फसलों की 184 वैरायटी की अधिसूचना जारी, चावल और कपास की सबसे अधिक किस्में

फसलों की 184 वैरायटी की अधिसूचना जारी, चावल और कपास की सबसे अधिक किस्में

इस अधिसूचना में सबसे अधिक चावल की 44 वैरायटी हैं जो अलग-अलग राज्यों के लिए जारी की गई हैं. इसके बाद गेहूं की ब्रेड और ड्यूरम की एक-एक वैरायटी हैं. जौ की एक वैरायटी है. मक्के की 13 वैरायटी को हरी झंडी दी गई है.

मूंग दाल का रकबा पिछले साल की तुलना में 3 लाख हेक्टेयर बढ़ा है. मूंग दाल का रकबा पिछले साल की तुलना में 3 लाख हेक्टेयर बढ़ा है.
जेपी स‍िंह
  • New Delhi,
  • Sep 05, 2024,
  • Updated Sep 05, 2024, 6:50 PM IST

सरकार ने आज फसलों की 184 वैरायटी या हाईब्रिड को जारी करने की अधिसूचना जारी कर दी. इसमें चावल, गेहूं, बार्ली, मक्का, बेबीकॉर्न, ज्वार, चीना, तिल, सोयाबीन, मूंगफली, सूरजमुखी, चना, अरहर, मूंग, बरसीम, गन्ना, जूट और कपास फसलें प्रमुख हैं. अधिसूचित की गई इन वैरायटी में चावल की किस्में सबसे अधिक हैं. इन वैरायटी की अधिसूचना केंद्रीय कृषि मंत्रालय की ओर से जारी की गई है. इसका नोटिफिकेशन सीड सर्टिफिकेशन स्टैंडर्ड्स के तहत जारी किया गया है.

फसलों की इन वैरायटी को अलग-अलग राज्यों में खेती के लिहाज से जारी किया गया है. फसलों की किस्मों को अधिसूचित करने वाली सब कमेटी ने मक्के की एक वैरायटी को खारिज कर दिया जिसका नाम जवाहर मक्का (बी) 2201 (सीएचसी-2201) है. यह खुले में परागण होने वाली किस्म है जिसे दिल्ली, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के लिए सिफारिश की गई थी. इसका प्रस्ताव अधूरा रहा, इसलिए सब-कमेटी ने इसकी अधिसूचना को रद्द कर दिया.

किन फसलों को मिली हरी झंडी

इन फसलों की अधिसूचना कृषि मंत्रालय की सेंट्रल सब कमेटी ने जारी की है. अधिसूचना जारी होने से पहले 2 अगस्त को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद यानी कि ICAR के डिप्टी डायरेक्टर जनरल डॉ. टीआर शर्मा की अध्यक्षता में बैठक हुई थी. इसमें स्पॉन्सरिंग अथॉरिटी की ओर से फसलों को जारी करने की सिफारिश मिली थी जिस पर आईसीएआर की सब कमेटी ने विचार करने के बाद वैरायटी को जारी करने की अधिसूचना जारी की. वैरायटी की अधिसूचना के लिए सब कमेटी की अगली बैठक नवंबर के अंतिम हफ्ते में होगी.

ये भी पढ़ें: सोयाबीन में कीटों और रोगों का खतरा, फसल को नुकसान से बचाने के लिए ये करें उपाय

इस अधिसूचना में सबसे अधिक चावल की 44 वैरायटी हैं जो अलग-अलग राज्यों के लिए जारी की गई हैं. इसके बाद गेहूं की ब्रेड और ड्यूरम की एक-एक वैरायटी हैं. जौ की एक वैरायटी है. मक्के की 13 वैरायटी को हरी झंडी दी गई है. इसके अलावा ज्वार की एक, चीना की एक, तिल की एक, सोयाबीन की दो, मूंगफली की दो, सूरजमुखी की तीन, चने की तीन, अरहर की दो, मसूर की तीन, मटर की चार, बरसीम की दो, चारा ज्वार की दो, चारा मक्का की चार, चारा मोती बाजरा की चार, चारा जई की चार, लूसर्न घास की एक, गन्ने की पांच, जूट की दो, अनाज अमरनाथ की छह और कपास की 61 किस्में हैं.

इन वैरायटी का दिया प्रस्ताव

इसके अलावा कुछ वैरायटी को नोटिफाई करने के लिए प्रस्ताव दिया गया है. चावल की 27, गेहूं की छह, मक्के की 15, बाजरा की चार, रागी की पांच, छोटा बाजरा की दो, चना की छह, मटर की एक, मसूर की एक, मूंग की छह, उड़द की एक, राजमा की दो, गन्ने की चार, कपास की दो, तंबाकू की दो, चिया सीड और ईसबगोल की एक-एक वैरायटी हैं.

ये भी पढ़ें: आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और मराठवाड़ा में बारिश ने मचाई तबाही, 18 लाख हेक्टेयर में फसल बर्बाद

 

MORE NEWS

Read more!