हरियाणा राज्य सहकारी आपूर्ति और विपणन संघ लिमिटेड (हैफेड) के अध्यक्ष कैलाश भगत ने बताया कि आने वाले समय में हैफेड ओमान को बासमती चावल का और अधिक निर्यात करेगा. सऊदी अरब के सफल निर्यात से उत्साहित हैफेड ने अन्य देशों में भी अपने कारोबार का विस्तार करने की योजना बनाई है. उन्होंने बताया कि हैफेड चालू वित्त वर्ष के दौरान 2 लाख मीट्रिक टन बासमती चावल के निर्यात (Basmati Rice Export) के लिए हरियाणा के किसानों से 4 लाख मीट्रिक टन बासमती धान की खरीद करने की योजना को लेकर कार्य कर रहा है. भारत का बासमती चावल अपने खास स्वाद और गुणों की वजह से दुनिया भर में मशहूर है.
हैफेड का एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधि मंडल इन दिनों दुबई, सऊदी अरब और ओमान के दौरे पर है. यह प्रतिनिधि मंडल हरियाणा के बासमती चावल के संभावित खरीदारों के साथ निर्यात गठजोड़ के लिए बैठकें आयोजित कर रहा है. बैठक में हैफेड के प्रबंध निदेशक ए श्रीनिवास, मुख्य महाप्रबंधक आरपी साहनी, मोनीश बहल, सैयद निसार अब्बास, जैद अल शमारी और जी. रवींद्रन सहित कई अन्य लोग शामिल रहे.
हरियाणा से गई टीम ने ओमान के शाही परिवार के सदस्य सैय्यद नवाफ भार्गश सैद अल सैद के साथ भी एक विस्तृत बैठक की. ताकि, चावल निर्यात कारोबार का विस्तार किया जा सके. प्रबंध निदेशक ए. श्रीनिवास ने बताया कि हैफेड ने हाल ही में सऊदी अरब की प्रमुख आयातक मैसर्स सालेह ए. बाबेकर संस रियाद कंपनी से लगभग 362 करोड़ रुपये मूल्य के 40000 मीट्रिक टन बासमती चावल का निर्यात ऑर्डर प्राप्त किया है. जिसमें से 20000 मीट्रिक टन के निर्यात ऑर्डर को सफलतापूर्वक सप्लाई कर दिया है. शेष को भेजने की प्रक्रिया जारी है.
इसके साथ ही हैफेड ने चालू वर्ष के दौरान मंडियों में बासमती धान की खरीद के लिए किसानों को अब तक की सबसे अधिक कीमत चुकाई है. जिससे किसानों को लाभ मिला है. हैफेड ने दिसंबर 2021 में सऊदी अरब का भी दौरा किया था. तब भी उसे वहां के एक प्रमुख आयातक से 5,000 मीट्रिक टन सेला बासमती चावल का एक एक्सपोर्ट ऑर्डर मिला था.
हरियाणा देश का प्रमुख बासमती उत्पादक और एक्सपोर्टर है. यहां के सभी जिलों को बासमती का जियोग्राफिकल इंडिकेशन यानी जीआई टैग मिला हुआ है. भारत बासमती एक्सपोर्ट में 25 परसेंट शेयर के साथ दुनिया का सबसे बड़ा राइस एक्सपोर्टर है. यहां से हर साल औसतन 30,000 करोड़ रुपये का बासमती चावल निर्यात होता है. हरियाणा के अलावा पंजाब, जम्मू, हिमाचल, उत्तराखंड, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बासमती धान की बड़े पैमाने पर खेती होती है. बासमती को क्वीन ऑफ राइस कहा जाता है.