मिलेट्स यानी कि श्री अन्न पर केंद्र सरकार के साथ राज्य सरकारों का बहुत ध्यान है. इसे देखते हुए मोटे अनाजों की खेती और उसकी सरकारी खरीद पर फोकस किया जा रहा है. इस साल को अंतरराष्ट्रीय मिलेट ईयर भी घोषित किया गया है ताकि लोगों को इसके प्रति जागरूक किया जा सके. इस बीच एक बड़ी खबर ये आ रही है कि मिलेट्स पर गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स यानी कि GST की कटौती की गई है. मोटे अनाजों के आटा से बनने वाले खाद्य पदार्थों पर जीएसटी को 18 परसेंट से घटाकर पांच परसेंट कर दिया गया है. इस तरह टैक्स में सीधा 13 फीसद की कटौती की गई है.
52वें जीएसटी काउंसिल की बैठक में मिलेट के आटा वाले प्रोडक्ट पर जीएसटी में 13 फीसद की कटौती का निर्णय लिया गया. फैसले के मुताबिक अगर किसी आटे में 70 फीसद मिलेट का आटा मिला हुआ है तो प्री पैकेज्ड और लेबेल्ड प्रोडक्ट पर पांच परसेंट जीएसटी लगेगा. अगर उसी आटे को खुले में (बिना ब्रांडेड प्रोडक्ट) बेचा जाए तो उस पर कोई जीएसटी नहीं लगेगा. इस फैसले को बड़ा माना जा रहा है क्योंकि इससे मिलेट के प्रोडक्ट को बढ़ावा मिलेगा और किसान भी इसकी खेती के लिए आगे आएंगे.
इस कटौती की घोषणा खुद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की. 52वें जीएसटी काउंसिल की बैठक के दौरान सीतारमण ने कहा कि जीएसटी काउंसिल ने एक सुर में यह फैसला लिया है कि जिस आटे में 70 फीसद मिलेट मिला होगा, उसके ब्रांडेड प्रोडक्ट पर पांच फीसद जीएसटी लगेगा. पहले यही दर 18 परसेंट हुआ करती थी. इस तरह सीधा 13 परसेंट की कमी की गई है.
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फैसले के मुताबिक, ऐसा कोई भी आटा या उससे बना प्रोडक्ट जिसमें 70 परसेंट मिलेट हो और उसे खुले में बेचा जा रहा है तो उस पर कोई जीएसटी नहीं लगेगा. ऐसे मिलेट के प्रोडक्ट को जीएसटी के दायरे से बाहर कर दिया गया है. ये ऐसे प्रोडक्ट हैं जो बिना किसी ब्रांड नाम के बिकते हैं. सरकार का यह फैसला ऐसे वक्त में आया है जब देश में कई राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं और अगले साल आम चुनाव भी है.
सरकार के इस फैसले से मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा मिलेगा और किसानों की कमाई बढ़ेगी. सरकार ने मिलेट को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देने के लिए इस साल को मिलेट ईयर घोषित किया है जिसमें संयुक्त राष्ट्र संघ की भागीदारी है. भारत सरकार की पहल पर संयुक्त राष्ट्र ने 2023 को इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स घोषित किया है. इससे एक दिन पहले छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोदो और कुटकी जैसे मोटे अनाज के समर्थन मूल्य को बढ़ाने का ऐलान किया. ऐसे कदमों से किसानों की कमाई बढ़ेगी.
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