केंद्र सरकार जन कल्याणकारी योजनाओं के लिए चावल की उपलब्धता बनाए रखना चाहती है. ऐसे में एफसीआई किसानों से धान खरीद बढ़ाने जा रही है, क्योंकि उसे बफर स्टॉक लिमिट टारगेट को पूरा करना है. एफसीआई ने कहा है कि छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मध्य प्रदेश समेत उत्तर प्रदेश के किसानों से धान की खरीद को बढ़ाया जाएगा. वहीं, धान खरीद कीमत ज्यादा मिलने की भी संभावना जताई जा रही है, क्योंकि कुछ राज्य एमएसपी बोनस की घोषणा करने वाले हैं. वहीं, सभी जनकल्याणकारी योजनाओं के लिए पर्याप्त मात्रा में चावल की उपलब्धता बनी रहने की बात कही गई है.
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने इस साल गेहूं की कम खरीद के कारण किसी भी समस्या की आशंका को खारिज कर दिया है और सभी कल्याणकारी योजनाओं के तहत वार्षिक आवश्यकता से अधिक मात्रा में चावल खरीद करने का विश्वास जताया है. जन कल्याणकारी योजनाओं के लिए सालाना चावल की जरूरत 41 मिलियन टन है और 2 जनवरी तक एफसीईआई ने 31.1 मिलियन टन खरीद कर ली है.
एफसीआई के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अशोक कुमार मीना ने कहा कि बफर स्टॉक के लिए चावल की उपलब्धता के बारे में चिंता का कोई कारण नहीं है. उन्होंने कहा कि अब तक खरीदे गए चावल की मात्रा कल्याणकारी योजनाओं की आवश्यकता को पूरा करने के लिए पर्याप्त है. जबकि, सभी कल्याणकारी योजनाओं के तहत चावल की वार्षिक आवश्यकता 41 मिलियन टन है और चालू सीजन अक्टूबर 2023 सितंबर 2024 के लिए 2 जनवरी तक 31.1 मिलियन टन खरीद हो चुकी है. उन्होंने कहा कि हम खाद्यान्नय जरूरत को पूरा करने के रास्ते पर हैं.
1 अक्टूबर को सीजन शुरू होने के बाद से पहले तीन महीनों में चावल की खरीद पिछले साल की अवधि में 34.79 मिलियन टन से 14 प्रतिशत गिरकर 29.93 मिलियन टन हो गई है. जबकि, अक्टूबर-दिसंबर 2022 में चावल की खरीद 2021 के स्तर से 11 प्रतिशत अधिक थी. विशेषज्ञों का मानना है कि चालू वर्ष की चावल खरीद 52.13 मिलियन टन के लक्ष्य से बड़े अंतर से चूक सकती है.
एफसीआई की ओर से कहा गया कि कम खरीद का एक कारण यह है कि खुले बाजार में धान की कीमतें भी बहुत अधिक हैं. दूसरा कारण यह है कि विधानसभा चुनावों के कारण तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में खरीद की गति धीमी थी. उन्होंने कहा कि आगे चलकर धान की खरीद में तेजी आने की संभावना है क्योंकि ये राज्य किसानों को बोनस देने की घोषणा करने वाले हैं. वहीं, उत्तर प्रदेश में धान की खरीद सुस्त रही है.
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