NCCF दाल उत्पादन बढ़ाने के लिए PACS के साथ करेगी काम, किसानों को बढ़िया क्वालिटी के बीज और उर्वरक देगी 

NCCF दाल उत्पादन बढ़ाने के लिए PACS के साथ करेगी काम, किसानों को बढ़िया क्वालिटी के बीज और उर्वरक देगी 

केंद्र ने दालों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए राज्यों उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में उत्पादन और बढ़ाने के लिए नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनसीसीएफ) को नोडल एजेंसी बनाया है. एनसीसीएफ किसानों को उच्च क्वालिटी के बीज और उर्वरक उपलब्ध कराएगी.

अरहर, उड़द और मूंग जैसी खरीफ दालों की बुवाई रकबा बढ़ाने पर फोकस किया जा रहा है.
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Apr 29, 2024,
  • Updated Apr 29, 2024, 11:44 AM IST

खरीफ सीजन में दालों की बुवाई को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने कमर कस ली है. यूपी समेत कई राज्यों में दालों का रकबा बढ़ाने के लिए नोडल एजेंसी एनसीसीएफ को जिम्मेदारी सौंपी है. एनसीसीएफ ने किसानों को उच्च क्वालिटी के बीज और उर्वरक समेत अन्य सुविधाएं और जानकारी उपलब्ध कराने के लिए  प्राथमिक कृषि ऋण समितियां (PACS) के साथ मिलकर काम करेंगी. 

दालों की लगातार बढ़ती महंगाई ने केंद्र सरकार को घरेलू दाल उत्पादन बढ़ाने पर फोकस करने के लिए मजबूर कर दिया है. केंद्र सरकार ने दाल किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए जहां एमएसपी पर खरीद करने का वादा किया है तो दाल बिक्री के लिए ऑनलाइन पोर्टल ई-समृद्धि भी लॉन्च कर दिया है. अब केंद्र सरकार ने दालों के उत्पादन में आगे रहने वाले राज्यों उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में उत्पादन और बढ़ाने के लिए नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनसीसीएफ) को नोडल एजेंसी बनाया है. 

उड़द-मूंग और अरहर की बुवाई पर जोर 

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अनुसार अरहर, उड़द और मूंग जैसी खरीफ दालों की बुवाई रकबा बढ़ाने पर फोकस किया जा रहा है. सूत्रों के हवाले आई रिपोर्ट के अनुसार एनसीसीएफ से जुड़े अधिकारी ने कहा कि इसके लिए प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) के नेटवर्क का उपयोग करने के लिए सहकारिता मंत्रालय के साथ भी काम किया जा रहा है. पैक्स पहले से ही ग्रामीण क्षेत्र में दवा बिक्री से लेकर ऑनलाइन सरकारी स्कीमों समेत कई तरह की सुविधाएं दे रही हैं. सरकार पैक्स का दायरा बढ़ाने पर काम कर रही है.

एनसीसीएफ देगा बढ़िया बीज और उर्वरक 

एनसीसीएफ दालों की बुवाई के के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर रहा है. इसके अलावा उच्च क्वालिटी के लिए बीज भी उपलब्ध करा रहा है. जबकि, किसानों को उर्वरक भी एनसीसीएफ पैक्स के जरिए किसानों को उपलब्ध कराएगा. इसके लिए किसानों को जागरूक करने के लिए "व्हिस्पर अभियान" यानी जागरूकता अभियान भी शुरू किया गया है. उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय दालों के उत्पादन को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए राज्य सरकारों के साथ भी काम कर रहा है.

दालों की महंगाई ने चिंता बढ़ाई 

कीमतों को नियंत्रण में रखने के कई उपायों के बावजूद कई दालों की ऊंची कीमतें कई महीनों से सरकार के लिए चिंता का कारण बनी हुई हैं. हालांकि, दालों की मुद्रास्फीति फरवरी में 18.9 फीसदी से मामूली रूप से घटकर मार्च में 17.71 फीसदी हो गई, लेकिन कम उत्पादन के कारण अरहर दाल की कीमत में 33.54 फीसदी की वृद्धि देखी गई है. इसीलिए सरकार खरीफ सीजन में दालों की बुवाई रकबा बढ़ाकर उत्पादन अधिक करना चाहती है, ताकि बाजार में उपलब्धता और कीमतों को नियंत्रित किया जा सके.

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