देश में प्याज के थोक दाम का रोजाना नया रिकॉर्ड बन रहा है. सबसे बड़े प्याज उत्पादक महाराष्ट्र में मंडियों में किसानों को मिलने वाला दाम 4200 रुपये तक पहुंच गया है. यह इस सीजन में राज्य की किसी मंडी में मिला सबसे ज्यादा दाम है. पुणे की इंदापुर मंडी में 21 जून को अधिकतम दाम का यह रिकॉर्ड बना. यहां न्यूनतम दाम 1000 और औसत 2000 रुपये क्विंटल रहा. आवक सिर्फ 284 क्विंटल रही, इसलिए दाम इतना ऊंचा मिला. महाराष्ट्र एग्रीकल्चरल मार्केटिंग बोर्ड के एक अधिकारी के अनुसार नागपुर की कामठी मंडी में सिर्फ 22 क्विंटल प्याज बिकने को आया. यहां न्यूनतम दाम 3000, अधिकतम 4000 और औसत भाव 3500 रुपये प्रति क्विंटल रहा. इस मंडी में न्यूनतम और औसत दाम भी रिकॉर्ड बना रहा है.
बोर्ड के अनुसार 21 जून को राज्य की 44 एपीएमसी मंडियों में प्याज की नीलामी हुई, जिसमें से 39 में दाम 3000 से 4000 रुपये प्रति क्विंटल के बीच रहा. अधिकांश मंडियों में इस समय किसानों की उम्मीदों से बहुत अच्छा दाम मिल रहा है. किसान बहुत पहले से यह मांग करते रहे हैं कि उनकी प्याज उत्पादन की लागत प्रति क्विंटल 1800 से लेकर 2000 रुपये तक आती है, इसलिए उन्हें कम से कम 3000 रुपये का थोक भाव मिलना चाहिए. इस समय बाजार में किसानों को इससे अधिक दाम मिल रहा है.
केंद्र सरकार ने प्याज के दाम को कंट्रोल में रखने के लिए अगस्त 2023 से ही कोशिश शुरू कर दी थी. तब प्याज के निर्यात पर 40 प्रतिशत का भारी भरकम ड्यूटी लगाई गई. उसके बाद 800 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) लगा दिया गया. इसके बावजूद दाम कम नहीं हुए तो 7 दिसंबर 2023 को निर्यातबन्दी कर दी थी. जिससे दाम कम हो गए थे. इसकी वजह से नाराज किसानों ने उन पार्टियों को लोकसभा चुनाव में सबक सिखाने का ऐलान कर दिया, जिनकी वजह से उनका लाखों का नुकसान हुआ.
इससे डरी केंद्र सरकार ने बीच चुनाव में ही 4 मई को प्याज की निर्यातबन्दी से बैन हटा लिया था. इसके बाद दाम बढ़ने शुरू हुए हैं. क्योंकि एक्सपोर्ट होने की वजह से घरेलू बाजार में प्याज की आवक काफी कम हो गई है.
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