Maharashtra News: लातूर में 21 दिनों से नहीं हुई एक बूंद भी बारिश, परेशान किसान ने फसल पर चला दिया ट्रैक्टर

Maharashtra News: लातूर में 21 दिनों से नहीं हुई एक बूंद भी बारिश, परेशान किसान ने फसल पर चला दिया ट्रैक्टर

जिन किसानों के पास स‍िंचाई की व्यवस्था है वो फसल को पानी देकर पौधों को जिंदा रखने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं पर जिन किसानों के पास पानी की व्यवस्था नहीं है, वो अपने खेत में खड़ी फसल को सूखकर बर्बाद होते देख चिंतित हैं.  

निराश किसान ने कपास की फसल पर चलाया ट्रैक्टरनिराश किसान ने कपास की फसल पर चलाया ट्रैक्टर
अनिकेत जाधव
  • Latur ,
  • Aug 22, 2023,
  • Updated Aug 22, 2023, 12:02 PM IST

महाराष्ट्र के लातूर में बारिश ने पिछले 21 दिनों से मुंह फेर रखा है. इस वजह से किसानों की चिंता बढ़ गई है. इस साल राज्य में मॉनसून के तीन महीने गुजरने के बावजूद जिले में अभी तक खेती-क‍िसानी के ल‍िए पर्याप्त बार‍िश नहीं हुई है. मॉनसून के आने के लगभग 15 दिन बाद जिले में थोड़ी बारिश हुई थी, जिसके चलते यहां के किसानों ने सोयाबीन, कपास और दूसरी खरीफ फसलों की बुवाई तो की लेकिन बाद में हुई पानी की कमी से फसल खराब हो गई. बार‍िश के अभाव में खेत में खड़ी फसल सूखकर पीली पड़ रही है. इसके चलते कई किसान अब अपनी फसल पर ट्रैक्टर चलाने को मजबूर हैं. 

लातूर जिले के अहमदपुर तहसील में हडोलती गांव के रहने वाले क‍िसान किरण गोरे ने एक महीने पहले अपने खेत में कपास के बीज की बुवाई की थी. बुवाई के बाद उस वक्त थोड़ी बारिश होने के कारण बुवाई किए गए कपास के बीजों की उगाई तो हुई, लेकिन उगाई होने के बाद अब लगभग पिछले 21 दिनों से इस क्षेत्र में बारिश नहीं हुई. पानी की कमी के कारण कपास के पौधों के पत्ते पीले पड़ कर सूखने लगे हैं. इस वजह से क‍िसान ने अपनी खड़ी फसल पर ट्रैक्टर चला दिया. 

क‍िसान ने अपने खेत में क्यों चलाया ट्रैक्टर 

किरण गोरे ने कहा क‍ि 6 जुलाई को हमने अपनी 2 एकड़ खेती में कपास की बुवाई की थी. जिस पर तीस हजार रुपये का खर्चा आया है. फसल पर रोग भी बढ़ रहा था. पेस्टिसाइड्स का छिड़काव करने के साथ खाद के लिए मुझे फिर से इतना ही खर्चा लगने वाला था. लेक‍िन पिछले 21 दिनों से बारिश न होने के कारण मेरी फसल पानी की कमी से मुरझा कर खराब हो रही थी. जिसके चलते आगे का खर्च बचाने के लिए मैंने अपने 2 एकड़ कपास की फसल पर ट्रैक्टर चला दिया. 

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कम बारिश के चलते किसान चिंतित 

लातूर में इस साल अभी तक कुछ खास बारिश नहीं हुई है. जिले में जलसंसाधन विभाग द्वारा बनाए गए छोटे और बड़े मिलाकर 171 परियोजनाएं हैं जिनमें आज के दिन सिर्फ 25 फीसदी ही पानी मौजूद है. वहीं पर पिछले साल इसी दिन इन परियोजनाओं में 69 फीसदी पानी मौजूद था. इन आंकड़ों को देखते हुए जिले में सूखे का खतरा होने के साथ ही पानी की कमी के कारण खरीफ़ फसलों के उत्पादन में घटोती होने का भी किसानों में डर है.

किसान किरण गोरे ने बताई आपबीती

मौजूदा स्थिति में जिन किसानों के पास पानी की व्यवस्था है वह किसान अपने खेतों में फसल को पानी देकर पौधों को जिंदा रखने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं पर जिन किसानों के पास पानी की व्यवस्था नहीं है वो अपने खेत में खड़ी फसल को सूखकर बर्बाद होते देख चिंतित हैं. 

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बीमा क्लेम घोषित करने की मांग 

लातूर जिले पर इस वक्त मंडरा रहे सूखे की समस्या के चलते किसानों को 25% फसल बीमा मिलने की मांग को लेकर किसान सेना के अध्यक्ष गजानन बोलंगे पिछले 5 दिनों से कलेक्टर ऑफिस के सामने अनशन पर बैठे हैं. इस मांग को लेकर उन्होंने कहा कि पिछले 21 दिनों से लातूर जिले में बारिश नहीं हुई है जिसके चलते प्रशासन की और से बीमा कंपनी को दिए गए निर्देशों के अनुसार अगर 21 दिन तक किसी क्षेत्र में बारिश नहीं होती है तो उस क्षेत्र के किसानों को टेंडर दिए गए बीमा कंपनी की ओर से 25% फसल बीमा दिया जाना चाहिए.


 

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