादन होता है बल्कि बड़े पैमाने पर यहां से एक्सपोर्ट भी होता है. नासिक के ही लासलगांव में एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी भी है. ऐसे में यहां पर व्यापारियों की हड़ताल खत्म होने के बाद मंडियों के खुलने से सरकार ने भी राहत की सांस ली है. नासिक डिस्ट्रिक्ट अनियन एसोसिएशन के सदस्य मनोज जैन ने बताया कि आज से प्याज की नीलामी शुरू कर दी गई है.
प्याज के मुद्दे पर छिड़े संग्राम के बीच बुधवार को व्यापारियों ने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री भारती पवार से मुलाकात की थी. वहां स्थानीय सांसद हैं. जैन ने आगे बताया कि मंत्री ने आश्वासन दिया है कि एक्सपोर्ट के लिए गए प्याज के जितने कंटेनर पोर्ट पर फंसे हैं उन्हें रिलीज करवाने का प्रयास किया जाएगा. साथ ही एक्सपोर्ट ड्यूटी कम करवाने की कोशिश की जाएगी. जैन ने कहा हम सरकार के खिलाफ नहीं हैं लेकिन हमारे पर जो अन्याय हो रहा है उस पर सुनवाई होनी चाहिए. उसका समाधान निकलना चाहिए. उधर, महाराष्ट्र प्याज उत्पादक संगठन के अध्यक्ष भारत दिघोले ने कहा कि सरकार ने अब तक ऐसा कोई काम नहीं किया है जिससे किसानों को राहत मिले. मंडियां खुली हैं लेकिन किसानों का आंदोलन खत्म नहीं हुआ है.
जैन ने कहा कि सरकार को यह बताना चाहिए कि उसने क्यों पहली बार इतनी भारी एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाई. हालांकि, मंत्री से मुलाकात के बाद हड़ताल खत्म हो गई है, लेकिन देखना यह है कि केंद्र सरकार एक्सपोर्ट ड्यूटी में राहत देती है या नहीं. बता दें कि 17 अगस्त को यह एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाई गई थी. जिसके बाद व्यापारियों और किसानों दोनों ने आंदोलन शुरू कर दिया था. व्यापारियों ने सोमवार 21 अगस्त से नासिक के एपीएमसी यार्ड में प्याज की नीलामी अनिश्चित काल के लिए रोक दी थी. केंद्र द्वारा यह कहने के बाद कि वो 2,410 रुपये प्रति क्विंटल पर दो लाख टन प्याज खरीदेगा, उन्होंने अपने रुख में ढील दी थी. हालांकि, किसानों को यह दाम मंजूर नहीं है.
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उधर विभिन्न निर्वाचित प्रतिनिधियों ने केंद्र सरकार से प्याज पर निर्यात शुल्क वापस लेने की अपील की है. केंद्रीय मंत्री भारती पवार ने कहा कि इस मुद्दे पर मेरी केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह से चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि सरकार उन व्यापारियों की मदद करेगी जिनका प्याज का स्टॉक सरकार द्वारा निर्यात शुल्क लगाने की घोषणा के बाद सीमाओं और जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट पर फंसा हुआ है.व्यापारियों को जिला कलेक्टर के पास अपना विवरण जमा करना होगा और उसके बाद सरकार आगे कदम उठाएगी ताकि व्यापारियों को नुकसान न हो. उन्होंने कहा कि नफेड की प्याज खरीद से किसानों को फायदा होगा.
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