टमाटर का इस्तेमाल खाने को स्वादिष्ट और रुचिकर तो बनाता ही है. साथ ही खाने की रंगत बदलने का काम भी करता है. इसका इस्तेमाल लगभग ज्यादातर ग्रेवी वाली सब्जियों में बखूबी किया जाता है, लेकिन क्या हो अगर आप टमाटर का इस्तेमाल करें और सब्जी का रंग काला हो जाए! जी हां, सही सुना आपने. अब तक सिर्फ कच्चे होने पर हरे और पकने पर लाल और हल्के ऑरेंज या पीले कलर के टमाटर ही देखे होंगे, लेकिन क्या आपने कभी काला टमाटर देखा है? दरअसल, महाराष्ट्र के बारामती में कृषि विकास ट्रस्ट के कृषि विज्ञान केंद्र ने काले टमाटर की खेती की है, जो सफल रही. यह टमाटर मुनाफे के लिहाज से भी काफी अच्छा है. मात्र 50 हजार की लागत में आप 5 लाख या इससे ज्यादा की कमाई कर सकते हैं.
कृषि विज्ञान केंद्र ने देशी किस्म के टमाटर के बीज का संकलन करके टमाटर उगाए हैं. काले टमाटर को देखने के लिए उत्सुकता से किसान केंद्र पहुंच रहे हैं. इस कृषि प्रदर्शनी में लगाए गए डिस्प्ले में विभिन्न प्रकार की फसलों को प्रदर्शत किया जा रहा है. वहीं, सबसे जरूरी बात यह है कि इनमें स्वदेशी किस्मों के संरक्षण पर जोर दिया गया है. काले रंग का टमाटर एक स्वदेशी किस्म के रूप में तैयार किया गया है.
इसके अलावा इस कृषि प्रदर्शनी में देशी टमाटर की 29 से अधिक किस्में प्रदर्शित की गई हैं, जिन्होंने अब तक लाल टमाटर देखे हैं, वे काले टमाटर देखकर आश्चर्यचकित हो रहे हैं. काला टमाटर दरअसल लाल टमाटर जैसा ही होता है. यह फल पकने पर काले रंग का हो जाता है. काले टमाटर में विटामिन सी, विटामिन ए, प्रोटीन, मिनरल्स और कई तरह के एंटी-ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं. ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने से लेकर डायबिटीज के मरीजों में ब्लड शुगर कम करने में इसका सेवन फायदेमंद माना जाता है.
ये भी पढ़ें - पूरे देश में मशहूर है मदनपल्ली का टमाटर, अब GI टैग दिलाने की तैयारी
कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञ संतोष करंजे ने बताया कि बारामती कृषि विज्ञान केंद्र में रासायनिक खाद का इस्तेमाल ना करते हुए गोबर की खाद के इस्तेमाल से टमाटर की खेती की गई है. इसलिए काले टमाटर के पौधों को बीमारी का खतरा बहुत ही कम रहता है.
देसी किम होने के वजह से काले टमाटर में मिठास बहुत ही अच्छी है. काले टमाटक की वैरायटी की खेती से किसानों को प्रति एकड़ 40 से 50 टन उत्पादन मिलेगा. अगर किसानों को काले टमाटर का भाव 10 रुपये प्रति किलो भी मिले तो एक एकड़ से 5 लाख रुपये की कमाई होगी, जबकि लागत सिर्फ 50 हजार ही लगेगी. हालांकि, मुनाफा बाजार की कीमतों पर ही निर्भर करता है.