Vegetables Nursery: प्रो-ट्रे तकनीक से उगाएं सब्जियों की हेल्दी नर्सरी, बेहतर लाभ और फायदे अनेक

Vegetables Nursery: प्रो-ट्रे तकनीक से उगाएं सब्जियों की हेल्दी नर्सरी, बेहतर लाभ और फायदे अनेक

किसान सर्दी के मौसम में बैंगन, टमाटर, पत्तागोभी, फूलगोभी, शिमला मिर्च और ब्रोकोली की किसान बड़े पैमाने पर खेती करते हैं. अगर किसान पुराने तरीके से नर्सरी तैयार करते हैं तो समय पर सही और स्वस्थ पौध नहीं मिलती है. ये नर्सरी पौध कीट-रोगों से अछूते नहीं रहते हैं. इसके विपरीत प्रो-ट्रे तकनीक से नर्सरी पौध उगाकर सब्जियों से बेहतर उपज ले सकते हैं. 

प्रो ट्रे तकनीक से करें सब्जियों की खेतीप्रो ट्रे तकनीक से करें सब्जियों की खेती
जेपी स‍िंह
  • NEW DELHI,
  • Sep 13, 2023,
  • Updated Sep 13, 2023, 12:43 PM IST

सितंबर का महीना चल रहा है. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि इस महीने में किन सब्जियों की नर्सरी तैयार की जा सकती है जिससे आगे सीजन में सब्जियों की खेती से लाभ कमाया जा सके. उत्तर भारत में सितंबर के महीने में तापमान 25-30 डिग्री सेंटीग्रेड के आसपास रहता है. अब धीरे-धीरे मॉनसून खत्म हो रहा है. इसलिए यह मौसम अधिकांश सब्जियों की नर्सरी पौध तैयार करने  के लिए बहुत अच्छा होता है. इसमें बैंगन, टमाटर, पत्तागोभी, फूलगोभी, शिमला मिर्च और ब्रोकोली की नर्सरी अगर किसान पुराने तरीके से तैयार करते हैं तो उन्हें सही समय पर और स्वस्थ पौध नहीं मिलती है. पुराने तरीके से तैयार नर्सरी पौध में कीट-रोगों का प्रकोप और खुले में होने के कारण कई तरीके की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इससे स्वस्थ नर्सरी पौध नहीं मिल पाती है. इसके कारण आगे चलकर सब्जियों की कम उपज मिलती है. इसलिए स्वस्थ नर्सरी और क्वालिटी वाली नर्सरी पौध के लिए प्रो-ट्रे तकनीक से पौध उगाकर सब्जियों से अधिक उपज लेकर बेहतर लाभ कमा सकते हैं.

प्रो-ट्रे में उगती है हेल्दी नर्सरी पौध

कृषि विज्ञान केंद्र पूसा समस्तीपुर के प्रमुख और सब्जी विज्ञान के विशेषज्ञ और डॉ.अभिषेक प्रताप सिंह ने किसान तक से बातचीत में बताया, प्रो-ट्रे को प्रोपगेशन ट्रे या सीडलिंग ट्रे भी कहा जाता है. इस ट्रे का उपयोग टमाटर, शिमला मिर्च, पत्ता गोभी, फूलगोभी, मिर्च और करेला जैसे पौधे तैयार करने के लिए किया जाता है. बाजार में ऐसे ट्रे अनेक आकार में उपलब्ध हैं. अगर नर्सरी तैयार करने में इसके साथ ही और आधुनिक विधियों का भी इस्तेमाल किया जाए, तो ज्यादा फायदा है.

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अलग-अलग फसलों के लिए अलग-अलग खाचों के प्लास्टिक ट्रे आते हैं. इनमें परलाइट, वर्मीकुलाइट और कोकोपिट मिलाकर भरा जाता है, जिसमें बीजों का जमाव बेहतर होता है. उन्होंने कहा कि आमतौर पर इस विधि में 50 सेमी लंबी और 30 सेमी चौड़ी प्लास्टिक ट्रे होती है, जिसमें लगभग 104 कप के आकार बनाए जाते हैं. विभिन्न फसलों के लिए अलग-अलग स्लॉट वाली प्लास्टिक ट्रे हैं. ऐसी प्रो-ट्रे बाजार में 35 से 40 रुपये में मिल जाती है.

कैसे तैयार करें प्रो-ट्रे में नर्सरी पौध 

डॉ. अभिषेक ने किसान तक से बातचीत में कहा कि प्रो-ट्रे तकनीक में मिट्टी, पर्लाइट, वर्मीक्यूलाइट और कोकोपीट को समान अनुपात में मिलाकर मिश्रित किया जाता है और फिर 0.5 सेमी की गहराई पर बीज बोया जाता है. बुआई के बाद प्रो-ट्रे को पॉलिथीन सीट या पुराने अखबार से ढंक दिया जाता है और स्प्रेयर की सहायता से धीरे-धीरे पानी डाला जाता है. जैसे ही बीज अंकुरित होते हैं, शाम को प्लास्टिक/अखबार हटा दिया जाता है .

बहुत कम वक्त में तैयार हो जाती नर्सरी

इस प्रकार विभिन्न सब्जियों के बीज अंकुरित होने में कम दिन लगते हैं. शिमला मिर्च और मिर्च आठ से 10 दिन में, प्याज चार से छह दिनों में, बैंगन सात से आठ दिनों में, पत्ता गोभी दो से तीन दिनों में, टमाटर चार से छह दिनों में अंकुरित हो जाते हैं. पौधा 18 से 20 दिन में तैयार हो जाता है. इस ट्रे को शडनेट पॉली हाउस और छायादार स्थान पर रखा जा सकता है, जिससे पौधे को कीट रोगों और  बारिश  से बचाया जा सके.

बेड विधि से बेहतर है प्रो-ट्रे नर्सरी 

बेड विधि नर्सरी पौध में कीट-रोगों का प्रकोप और खुले में होने के कारण कई तरीके के परेशानियों का सामना करना पड़ता है जबकि प्रो-ट्रे नर्सरी में स्वस्थ पौधा तैयार होता है, जो खुले खेतों में लगाए जाने पर भी 100 प्रतिशत तक उपज देता है. दरअसल, इस तरह से नर्सरी तैयार करने में ज्यादा परेशानी या खर्चा नहीं आता है. लेकिन प्रो-ट्रे तकनीक इससे कहीं ज्यादा फायदेमंद है. प्रो-ट्रे विधि में नर्सरी पौध पर बैक्टीरिया-वायरस का ज्यादा आक्रमण नहीं होता है जिससे नर्सरी हेल्दी होती है. आगे जाकर बेहतर उपज मिलती है. प्रो-ट्रे नर्सरी  को पॉली टनल में रख कर तैयार कर सकते हैं.

प्रो-ट्रे नर्सरी तकनीक के अनेक लाभ

प्रो-ट्रे में खरपतवार नहीं जमते, तैयार पौध निकालने पर ज्यादा टूटती नहीं, खेतों में जल्द और अच्छी तरह लग जाती है. इनकी ट्रांसपोर्टेशन भी आसान है और बाढ़ या ओले जैसी आपदा में इनकी रक्षा करना ज्यादा आसान होता है. इस तरह आप प्रो-ट्रे तकनीक अपना कर स्वस्थ नर्सरी पौध तैयार कर सकते हैं, जिससे अगेती सब्जियों की खेती में आपको मदद मिलेगी. साथ ही स्वस्थ नर्सरी की बुनियाद पर सब्जी खेती से बेहतर उपज  पाएंगे.

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नर्सरी बिजनेस से कर सकते हैं कमाई

अगर कोई किसान या युवा नर्सरी का बिजनेस करना चाहता है तो सब्जी और फूल नर्सरी का बिजनेस करके मुनाफा कमा सकता है. एक पौधा तैयार करने में लगभग 25 पैसे से 50 पैसे का खर्च आता है और एक पौधा एक से डेढ़ रुपये में आसानी से बेचा जा सकता है. अगर कोई किसान दो लाख पौधे तैयार करता है तो वह तीन महीने में एक से 1.5 लाख रुपये कमा सकता है.

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